भारत बन रहा विश्व व्यापार और पर्यटन का प्रमुख देश
देश के करोड़ों नागरिकों को मिल सकता है रोजगार और स्वयं रोजगार
नागपुर (आनंदमनोहर जोशी)। जहां चीन जनसंख्या के हिसाब से प्रथम आबादी के साथ विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन के लिए व्यापार का केंद्र रह चुका है। कोरोना काल के बाद विश्व के सैकड़ों देश के साथ साथ भारत, चीन, अमेरिका की अर्थव्यवस्था भी लड़खड़ा गई है। भारत की जनसंख्या १३९ करोड़ से ऊपर होने जा रही है। अन्य देशों की तुलना में हमारा देश व्यापार, संस्कृति, लोककला, हस्तकला, तकनीकी, आयुर्वेद, कुटीर उद्योग के लिए जाना जाता है।
मूर्तिकला, राजस्थान और गुजरात के कलाकारों लकड़ी का काम (काष्ठ कला), सूरत, इचलकरंजी, राजस्थान के कारीगरों की वस्त्र कलाकारी, मेहंदी प्रतिस्पर्धा, वृंदावन के कलाकारों की पुष्प महल कलाकारी, बंगाल के जूट कारीगरों की कलाकारी, महाराष्ट्र की बाम्बू बांस से बनाई चटाई, देशभर के नागरिकों द्वारा बनाए गई मिट्टी से बने सुराई, घड़े, नांद, कुल्हड़ जो की पानी पीने के काम के लिए उपयोग में आते है।
इसके साथ साथ इलेक्ट्रिक इलेक्ट्रॉनिक्स गृह उद्योग दिल्ली राज्य का प्रमुख व्यापार है। पंजाब के कारीगरों द्वारा लोहे से बनाए गए कड़ाई, झारे, पावसी, पायली , अलीगढ़ के ताले, दक्षिण भारत राज्य में बनाए जानेवाले सतरंजी, लूंगी, लुधियाना में बनाए जानेवाले रेडीमेड गारमेण्ट उद्योग, कोलकाता के कारीगरों द्वारा बनाए गई मूर्तियां, छत्तीसगढ़ के कलाकारों द्वारा बनाई जानेवाली झाड़ू, नागपुर के कलाकारों द्वारा चितार ओली में बनाए जा रही मिट्टी की मूर्तियां, कुम्भारपुरा में बनाए जा रही सुरई, घड़े, नांद, दीपक भी रोजाना प्रयोग में लाई जाती है। यही नहीं भारत के मध्य स्थित जीरो माइल नागपुर स्थित कलमना कृषि उपज मंडी में संतरा, मोसंबी का प्रमुख उत्पादक शहर है। नागपुर के पास भिवापुर लाल मिर्ची, गुंटूर, पत्नलाल मिर्च, केरल से पाइनापल, नाशिक से अंगूर, चीकू, कश्मीर के सेब, भुसावल के केले, उत्तर भारत, रत्नागिरी और दक्षिण भारत के आम, मराठवाड़ा के किसानों द्वारा प्रमुख उत्पाद गन्ना से बनाई जा रही शक्कर, गुड़ भी विश्व व्यापार के दौरान रोजगार अर्थव्यवस्था में प्रमुख भूमिका निभा सकते है। पर्यटन की दृष्टि से भारत में विभिन्न स्थान दर्शनीय स्थल के लिए मशहूर है।
जिसमें महाराष्ट्र का रायगढ़ किला, नागपुर का जीरो माइल, दीक्षा भूमि रामटेक का मंदिर, ताड़ोबा वनक्षेत्र, पेंच प्रकल्प, दिल्ली का कुतुबमीनार, लाल किला, हैदराबाद का चारमीनार, मुंबई का चौपाटी, भारत के ऐतिहासिक स्थान, राजस्थान के किले, पुष्कर, उज्जैन, हरिद्वार, केदारनाथ, अयोध्या राम मंदिर आदि विविधता में एकता यह पर्यटन के लिए प्रमुख स्थल है। भारत में भविष्य में यदि पर्यटकों के लिए सभी राज्य में खानपान, व्यंजन की व्यवस्था करके साधन उपलब्ध के लिए युवाओं को भारत सरकार सहयोग करे, तो लाखों लोगों को रोजगार और स्वयं रोजगार के अवसर मिल सकते है। वैसे भी गत ६५ से ७५ वर्ष से भारत की सरकार ने केवल राजनीति में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी रखा है। आनेवाले समय में भारत जैसे देश में रोजगार और स्वयं रोजगार के लिए अनेक संभावनाएं है।
इसके लिए देश की व्यापार, पर्यटन की राष्ट्रीय नीतियों को रोजगार, स्वयं रोजगार के अनुरूप बनाना होंगा। चूंकि गत दो साल में विश्व की आर्थिक स्थिति कोरोना महामारी के कारण डगमगा गई है। अब आरोप प्रत्यारोप की राजनीति से अलग होकर पक्ष और विपक्ष के नेताओं को देश के व्यापार और पर्यटन से स्वयंवरोजगार और रोजगार के अवसर पर ध्यान देना जरूरी है। आशा हैं कि भारत सरकार लोकसभा में नागरिकों के रोजगार, स्वयं रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तत्काल कदम उठाएगी।