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लता मंगेशकर गीत-संगीत, संस्कृत विश्वविद्यालय देशभर में बनें


देश को मिलेंगे नए प्रतिभाशाली विद्यार्थी

नागपुर। स्वर कोकिला, स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन के बाद उनके हजारों गीत से प्रेरित होकर आनेवाली भविष्य की पीढ़ी को गीत, संगीत, संस्कृति की शिक्षा देना समय की आवश्यकता है। पिछले आठ दशक में लता मंगेशकर ने हिंदी, मराठी, तमिल, कन्नड़, बंगाली भाषा सहित ३६ भारतीय भाषाओं में गीत गायन करके विश्व रिकॉर्ड बनाया है। अपने ९२ वर्ष के जीवनकाल में उन्होंने ३०००० से अधिक गीत की प्रस्तुति की थी। 

लता मंगेशकर जैसे कलाकार सदियों में एक बार जन्म लेते हैँ। वे भारतीय के लिए संस्कृति, गीत, संगीत की पुरोधा थी। लता मंगेशकर ने दिल को छू लेनेवाली आवाज़ के जादू से फिल्मी, देशभक्ति, दुःख, सुख, ख़ुशी, प्यार, मोहब्बत, बाल्यकाल के गीतों की सुमधुर प्रस्तुति दी। 

उनकी बेहतरीन आवाज के गीत रेलवे यात्रा, हवाई जहाज, ट्रांसपोर्ट बस यात्रा के साथ छोटे बड़े व्यवसायिक क्षेत्र की आम जनता के बीच प्रख्यात हुए हैं। लता मंगेशकर देश ही नहीं विदेश में भी संगीत, गीत की प्रस्तुति दे चुकी है। उन्होंने रॉयल अल्बर्ट हॉल में अपनी सुमधुर आवाज का जादू बिखेरकर भारत का नाम विश्वविख्यात कर दिया। 

लता मंगेशकर के गीत गायन के वक्त कुछ खासियत भी रही है। उनमें पैरो की चप्पल उतारकर सरस्वती, संस्कृति को सम्मान देना प्रमुख सभ्यता रही है। उनकी मुख्य फिल्मों में मंगला गौर, बड़ी मां, जीवन यात्रा, मंदिर, छत्रपति शिवाजी, पुकार आदि रही है। उनका उपनाम गोवा के एक मंगेशी गांव से पड़ा। पहले यह उपनाम हार्डीकर था। लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर अपने जमाने के मशहूर शास्त्रीय संगीतकार थे। 

लता मंगेश्कर को सर्वोत्तम गायिका फेयर पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ गायिका का पुरस्कार, महाराष्ट्र राज्य पुरस्कार, पद्मभूषण, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड पुरस्कार, दादासाहेब फाल्के पुरस्कार, फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, स्टार स्क्रीन लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, पद्मविभूषण पुरस्कार, राजीव गांधी अवॉर्ड, जी सिने लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, आइफा लाईफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, हीरो होंडा, स्टारडस्ट सदी का सर्वोत्तम गायिका का पुरस्कार, भारत रत्न, नूरजहां, महाराष्ट्र रत्न आदि पुरस्कार से विभूषित किया गया। लताजी ने राम राम मेहमानों पाहुने, मोहित्यांची मंजुला, मराठा तितुका मेलवावा, साड़ी मानते, तांबे माती आदि फिल्मों में संगीत भी दिया। 

लता मंगेशकर ने अपने जीवन में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के समक्ष ए मेरे वतन के लोगों का देशभक्ति गीत गाकर उन्हें भावुक कर दिया। साथ ही उन्हें देश की हर लोकसभा के प्रधानमंत्री ने बधाईयां दी। उनमें पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर, पीएमपी वी नरसिंहराव, अटलबिहारी बाजपाई, एचडी देवीगौडा, इंद्रकुमार गुजराल, मनमोहनसिंह 

वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समय समय पर उनकी उपलब्धियों पर बधाईयां दी। साथ ही साथ पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जाकिर हुसैन, वी वी गिरी, फखरुद्दीन अली अहमद, बी डी जत्ती, नीलम संजीव रेड्डी, ज्ञानी जैलसिंह, मोहम्मद हिदायतुल्ला, रामास्वामी वेंकटरमन, शंकरदयाल शर्मा, के आर नारायणन, ए पी जे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी, वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आदि ने भी समय समय पर उनकी सराहना की। 

स्वतंत्रता के बाद भारत के २९ राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने भी लता मंगेशकर के गीतों को सुनकर उनकी सराहना की। इतना ही नहीं भारत के हजारों सिनेमाग्रहों में लता मंगेशकर के संगीतमय गीतों गत ८ दशक से १३९ करोड़ जनता ने सराहा है। ऐसी संगीत, गीत स्वर साम्राज्ञी, स्वर कोकिला की याद में भारत सरकार को देशभर में गीत, संगीत, संस्कृति के लिए अलग से लता मंगेशकर विश्वविद्यालय की घोषणा मरणोपरांत करके उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देनी होंगी। जिससे भविष्य में देश को अनेक गीत, संगीत, संस्कृति की प्रतिभाएं मिल सकती है।


 - आनंदमनोहर जोशी

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