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जानम देख लो...


युवांश क्रिएशन' की सुरों से सजी एक शाम

नागपुर। 'युवांश क्रिएशन' की संगीत से सजी एक ख़ूबसूरत शाम 'जानम देख लो'। जिसमें, प्यार भरे गीतों को शहर के सुपरिचित कलाकारों ने अपनी आवाज से सजाया। सर्वप्रथम, युवांश क्रिएशन की क्रिएटिव डायरेक्टर वैशाली मदारे ने बी. पदमा जी का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। तथा, क्रिएटिव डिजाइनर राज चौधरी ने कार्यक्रम की रूपरेखा रखी। तत्पश्चात, एक से बढ़कर एक नग्मों को प्रस्तुत किया गया। 

जिसमें, गुणवंत हर्षे ने 'तेरे मेरे सपने', 'बोल दो ना जरा', असित कुमार गड़पायले ने 'आज से तेरी,' एक अजनबी हसीना से', आशीष त्रिवेदी ने 'तू ही मेरी शब है', 'मैं रहूं या ना रहूं', सुरेखा कापसे ने 'यह दिल और उनकी', 'दिल में तुझे बिठा के', रजनी मेश्राम ने 'ऐ दिल मुझे बता दे', 'देखा एक ख्वाब तो', सुनील कठाले ने 'मुस्कुराता हुआ गुनगुनाता हुआ', 'परदेसिया यह सच है पिया', नितिन रामटेके ने 'राह में उनसे मुलाकात हो गई',  

'मेरे रंग में रंगने वाली', सतीश जीवने ने 'मुस्कुराने की वजह', 'ओ मेरे दिल के चैन', रमेश अय्यर ने 'अकेले-अकेले', वैशाली मदारे ने 'संवार लूं', 'फूल तुम्हें भेजा है खत में', राज चौधरी ने कार्यक्रम का शीर्षक गीत 'जानम देख लो', 'चांद सी महबूबा हो', युगल गीतों में वैशाली मदारे और राज चौधरी ने 'कहो ना प्यार है', सुरेखा कापसे जी के साथ मिलकर 'मेरे प्यार की उमर हो' गाकर समां बांध दिया। 

कार्यक्रम का खूबसूरत संचालन बी. पदमा ने किया। कार्यक्रम में साउंड सिस्टम दिलीप भाई ने संभाली तथा सुंदर लाइव स्ट्रीमिंग विनोद अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम की संकल्पना राज चौधरी की रही तथा आभार वैशाली मदारे ने व्यक्त किया।
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