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81 वीं जयंती पर जगजीत सिंह को किया नमन


नागपुर। गजल सम्राट जगजीत सिंह को उनकी 81 वी जयंती पर अरविंद इंडो पब्लिक स्कूल ने आदरांजलि दी। होठों से छू लो तुम, कागज की कश्ती और मेरी जिंदगी किसी और की जैसे सदाबहार गीतों को गाने वाले ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 राजस्थान के श्री गंगानगर जिले में  हुआ था। उन्होंने उस्ताद जमाल खान और पंडित छगनलाल शर्मा से संगीत की शिक्षा हासिल कर ली डी एवी कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली और कुरुक्षेत्र से इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया। 

गायन के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए वे 1965 में मुंबई आ गए। आर्थिक तंगी ने उन्हें शादियों और पार्टियों में गाने के लिए बाध्य किया। 1976 में जगजीत सिंह और चित्रा सिंह ने अपना पहला एलबम ,"द अनफॉरगेटेबल" रिलीज किया। बस! यहीं से तकदीर चमक उठी और सफलताएं कदम चूमने लगी। दोनों एक साथ कॉन्सर्ट करने लगे। 1980 तक वे गजल सम्राट बन चुके थे। 'अर्थ' ,'प्रेम गीत' 'लीला','सरफरोश', 'तुम बिन', 'वीर जारा', 'जिस्म', 'जॉगर्स पार्क' फिल्मों ने उन्हें जबरदस्त लोकप्रियता दिलाई। 

लेकिन उनकी लव लाइफ काफी उथल-पुथल भरी रही। 18 वर्षीय बेटे की सड़क दुर्घटना में हुई मौत से वे टूट से गए थे। अगले 8 माह तक खामोश रहे। 70 वें जन्मदिन में लिया 70 कॉन्सर्ट का कॉन्ट्रैक्ट लिया। यूके, सिंगापुर और मॉरिशस में कॉन्सर्ट करने के बाद मुंबई में गुलाम अली के साथ कॉन्सर्ट करने ही वाले थे कि ब्रेन हेमरेज हो गया। लीलावती अस्पताल में 2 हफ्ते कोमा में रहने के बाद 10 अक्टूबर को दम तोड़ दिया।

बेटे की मौत से टूट चुके जगजीत सिंह ने भक्ति गीत गाए। 'मां' और 'हे राम' ने इतनी धूम मचाई की जगजीत सिंह गजल की दुनिया में लौट आए। दर्द भरी आवाज में लाखों दिलों में जगह बना ली। वैसे भी मोहम्मद रफी उनके आदर्श थे, जालंधर में ऑल इंडिया रेडियो पर उन्होंने रफी के गीत गाए। शुरुआती दिनों में जगजीत सिंह ने जिंगल्स की रचना करके अपना जीवन यापन किया। 1987 में 'बियोंड टाइम' शीर्षक से एक डिजिटल एल्बम रिकॉर्ड करने वाले वे पहले भारतीय संगीतकार थे। 

1982 में उनके संगीत कार्यक्रम लाइव एट रॉयल अल्बर्ट हॉल के टिकट मात्र '3' घंटे में बिक गए थे। उनके निधन के बाद 2014 में भारत सरकार ने उनके सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया था। प्राचार्य राजेंद्र मिश्रा ने स्कूल की तरफ से उन्हें आदरांजलि उन्हीं की गजल चिट्ठी ना कोई संदेश के द्वारा दी। स्कूली विद्यार्थियों ने भी उन्हीं के गीतों से उन्हें आदरांजलि दी।
समाचार 6677204097441860660
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