सामाजिक सांस्कृतिक एकात्मका का प्रतीक केलझर गांव
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नागपुर। धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में जानेजाने वाले वर्धा जिले के केलझर गांव में सामाजिक एकात्मता की मिसाल आज भी देखी का सकती हैं। केलझर में गणेश मंदिर हैं जो देश में प्रसिद्ध हैं, और यहां देश के कोने कोने से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, इतना ही नहीं ठीक इसी गणेश मंदिर टेकडी के सामने देढ़ किलोमीटर में अगले टेकडी पर सौ साल पुरानी हज़रत पीर बाबा कासम शाह इनकी दरगाह हैं, जिसे महाराष्ट्र सरकार ने पर्यटन क्षेत्र के रूप में अपने विकास कार्यों में शामिल किया, यहां भी देश के कोने कोने से हिंदू मुस्लिम अपनी सच्ची आस्था के साथ दर्शन के लिए आते हैं।
मौका था 12 फ़रवरी 2022 हज़रत पीर बाबा कासम शाह इनका सालाना ऊर्स जो दो साल कोरोना की पाबंदी उठने के बाद केलझर ऊर्स कमेटी ने आयोजित किया। इस ऊर्स की विशेताएं यह रहीं कि, नवदुर्गा महिला उत्सव मंडल केलझर जिसकी अध्यक्षा खुद एक मुस्लिम महिला सामाजिक कार्यकर्ता हमीदा शेख़ है, और सदस्य परविन शेख़ हैं, जो पिछले बीस सालों से नवरात्री में दुर्गा मूर्ति कि स्थापना कर संपूर्ण गाववालों के साथ दुर्गा उत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कर मनाती आ रही हैं।
इस बार पीर बाबा कासम शाह जी के ऊर्स के आयोजन के लिए भी विशेष तैयारी की गई, जिसमें गांव के तमाम हिंदू भाई बहनों ने अपना पूरा समर्पण के साथ सहयोग दिया सभी ने खानपान के साथ इस आयोजन को सफल बनाने के लिए अपना अमूल्य सहयोग कमेटी के साथ मिलकर प्रदान किया। परवीन शेख़ द्वारा आयोजित संदल में आजू बाजू के गांव से लेकर शहरों की भी कई बड़ी हस्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।
मेरे देखने में ये आया कि, हिजाब के पहनने पर राजनीति करने से बेहतर हैं देश के एक गांव में जहां इस तरह का सामाजिक सौहार्द हैं, ऐसे सौहार्द से अगर देश को जोड़े रखें तो अनेकता में ही एकता यह संदेश को दुनियां को जाता है जिसे हम हमेशा कायम रख सकेंगे, इसे हम किसी के फ़ायदे के लिए बटने नहीं देंगे।