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दयानंद आर्य कन्या महाविद्यालय में प्रयोजनमूलक हिंदी व्याख्यानमाला का ऑनलाइन आयोजन


नागपुर। आर्य विद्या सभा द्वारा संचालित दयानंद आर्य कन्या महाविद्यालय जरीपटका में प्रयोजनमूलक हिंदी व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया. व्याख्यानमाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद, दिल्ली के पूर्व उपाध्यक्ष, आर्य विद्या सभा के उपाध्यक्ष एवं कॉलेज इंचार्ज दादा घनश्यामदास कुकरेजा, कार्यक्रम की अध्यक्ष महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ.श्रद्धा अनिलकुमार, अतिथि वक्ता नवीन सिंह सहित समस्त प्राध्यापक गण एवं बी.ए, बी.कॉम की लगभग 80 से अधिक छात्राओं की उपस्थिति में किया गया. 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि घनश्याम दास कुकरेजा ने व्याख्यानमाला में सहभागी होकर छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए हिंदी भाषा के तकनीकी कौशलों में निपुण होकर मास्टर्स डिग्री की और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. उनका मत था कि जब तक भाषा के साथ रोजगार नहीं जुड़ेगा भाषा की प्रगति नहीं होगी. उन्होंने आभासी मंच से केंद्र सरकार से निवेदन किया कि युवाओं का भविष्य उज्जवल करना है तो भाषा को रोजगार से जोड़ना चाहिए. कार्यक्रम के प्रथम दिन अतिथि वक्ता के रूप में भारतीय हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL), नागपुर के सीनियर राजभाषा अधिकारी नवीन सिंह उपस्थित थे. 

इन्होंने हिंदी विज्ञापन और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र इस विषय पर व्याख्यान देते हुए वर्तमान में सूचना प्रौद्योगिकी (IT) क्षेत्र की महत्ता को बताया. साहित्यिकी, मीडिया, अनुवाद, विज्ञापन, आईटी क्षेत्र में रोजगार पाने के लिए किस पात्रता की आवश्यकता है? इस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए इस तथ्य पर बल दिया की, सुगमता से रोजगार पाने के लिए भाषा पर हमारा प्रभुत्व होना चाहिए तभी हम विकास की बुलंदियों को छू सकते हैं. 

द्वितीय दिन मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में सहायक निदेशक (राजभाषा) कार्यालय प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त नागपुर के डॉ. अनिल त्रिपाठी उपस्थित थे. उन्होंने अध्यापन व प्रशिक्षण से रोजगार इस विषय पर वक्तव्य देते हुए कहा कि हिंदी भाषा में अन्य भाषाओं से दुगने अवसर उपलब्ध हैं. आवश्यकता  है अपने ऊपर आत्मविश्वास की, ईमानदारी पूर्ण प्रयासों की. साथ ही रेडियो जॉकी, समाचार पत्र, मीडिया, यू.पी.एस.सी, एम.पी.एस.सी स्टाफ सिलेक्शन के विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की जानकारी  ही नहीं दी बल्कि संप्रति जो छात्र स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की कंबाइंड हायर सेकेंडरी लेवल की परीक्षा में भाग लेना चाहते हैं, उनके पंजीयन के लिए वर्तमान में निकले नोटिफिकेशन की जानकारी दी जिस की अंतिम तिथि 7 मार्च 2022 है. 

तीसरे दिन को मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में दैनिक भास्कर समाचारपत्र के वरिष्ठ उपसंपादक श्रीमान टीकाराम साहू 'आजाद' उपस्थित थे. उन्होंने हिंदी पत्रकारिता और मीडिया से रोजगार इस विषय पर वक्तव्य देते हुए पत्रकारिता के लिए दृढ़ निश्चय, प्रयास, आत्मविश्वास, स्वाभिमान इन चार बातों की आवश्यकता पर बल दिया साथ ही जर्नेलिज्म के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उनका मानना था कि अगर भाषा पर प्रभुत्व हो तो रोजगार के ढेरों द्वार खुले हैं. जैसे साहित्य सृजन, सूत्र संचालन, ट्रैवल एंड टूरिज्म के क्षेत्र में गाइड, रेडियो जॉकी, प्रिंटिंग प्रेस आदि. पत्रकारिता में फोटोग्राफी के महत्व और उनके नए आयामों पर भी प्रकाश डाला. 

चौथे दिन राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ मनोज पांडेय उपस्थित थे. उन्होंने रचनात्मक लेखन एवं साहित्य कर्म से रोजगार इस विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि रचनात्मक लेखन के लिए भाषा पर विशिष्ट दक्षता होनी चाहिए. अनुभवों की साझेदारी ही हमें रचनात्मक और सृजनात्मक बनाती है और हममें ज्ञान का निरंतर संवर्धन करने की प्रवृत्ति जब तक नहीं होगी, तब तक हम प्रगति नहीं कर सकते. उनका मानना था कि समय संदर्भ को ध्यान में रखकर रचनात्मक लेखन एक नया आयाम उभरा है पर इसमें मूल्य वही है - मानवीयता और संवेदना बोध. उनका मानना था कि ज्ञान, विचार, अनुभव, कल्पना की मौलिकता ही किसी रचना को रचनात्मक बनाती है. 

पांचवे दिन मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में राजभाषा सम्मान से सम्मानित, कृष्ण मोहन मेमोरियल फाउंडेशन के संस्थापक, संप्रति कर्मचारी राज्य जीवन बीमा निगम के अनुवादक के पद पर कार्यरत डॉ. जयप्रकाश उपस्थित थे. उन्होंने अनुवाद व सरकारी कामकाज में हिंदी और रोजगार इस विषय पर अपना वक्तृत्व दिया. सर ने अनुवाद का अर्थ, सफल अनुवादक बनने के लिए मान्य योग्यता,जीवंत उदाहरनों एवं छात्रों के साथ संवाद कर स्पष्ट की. एक तरह से उन्होंने संक्षिप्त रूप में छात्रों को एक आदर्श अनुवादक का प्रशिक्षण ही दे दिया एवं छात्रों के मन से गणित का भय निकालकर आगे के भविष्य के लिए रोजगार के विविध अवसरों की तथ्यात्मक जानकारी ही नहीं दी बल्कि ईमान में उनके कार्यालय में रिक्त पदों के नोटिफिकेशन की जानकारी दी एवं छात्रों को रोजगार की और अग्रसर होने के लिए,उनका मार्गदर्शन किया. 

कार्यक्रम की अध्यक्षा प्राचार्या डॉ.श्रद्धा अनिल कुमार ने भारतेंदु हरिश्चंद्र जी के कथन 'निज भाषा उन्नति अहै,सब उन्नति को मूल. बिन भाषा ज्ञान के, मिटै न हिय को सूल' इस कथन द्वारा हिंदी भाषा के महत्व व वैज्ञानिक युग में भी उन्नति के लिए हिंदी भाषा की प्रासंगिकता को स्वीकार किया एवं इस तथ्य को ज्ञापित किया कि हिंदी भाषा के अध्ययन से ही अभिव्यक्ति को स्वतंत्रता मिलती है एवं आत्मनिर्भरता बढ़ती है.

कार्यक्रम का समन्वयन एवं संचालन डॉ. नीलम हेमंत वीरानी ने किया एवं आभार प्रदर्शन डॉ. योगेश्वरी डबली ने किया. कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु कार्यक्रम की संयोजिका प्राचार्या डॉ. श्रद्धा अनिल कुमार ने अथक प्रयास किया. जिसमें महाविद्यालय समस्त प्राध्यापिकाओं और छात्राओं का सहयोग प्राप्त हुआ.

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