उच्च लाभदायक बहुस्तरीय खेती के मॉडल को देखने पहुंचे महाराष्ट्र के किसान
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नक्शे में ढूंढते ढूंढते पहुंचे कोंडागांव
नागपुर/रायपुर। कोंडागांव स्थित 'मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर' पर आज देश में बहुचर्चित उच्च लाभदायक बहु स्तरीय खेती के मॉडल को देखने और डॉ राजाराम त्रिपाठी से मिलने के लिए महाराष्ट्र से प्रगतिशील किसान परिवार का दल गोपाल जी के नेतृत्व में नक्शे में कोंडागांव को ढूंढते ढूंढते पहुंचा।
उस समय सभी भावुक हो उठे, जब इन्होंने कोंडागांव की धरती पर पहुंचकर इन्होंने सबसे पहले 'मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म' की धरती को प्रणाम किया। इन्होंने मीठी तुलसी अर्थात स्टीविया सफेद मूसली, हल्दी, अनाटो, लौग तुलसी आदि की फसलों का निरीक्षण किया। शक्कर से 25 गुना मीठी स्टीविया की पत्तियों को चखा और इसकी मिठास से तो सभी दंग रह गए।
ऑस्ट्रेलियन टीक तथा उस पर लगी हुई काली मिर्च की भरपूर पैदावार को देखकर तथा इससे होने वाली आमदनी का अनुमान लगाकर, यह लोग बहुत प्रसन्न हुए तथा अपने खेतों पर भी, मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के साथ मिलकर जैविक पद्धति से वृक्षारोपण तथा हर्बल की खेती करने की इच्छा प्रकट की है।
इस दल में महाराष्ट्र के प्रगतिशील किसान गोपाल जी भी आए हैं जो कि चीन, हांगकांग तथा कई देशों में रह चुके हैं और चीनी जापानी, अंग्रेजी, मराठी, हिन्दी के साथ की और भी कई भाषाएं जानते हैं। उनके साथ आए हुए उनके नाती कुणाल जी जो कि केवल 9 -10 वर्ष की ही है उन्होंने भी कई विदेशी भाषाएं सीखी हैं।
कुणाल चीनी जापानी अंग्रेजी हिंदी मराठी भली-भांति बोल देते हैं आगे फ्रेंच, डच तथा जर्मन सीखना चाहते हैं। और उन्होंने कहा कि यह सारी भाषाएं सीख कर आगे वह हर्बल के बाजार को पूरे विश्व में फैलाने में मां दंतेश्वरी हर्बल समूह की मदद भी करेंगे।