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महिला काव्य मंच : बासंती बयार कविता की फुहार


नागपुर। महिला काव्य मंच की नागपुर शाखा द्वारा बसंत पर ज़ूम पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें महिला काव्य मंच की राष्ट्रीय सचिव डाॅ. रचना निगम मुख्य अतिथि के रूप में गुजरात से सम्मिलित हुईं और अपनी दो विशिष्ट रचनाओं का पाठ किया। महिला काव्य मंच के संस्थापक नरेश नाज़ द्वारा स्थापित यह मंच राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सतत सक्रिय है।
 
कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला काव्य मंच महाराष्ट्र की उपाध्यक्ष श्रीमती रीमा दीवान चड्ढा ने की तथा स्त्री के प्रेम पर अपनी रचना सुनाई। विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती सुधा राठौर ने मधुर गीत प्रस्तुत किया। अतिथि कवयित्री मुंबई से डाॅ ज्योति गजभिये ने विदेश में बसे भारतीयों के देश के वसंत से प्रेम पर रचना सुनाई। अतिथि कवयित्री ठाणे की श्रीमती शर्मिला चौहान ने घनाक्षरी छंद सुनाये। 

नागपुर महिला काव्य मंच की अध्यक्ष शगुफ्ता यास्मीन काज़ी ने कार्यक्रम का संयोजन किया एवं बसंत पर अपनी रचना सुनाई। अंजुलिका चावला ने बासंती दोहों के साथ ऋतु के साथ स्त्री के साम्य पर एक कविता सुनाई। सर्वप्रथम संचालिका रश्मि मिश्रा ने गणेश वंदना की फिर मयूरा देवरस ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। रश्मि मिश्रा ने बसंत पंचमी की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला और पुलवामा के शहीदों को नमन किया। 

इस कार्यक्रम में बासंती रंग से सराबोर एक से बढ़कर एक रचना प्रस्तुत की गयी जिसमें डाॅ. आरती सिंह 'एकता', विद्या चौहान, सुनीता केसरवानी, सुरेखा खरे, रूबी दास, सुषमा अग्रवाल, कविता कौशिक, उमा हरगण, तनवीर खान, रेशम मदान, चन्द्रकला भरतिया, किरण हटवार, सरोज गर्ग तथा अपराजिता राजोरिया सम्मिलित हुईं। अपनी एक छोटी रचना के साथ रामकुमारी करनाहके ने आभार प्रदर्शन किया।
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