तोता - मैना की चिट चैट : तीन गुणा दो बराबर पाँच
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तोता ने मैना को चिन्तित देखा तो दूर के पेड़ से आकर उसकी चोंच सहलाते हुए पूछा - ‘क्या हुआ मैना प्यारी, तुम्हारे सुन्दर सलोने पंखों पर चिन्ता की चंचल रेखाएं दिखाई पड़ रही हैं?’ मैना ने अपने पंखों को सिकोड़ते हुए कहा - ‘जाओ, तुमसे बात नहीं करना.....’ । तोते ने मैना के पंखों को सहलाने की असफल कोशिश करते हुए कहा - ‘नाराज हो मुझसे? कहो, क्या कर सकता हूँ मैं तुम्हारे लिए?’ मैना ने तोते से दूर हटते हुए कहा - ‘मेरे साथ तीन पाँच मत खेलना, मेरी आँखें खुल गई हैं, मैने तीन गुणा पाँच होते देख लिया है.’ तोता ने हैरान होते हुए कहा-‘ ये कैसी पहेलियां बुझा रही हो मैना? मेरी समझ में कुछ नहीं आया.’
मैना ने अपनी चोंच को संभालते हुए कहा - ‘जिला गाजियाबाद की खबर है. खोड़ा गांव की एक महिला ने थाने में रिपोर्ट लिखवाई कि उसका पति अपनी दूसरी पत्नियों को ज्यादा समय देता है. उसने आरोप लगाया कि उसका पति अन्य दो पत्नियों के भड़काने पर भेदभाव और मारपीट करता है.’ मैना की बात सुनकर तोता चौंक पड़ा और थरथराते हुए बोला - ‘हाँ, लेकिन यह सब मनुष्यों में होता है, पक्षियों में नहीं. फिर तुम क्यों दुखी हो रही हो?’ मैना ने कहा - ‘उस महिला ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी दो साल पहले हुई थी और उसके पति से उसकी एक बेटी भी है. उसके पति की पहले भी दो शादियां हो चुकी थीं. पहली पत्नी से उसकी एक आठ साल की बेटी है और दूसरी पत्नी से भी उसके दो बच्चे हैं. फिर भी उसके साथ उसने तीसरी शादी की. इस तरह तीन पत्नियों से उसके पाँच बच्चे हैं.’ तोता ने सहज होकर कहा - ‘ओह, तो तुम इसीलिए तीन पाँच और तीन गुणा दो बराबर पाँच की पहेली बुझा रही थी और मेरे दिल में शमा जला रही थी. अरे मैना, तू बहुत भोली है. बीवी या पत्नी के मामले में मनुष्यों की पहेली समझना बड़ा कठिन है. मैं जब यह पहेली समझाऊंगा तो तुम्हें समझ में आ जाएगा, यह तुम्हारी बुद्धिमत्ता पर निर्भर करेगा. तुम मेरी बात समझ रही हो न?
’मैना ने कहा - ‘तो तुम्हें मेरी बुद्धिमत्ता पर शक सन्देह है?’ तोता ने अपनी चोंच को पेड़ की डाल पर रगड़ कर कहा - ‘बात ही ऐसी चक्करदार है, जरा ध्यान से सुनो. एक बार मैं एक विद्वान के घर पिंजरे में था तब मैंने उससे सुना था कि पति बहुत सी हिन्द - ईरानी भाषाओं में स्वामी या मालिक के लिए एक शब्द है. यह संस्कृत, हिन्दी, अवेस्ताई फारसी और बहुत सी अन्य भाषाओं में देखा जाता है. इसका स्त्रीलिंग रूप पत्नी है जिसका अर्थ स्वामिनी या मालकिन निकलता है. यह शब्द अक्सर दूसरे शब्दों के पीछे स्वामित्व दिखाने के लिए जोड़ा जाता है जैसे लखपति, सेनापति, क्षेत्रपति, राष्ट्रपति आदि. आधुनिक हिन्दी ,नेपाली, बंगाली और हिन्द - आर्य भाषाओं में अकेले पति शब्द का अर्थ शौहर होता है और पत्नी का अर्थ बीवी होता है.’ मैना ने कहा - ‘लेकिन लोग जब मियां-बीवी कहते सुने जाते हैं तब मालिक - मालकिन या स्वामी – स्वामिनी जैसा वजन तो नहीं सुनाई देता, ऐसा क्यों?’ तोता ने मुस्कराते हुए कहा - ‘वजन की तो तुम बात ही मत करो मैना, यह वजन ही तो पति या मियां को बहकाता है और पत्नी या बीवी के मोटी होते ही पति को पतली लड़कियों या महिलाओं की ओर भटकाता है, फिर मियां-बीवी या पति पत्नी के बीच लफड़े करवाता है.’ मैना ने कहा - ‘अच्छा..! तो वजन की छोड़ो और पति - पत्नी कहो, उस विद्वान ने क्या कहा था?’
तोता ने अपनी चोंच को ताव देते हुए कहा - ‘माना जाता है कि पति एक अति प्राचीन शब्द है और आदिम हिन्द - यूरोपीय भाषा से उत्पन्न हुआ था. प्राचीन ईरानी भाषाओं में ‘ दमन - पैति’ जैसे शब्द थे जो संस्कृत के दम्पति का सजातीय शब्द है. पति के सजातीय शब्द बहुत सी हिन्द - यूरोपीय भाषाओं में मिलते हैं जैसे, अंग्रेजी का डेस्पॉट शब्द यूनानी भाषा के देस– पोतिस से विकसित हुआ है जिसका अर्थ मालिक, स्वामी, शासक हुआ करता था और अंग्रेजी में इसका अर्थ तानाशाह हो गया है. लैटिन भाषा में पोती शब्द मिलता है जिसका अर्थ यूनानी और संस्कृत से थोड़ा बदल गया और स्वामी की जगह इसका अर्थ क्षमतावान बन गया. इसी से अंग्रेजी में पोटेंट, पोटेंशियल जैसे शब्द आए जिनका अर्थ शक्तिशाली और शासक होता है.
लिथुएनिया की भाषा में पत्स शब्द पाया जाता है जिसका अर्थ पति की तरह ही शौहर होता है.’ मैना ने जरा गंभीर होकर कहा - ‘इसी से यह पति या शौहर नाम का प्राणी महिला, पत्नी या बीवी पर शासन करने लगता है और तानाशाह बन जाता है, यही कहना चाहते हो न तुम?’ तोता ने कहा - ‘देखो मैना, तुम इस जानकारी को अन्यथा ले रही हो, यह अच्छी बात नहीं है. इस अन्यथा लेने के कारण ही पति-पत्नी के हँसते खेलते संसार में तूफान आता है और तीन पाँच होने का अवसर मिलता है. क्या समझी?’
मैना ने कहा - ‘पति के बारे में तो तुम बहुत जानते हो, पत्नी के बारे भी कुछ जानते हो?’ तोता ने मुस्कराते हुए कहा - ‘हर सिक्के के दो पहलू होते हैं जैसे पति पत्नी जीवन के दो पहलू हैं. किसी भी विवाहिता स्त्री को भार्या, परिणीता, जोरू, सहगामिनी, सहचरी, जीवन संगिनी, जीवन साथी, बीवी, पत्नी कहा जाता है. धर्मपत्नी वह स्त्री होती है जिसके साथ धर्मशास्त्र के अनुसार विवाह हुआ हो. सपत्नी उसे कहा जाता है जो किसी स्त्री के पति की दूसरी पत्नी हो, उसे सौत या सौतन कहा जाता है.’ मैना ने कहा - ‘जैसे तुम्हारी तोती तुम्हारी पत्नी और तुम्हारी मैना उसकी सपत्नी? ’तोता ने झेंपते हुए कहा - 'मैना तुम भी न कमाल करती हो. मैंने तुमसे प्यार किया है मैना, विवाह नहीं. तुम आगे सुनो तो सही. देखो, हर स्त्री पत्नी नहीं हो सकती.
पत्नी एक पवित्र शब्द है. इसे पति का स्त्रीलिंग कहना अनुचित है. पाति रक्षति पा + इति = पति अर्थात स्वामी, किन्तु पत्नी का अर्थ स्वामिनी नहीं होता. पति + नी = पतिनी शब्द का बिगड़ा हुआ शब्द पत्नी है. नी का अर्थ है अग्रणी, पथ प्रदर्शक, आगे चलने वाला, इसी प्रकार पतिनी का अर्थ है पति को साथ लेकर धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति में उसके आगे - आगे चलने वाली स्त्री. पतिनी के चार रूप हैं - धर्म पत्नी, अर्थ पत्नी, काम पत्नी, मोक्ष पत्नी और जिस स्त्री में यह चारों विशेषताएं होती हैं वह पूर्ण पत्नी है.
’मैना ने तोते की बातें सुनी तो पूछ बैठी - ‘जिस पत्नी ने अपने पति के बारे में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई है, उसे क्या कहना चाहिए, बता सकते हो?’ तोता ने कहा -‘ उसके बारे में मैं क्या कह सकता हूँ? हाँ, इतना कह सकता हूँ कि उसके पति को पहली पत्नी में चारों बातें नहीं मिली होंगी तो दूसरी और फिर तीसरी शादी की होगी.’ मैना ने कहा - ‘क्या तुम कोई ऐसा उदाहरण दे सकते हो कि किसी पति को एक पत्नी में चारों विशेषताएं मिली हों.’ तोता ने चहक कर कहा - ‘मैं एक स्वामी जी के पिंजरे में था तो रामायण सुना करता था, उससे मुझे पता चला कि अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी और उन तीन पत्नियों से पाँच बच्चे हुए, चार पुत्र व एक पुत्री. राजा दशरथ की एक पत्नी कैकयी में पूर्ण पत्नी की चारों विशेषताएं थीं जिसके कारण वह उन्हें बहुत प्रिय थी.
कैकेयी ने युद्ध के मैदान में अपने पति के रथ का संचालन किया तो धर्म पत्नी, रथ के नष्ट हो जाने पर रथ को पुनः जोड़कर पति को विजयश्री दिलाई तो अर्थ पत्नी, पति के काम भाव को तुष्ट करते हुए भरत जैसा महान पुत्र दिया इसलिए काम पत्नी. राम के प्रति अति प्रेम से ग्रस्त पति को फटकार कर मोहभंग किया जिससे राम का नाम लेते हुए उनकी मृत्यु हुई तो कैकेयी हुई अपने पति की मोक्ष पत्नी. ’तोते की इस व्याख्या को सुनकर मैना बोली - ‘पति पत्नी पुराण सुनाकर तुमने बड़ा उपकार किया तोते, अब हम दोनों को एक दूसरे से कभी कोई शिकायत नहीं होगी. शुक्रिया, धन्यवाद, थैंक्यू.’ तोता ने चहक कर कहा - ‘मियाँ बीवी राजी तो क्या करेगा काजी.’
- परमात्मानंद पांडेय 'मतवाला'