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श्री गुरु हरिराइ साहिब अवतार दिवस मनाया गया


नागपुर। जरीपटका स्थित श्री कलगीधर सत्संग मंडल द्वारा 14 फरवरी को गुरु नानक की गद्दी के सातवें स्वरुप श्री गुरु हरिराय साहिबजी का अवतार दिवस (जन्म दिवस) श्रद्धापूर्वक मनाया गया।
गुरबाणी प्रचारक अधि. माधवदास ममतानी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को गुरु हरिराय साहिब के अवतार दिवस (जन्म) के इतिहास के बारे में बताया कि छठवीं पातशाही श्री गुरु हरगोबिंद साहिब की आज्ञा पाकर उनके सुपुत्र बाबा गुरदित्ता जी ने कीरतपुर शहर की सुंदर रचना की। 


वहीं उनकी सुपत्नी को गर्भधारण हुआ प्रसुति के समय कीरतपुर में आनंद का वातावरण छा गया। जब सवा पहर रात रह गई तब सुंदर मुखड़े वाले बालक ने अवतार लिया। उस समय अचानक शंख बजने की आवाज सभी को सुनाई दी। स

भी मंगल गीत गाने लगे। बाबा गुरदित्ताजी बालक का जनम सुनकर बहुत प्रसन्न हुए। सभी आकर उन्हें बधाईयां देने लगे। बाबा गुरदित्ता जी ने उस समय विनंती भरा पत्र लिखकर एक सेवक को अपने पिता गुरु हरगोबिंद साहिब के पास अमृतसर भेजा कि इस बालक का नाम जो आपको अच्छा लगे वह रखें। 

गुरु हरगोबिंद साहिब जी पौत्रे का जनम सुनकर बड़े प्रसन्न हो गए और सभी को अन्न-धन्न, गहने, वस्त्रादि बांटे। अंतर्यामी गुरु हरगोबिंद साहिब ने इस बालक को गुरगद्दी का 7 वां स्वरुप जानकर इसका नाम ‘हरि राय’ रखा। आगे चलकर गुरु हरगोबिंद साहिब ने अपने पौत्र गुरु हरिराय को गुरु नानक की गद्दी का 7 वां स्वरुप बनाया।

कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 6 बजे श्री जपुजी साहिब व श्री सुखमनी साहिब के सामुहिक पाठ के साथ हुआ। कार्यक्रम का समापन आरती, ग्यारह गुरुओं व दसम ग्रंथ में वर्णित आदि शक्ति भवानी माता की स्तुति, अरदास के साथ हुआ। अवतार दिवस के उपलक्ष्य में सभी श्रद्धालुओं को गुरु का लंगर प्रसाद वितरित किया गया।
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