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जब लता दीदी नागपुर में दिलीप पनकुले के घर आई


                                                       लता दीदी को सीडी दिखाते हुए दिलीप पनकुले।

नागपुर। अनुसूया माता के परम भक्त राकांपा प्रदेश सचिव दिलीप पनकुले ने बताया कि दीदी से मिलने की कामना करता था, आश्चर्यजनक घटनाक्रम हुआ और वे घर आ गईं।


श्री पनकुले ने कहा बताया कि लता मंगेशकर के सुरीले गीत बचपन से ही दिल - दिमाग में गूंजते रहे हैं। हमेशा मन में उनसे मिलने की कामना करता रहा। बहुत इच्छा थी लता मंगेशकर कभी उनके घर भी आए। इसी के चलते जीवन में यह भी हार्दिक इच्छा थी कि अनुसया माता के गीतों की आवाज स्वर कोकिला लता मंगेशकर की मधुर वाणी में रिकॉर्ड हो। लता दीदी की आवाज में तो गीतों की रिकॉर्डिंग तो हो नहीं सकी लेकिन इनके घर लता दीदी का आगमन जरूरहो गया था।

दिलीप पनकुले ने जानकारी देते हुए बताया कि परम श्रद्धेय महानुभाव जगदीश खेबुडकर और सुरेश भट ने लता दीदी के माध्यम से अनसुया माता के गीत गाने का सुझाव दिया था। कुछ कारणों से वह ये गीत नहीं गा सकी लेकिन उन्होंने उषा मंगेशकर व सुरेश वाडकर के नाम सुझाएँ थे।

श्री पनकुले ने आगे बताया कि असल में दीदी से बरसों पहले पहली मुलाकात कांग्रेस के दिग्गज नेता एनकेपी सालवे के माध्यम से मुंबई के वरली चौक में हुई थी। उसके बाद उनसे समय - समय पर मिलता रहा। 1996 में जब लता दीदी नागपुर में सत्कार कार्यक्रम के सिलसिले में आई थी तो पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ नेता दत्ता मेघे के घर गई थीं। 

यह संजोग ही कहिए कि वहां से वे दिलीप पनकुले के घर में भी आई थी। वहां पनकुले परिवार के सदस्यों के साथ उनकी बातें एकदम आत्मीय थी। पनकुले के निवास स्थान पर ही लता दीदी ने अनुसया माता के भक्ति गीतों की सीडी का विमोचन किया था। पनकुले परिवार के लिए लता दीदी के साथ बिताया हुआ वह क्षण तथा अनमोल यादें जिंदगी भर नहीं भूल सकेंगे।


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