नागपुर शहर में है 52 ऐतिहासिक कुएं
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ऐतिहासिक कुओं का अस्तित्व बचने की उम्मीद जगी
नागपुर। नागपुर महानगर पालिका द्वारा शहर में स्थित ऐतिहासिक कुओं व बावड़ियों संवर्धन करने का निर्णय लिया गया है। जिसके अंतर्गत सभी कुओं की सफाई कर उस पर आरो प्लांट लगाया जाएगा। जिससे पीने के पानी की समस्या काफी हद तक कम हो जायेगी। नागपुर शहर में सिर्फ 52 ऐतिहासिक कुएं होने की जानकारी मनपा में दर्ज है। लेकिन भोसलेकालीन क्षेत्र को देखे को अब भी कई कुएं है जिसकी जानकारी मनपा के पास नहीं है।
जीरो माइल फाउंडेशन के सदस्य व जल मित्र डॉ. प्रवीण डबली ने महापौर दयाशंकर तिवारी का इस मुद्दे को नया देने हेतु आभार माना है। साथ ही उम्मीद जताई है की आने वाली नए पदाधिकारी भी इस योजना को अमल में लाएंगे। साथ ही एक समयबद्ध कार्यक्रम के अंतर्गत कार्य निश्चित समय में करने की घोषणा करनी चाहिए।
ज्ञात हो की ऐतिहासिक कुओं के संबंध में जीरो माइल फाउंडेशन के सदस्य व जल मित्र डॉ. प्रवीण डबली ने 15 मई 2021 को महापौर दयाशंकर तिवारी व पालकमंत्री नितिन राऊत को ऑनलाइन ज्ञापन देकर शहर के ऐतिहासिक कुओं का संवर्धन करने की मांग की थी, ताकि भविष्य में पानी की समस्या से न जूझना पड़े। डॉ. डबली ने अपने ज्ञापन में कहा था *" प्यास लगने पर कुआं खोदना"* कोरोना काल में यह चरितार्थ होती नजर आ रही है। लेकिन यह पानी के संबंध में न हो यह अभिलाषा है।
उन्होंने कहा था की दिन ब दिन पानी बचाने व उसके संरक्षक हेतु निवेदन व जनजागृति की जा रही है। तो दूसरी तरफ हमारे शहर में स्थित हजारों ऐतिहासिक कुओं की ओर हम अनदेखा कर रहे है। जो कभी इस शहर के लिए पानी की जरूरतों को पूरा करते थे। आज अपनी दुर्दशा पर आसू बहा रहे है। कई तो कचरे के ढेर में दबा दिए गए तो कई टूट फूट गए।
गांधीबाग जोन में सबसे अधिक ऐतिहासिक कुएं
डॉ. डबली ने बताया कि शहर के जोन क्रमाक 6 गांधीवाग में मनपा के अनुसार सबसे अधिक 43 ऐतिहासिक कुएं है। बाकी सभी जोन में मात्र 9 किए है। जिसमे धरमपेठ में 2, धंतोली में 2, नेहरूनगर में 1, सत्रंजीपुरा में 1, लकड़गंज में 1, आसीनगर में 2, लक्ष्मीनगर, हनुमाननगर व मंगलवारी जोन में एक भी ऐतिहासिक कुआ नहीं है। कई कुएं इसे भी है जिसकी जानकारी मनपा के पास नहीं है।
शहर के 854 सार्वजनिक कुएं
डॉ. डबली ने बताया कि हर वर्ष गर्मी में पानी की समस्या मुंह बाहें खड़ी रहती है। कई जगह टैंकरों से पानी की आपूर्ति करनी पड़ती है। शहर में 24x7 की योजना पर काम हो रहा है। वही दूसरी तरफ शहर का वैभव व शहर की पानी की जरूरतों तो पूरा करने वाली सैकड़ों कुएं आज अपनी स्थिति पर आसू बहा रहे है। नागपुर महानगर पालिका की रिकॉर्ड के अनुसार शहर में कुल 854 सार्वजनिक कुएं है। इस कुओं की स्थिति एसी है की इसमें से एक भी कुएं का पानी पीने योग्य नहीं है।
किस जोन में कितने कुएं
डॉ प्रवीण डबली ने बताया कि शहर में कुल 10 जोन है। जिसमे हर जोन में सार्वजनिक कुएं है। लक्ष्मीनगर जोन में 83, धरमपेठ जोन में 91, हनुमाननगर जोन में 54, धतोली जोन में 70, नेहरूनगर जोन में 85, गांधीबाग जोन में 154, सतरंजीपुरा जोन में 94, लकड़गंज जोन में 74, आसीनगर जोन में 104 व मंगलवारी जोन में 45 सार्वजनिक कुएं है। सभी 10 जोन मिलाकर नागपुर शहर में 854 सार्वजनिक कुएं होने की जानकारी मिली है। इसमें घरों में स्थित निजी कुओं की जानकारी उपलब्ध नहीं है। उपरोक्त कुओं में से एक भी कुएं का पानी पीने योग्य नहीं है।
कुओं पर लगे है 333 पंप
डॉ. डबली ने बताया कि शहर के 854 में से कई कुओं पर करीब 333 मोटर पंप लगे है। जिसमे से कई बन पड़े है तो कई पंप की चोरी हो गई है। इन पंप के माध्यम से करीब 24623 घरों को पानी का लाभ होने की जानकारी मनपा द्वारा दी गई । वहीं 82065 लोगो को इसका लाभ होने की बात कही गई है। इन सारे पंप का लाखो रूपयो का बिजली बिल भी मनपा द्वारा ही भरा जाता है। पंप से कुछ क्षेत्रों में कुछ प्रमाण में पानी की समस्या हल हुई है। सबसे अधिक पंपों की संख्या गांधीबाग जोन में है। जहा 50,000 लोगो को इसका फायदा होने का दावा किया जा रहा है।
मनपा की ऐतिहासिक कुओं की जानकारी अधूरी
शहर के सभी वार्ड में स्थित एतिहासिक कुएं व बाउली की जानकारी अपने नगरसेवकों व जोन अधिकारियों से जमा करवाना चाहिए। कई कुएं अब भी सरकारी क्षेत्रो में है जिसकी जानकारी मनपा के पास नहीं है। आसिनगर जोन में भी ब्रिटिश कालीन कई आस्थापना मौजूद थे। जिससे इस क्षेत्र में भी कई ऐतिहासिक कुएं है। जिसमे 70 x 70 फिट व्यास का सबसे बड़ा कुआं मोतीबाग रेलवे कॉलोनी में मौजूद है। को पूरे क्षेत्र को पानी मुहाया करने की क्षमता रखता है। शहर में कई विशाल भोसलेकालीन कुएं मौजूद है। वे येसी जगह बने है जहा पानी मुबलक मात्रा में मौजूद है। 'जीरो माइल फाउंडेशन' के सदस्य और जल मित्र डॉ. प्रवीण डबली ने मांग की है कि मनपा प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कुओं की स्थिति से अवगत कराना चाहिए और उन्हें पुनर्जीवित कर पीने योग्य बनाना चाहिए।
मनपा रिकॉर्ड मे भोसलेकालीन ऐतिहासिक कुएं
धरमपेठ जोन - टेकडी रोड व संगम चाल
धंतोली जोन - गोंड बस्ती व रघुजनगर
नेहरूनगर जोन - बाहुबली कुआं नंदनवन कॉलोनी
गांधीबाग जोन - पंचांग बस्ती, कोठिवान बटबिंतन हॉल की पीछे, दक्षिणामूर्ति, त्रिवेदी वादा, राममंदिर गल्ली (जून हिस्लॉप कॉलेज), जोहारीपुरा, खिरुलालवाडी गाडीखाना, जानकीबाई धरमशाला, रामाजी वाडी, विठ्टल मंदिर कर्नल बाग, मामा पान मंदिर दसरा रोड, भुतिया दरवाजा, मासूम कुआ (दसरा रोड), शेळके हाऊस, महादेव मंदिर (रामवाड्या जवळ), घटे हाऊस कोठीरोड, शिर्के रोड हेडगेवार स्मारक के पास), राजेंद्र हायस्कूल, निंबाळकर हाऊस दसरा रोड, गायत्री कॉन्व्हेन्ट राहतेकर वाडी, रहातेकर वाडी, भोसले विहार,
अलिमिया खांब, खोडे उद्यान, रतन कॉलोनी, अग्निमाता मंदिर शिवाजी नगर, गणपती मंदिर शिवाजी नगर, नंदाजिनगर, चिकन 20 पूरा राम मंदिर नाईक रोड, खरात भवन, किल्ला मानकर, कोठेकर संग बिल्डिंग, जोशी संघ बिल्डिंग, मुले वाडा मुंजे सभागृह के पास, फुले गल्ली, टालाटुले रिसालदार गल्ली, पाठक हाऊस रिसालदार गल्ली, वाघमारे हाऊस रिसालदार गल्ली, चिटणीस पार्क स्टेडियम, रमेश जिरे गंजी पेठ, महादेव मंदिर गंजीपेठ स्कूल, मोक्षधाम, गुजरवाडी।
सतरंजीपूरा - प्रभाग २१ में
लकड़गंज - गुजरनगर
आसीनगर - वैशालीनगर, गणोबावाडी