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विवेकानंद जी के विचारों को आत्मसात करने की आवश्यकता : डॉ. शहाबुद्दीन शेख


नागपुर पुणे। विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश की बाल संसद इकाई के तत्वाधान मैं आयोजित कार्यक्रम का विषय- "गणतंत्र दिवस,  मकर संक्रांति,  लोहड़ी,  श्री स्वामी विवेकानंद जी" में डॉ. शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख, अध्यक्ष, पुणे, महाराष्ट्र ने अध्यक्षीय भाषण में अपना मंतव्य देते हुए कहा-  बाल संसद इकाई के कार्यक्रम  से अंतः करण की अभिव्यक्ति मिलती है। बच्चों में, शरीर में सुप्त गुणों को व्यक्त करने का अवसर प्रदान करते हैं। हम बाल संसद के माध्यम से महीने भर के त्योहारों और विशेष व्यक्तियों के जन्मदिवस आदि पर प्रथम रविवार को कार्यक्रम रखते हैं।

प्रजा के हाथों में प्रजा के माध्यम से जो प्रतिनिधि नियुक्त होते हैं उनके द्वारा शासन संचालित होता है ऐसा गणतंत्र दिवस के बारे में कहा। सूर्य के मकर  राशि में प्रवेश होने के कारण आपस की कलुषिता मिटाकर मिठास भरें। ऐसा संदेश हमें मकर संक्रांति देती है । स्वामी विवेकानंद जी के बारे में कहा कि,  भारत के वे प्रेरणास्रोत हैं । भले ही कम आयु तक जिए पर उन्होंने जो कुछ भारत माता के प्रति अर्पित किया है, वह वंदनीय है। 

मुख्य अतिथि - श्री पवन कुमार द्विवेदी जी,  उपनिरीक्षक , भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस  के उद्वोधन ने बच्चों के मन में देशभक्ति की भावना बलवती कर दिया। 

शौर्य सिंह कुशवाहा, इंदौर, मध्य प्रदेश ने मकर संक्रांति पर स्वरचित कविता सुनाई, आराध्या सोनी,  उज्जैन, मध्य प्रदेश ने, मैं हूं भारतवासी भारतवासी रहूंगा अपने देश की रक्षा के खातिर हरदम तैयार रहूंगा, सुनाया। शिवी जैन,  इंदौर , मध्य प्रदेश ने,'एकता का प्रतीक है देश इसमें लोगों के कई हैं वेश' गाया। आद्विका कुशवाह, इंदौर,  मध्य प्रदेश ने भारत के कई त्योहारों को दर्शाते हुए मनमोहक नृत्य किया। प्रिया श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश, 'डूबती हुई संस्कृति को बचाना है, बापू के आदर्शो पर चलकर हमें बताना है।' गाया। 
प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में डॉ. गोकुलेश्वर द्विवेदी जी,  संस्था सचिव, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश एवं डॉ. रश्मि चौबे राष्ट्रीय बाल संसद प्रभारी द्वारा संपन्न हुआ इसमें बच्चे बड़े ही उत्साहित दिखे। मंत्र वुधोलिया , दतिया , मध्य प्रदेश, प्रथम स्थान पर रहे।

अल्बेर शेख, औरंगाबाद,  महाराष्ट्र ने गाया - भारत का सन्यासी,  नाम विवेकानंद था। श्रद्धा बालकृष्ण उत्पात, औरंगाबाद, महाराष्ट्र ने कहा - विवेकानंद जी ने भारत के गौरव को देश  देशांतर में उज्जवल करने का का प्रयत्न किया। शितल आहीरे, औरंगाबाद, महाराष्ट्र 'आओ मनाएंगे संविधान की हर बात' कविता सुनाई। आराध्या गजेंद्र बोरसे, औरंगाबाद , महाराष्ट्र ने नृत्य किया - दुश्मन के छक्के छुड़ा दे हम इंडिया वाले। निध्याना महेंद्र,  बिलासपुर , छत्तीसगढ़ ने बताया कि, 26 जनवरी 1950 को, संविधान लागू हुआ था। संचित सिंह,  इंदौर , मध्य प्रदेश, - अलग-अलग जगह लोहड़ी और मकर संक्रांति कैसे मनाई जाती है, बताया। कार्यक्रम के अंत में मंत्र बुधौलिया एवं मैत्री बुधौलिया, संगीत के साथ राष्ट्रगान, दतिया मध्य प्रदेश ने गाया

आभार प्रदर्शन डॉ. रश्मि चौबे,  राष्ट्रीय बाल संसद प्रभारी , गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश ने किया।  डॉ.सुनीता यादव बाल संसद प्रभारी महाराष्ट्र में अतिथि का परिचय दिया।
कार्यक्रम का सफल संचालन रुशिल सोनी,  इंदौर , मध्य प्रदेश ने किया।

कार्यक्रम की शुरुआत स मंत्र, मैत्री बुधौलिया, दतिया, मध्य प्रदेश, के तबला, हरमोनियम के साथ सरस्वती वंदना से हुई। कार्यक्रम में संस्था के पदाधिकार श्रीमती ज्योति तिवारी बाल संसद प्रभारी मध्य प्रदेश, युवा सांसद प्रभारी, एवं अन्य अनेक अधिकारियों के अलावा  बच्चों के माता-पिता एवं अन्य अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
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साहित्य 4226927484680690660
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