मंजुळधारा किताब का हुआ विमोचन
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ऐसे करावे दर्पण ! जन लोका होईल ते अर्पण,
स्मरणिका स्पंदन एक आठवण ! आम्हां होईल हृदयात..
नागपुर/वर्धा। महात्मा गांधी एवं विनोबा भावे की पावनभुमी वर्धा के पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होळकर सभागृह मे ग्राम स्वराज्य महामंच की ओर से 9 जनवरी को आयोजित कार्यक्रम स्पंदन स्मरणिका प्रकाशन 'राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज की तुकड्या ची झोपडी' के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता, कवयित्री, अस्तित्व फाऊंडेशन महिला मंडल अध्यक्षा सौ. मंजुताई प्रकाश हेडाऊ इनके द्वारा लिखित मराठी कविता संग्रह 'मंजुळधारा' किताब का अॅड. वामनराव चटप (पूर्व विधायक एवं किसान नेता), ग्राम स्वराज्य महामंच के अध्यक्ष मधुकर कोवे गुरूजी, कार्यक्रम अध्यक्षा सौ मालतीताई वडतकर, जय विदर्भ संगठन विदर्भ प्रांत अध्यक्षा सौ रेखाताई निमजे, सौ माया काळे, अस्तित्व फाऊंडेशन के संस्थापक प्रकाश हेडाऊ इनके करकमलो द्वारा किताब का विमोचन किया गया।
कोरोना काल मे सबकुछ थंब सा गया था, जिस वजह से समय का सदुपयोग कर अपनी प्रतिभावो को क्रियान्वीत कर उन्होने अपने अंदर की कवयित्री को उजागर करते हुये 100 से ज्यादा मराठी एवं कई हिंदी कविताओं की रचना की। उनकी कविताओं मे आजकी सामाजिक परीस्थिती, कलम की ताकत, देशभक्ती, समाज प्रबोधन, सैनिक का दर्द आदी अनेकानेक पहलूओं का दर्शन होता है। यह किताब सबको सहज समझ सके ऐसी मराठी भाषा मे लिखकर कविप्रेमीयों के लिये परोसी गयी है, जिसका प्रास्ताविक महंत डॉ संजयजी बर्वे इन्होने अपने मार्मिक शब्दो मे किया है।
राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के विचार जनमानसतक पहुचाने के लिये 'तुकड्या ची झोपडी' स्मरणिका का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम के प्रमुख अतिथी अॅड. वामनराव चटप ने अपने भाषण मे कहा की, देश को गुलामगिरी की विचारधारा से मुक्त कराने की ताकद ऐसे वैचारिक लेख और कविताओं मे होती है, और ऐसी रचनाएं समाज को आईना दिखाने का कार्य करती है, समाजजागृती में इनका विषेश योगदान होता है। इस कार्यक्रम के दौरान विदर्भ के अनेक मान्यवर व्यक्ती उपस्थित थे। अनेक मान्यवरो नें अपनी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की। कार्यक्रम का प्रास्ताविक कोवे गुरूजी एवं आभार सौ माया काळे ने किया।