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भारत के बच्चों ने अमेरिका में पर्यावरण सुरक्षा के नाटक को किया प्रस्तुत


अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस और कोरोना योद्धा सम्मान हुआ

नागपुर/पुणे। 'अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्य प्रवाह' फ़िलेडेल्फ़िया अमेरिका की संस्थापक डॉ. मीरा सिंह व अध्यक्ष डॉ. अनीता सिंह फ़िलेडेल्फ़िया अमेरिका द्वारा 5 जून अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस और कोरोना योद्धा साहित्यकार सम्मान का भव्य आयोजन, तीन पीढ़ियों के संग किया गया। 

जिसमें मॉस्को, अमेरिका, नीदरलैंड्स, सिंगापुर और भारत के लगभग 20 बच्चों ने पर्यावरण संबंधी चित्र कथा पट के माध्यम से पर्यावरण सुरक्षा संबंधी संदेश को नाटक के रूप में प्रस्तुत किया जो बहुत ही सराहनीय क़दम था। 

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत के वरिष्ठ गीतकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र ने की। अपने गीतों के ध्वनित शब्दों से महोत्सव को बुद्धिनाथ मिश्र ने कोरोना से विजयी होने का मूलमंत्र भी जनता को संप्रेषित किया। 

शिक्षाविद् डॉ. सूर्य प्रकाश दीक्षित लखनऊ, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान आगरा के उपाध्यक्ष अनिल जोशी, भारत, प्रोफ़ेसर बीना शर्मा, निदेशक, केन्द्रीय हिंदी संस्थान, आगरा, डॉ. जवाहर कर्नावट, निदेशक, हिंदी भवन भोपाल, डॉ. रामेश्वर सिंह, मास्को, प्रोफ़ेसर नीलू गुप्ता अमेरिका, रीता पांडे, सिगांपुर, डॉ. आलोक गुप्त गांधीनगर, गुजरात, डॉ. संजीव कुमार दिल्ली, डॉ. पी. सी. पांडे, पूर्व निदेशक इसरो अहमदाबाद आदि को कोराना योद्धा सम्मान सादर प्रदान किया गया। 

डॉ. आलोक श्रीवास्तव उपनिदेशक, इंडियन आयल मुंबई, डा. मुक्ता कान्हा कौशिक छत्तीसगढ़, प्राचार्य शहाबुद्दीन नियाज़ मुहम्मद शेख पुणे आदि ने भी धैर्य और संयम को धारण कर, जनता को कोरोना से विजयी होने का संदेश दिया। 

जिसमें अमेरिका से नैतिक याशवी पाटनी अमेरिका के फिलाडेल्फिया से दिया। सिंगापुर से अंकिता व निकिता पांडे और नेवी सेठी तथा नीदरलैंड से आयसा लाड और भारत से आदिती सिंह और आदित्य सिंह  ने हिस्सा लिया है।

सिंगापुर से ही रीता पांडे ने अपनी कविता के माध्यम से पर्यावरण की सुरक्षा हेतु पौधे लगाते हुए अपनी अनुभूति को व्यक्त किया। अतिरिक्त सियाटल अमेरिका से बाल साहित्यकार 8 वर्ष के आदी ऐयर और दीया ऐयर अमेरिका के सबसे छोटे बाल कवि साहित्यकार 7 वर्ष के नैतिक पाटनी थे। 2 वर्ष की बालिका कलाकार अमायरा सिंह भारत ने पौधों मे पानी डालते हुए अभिनय किया। 

अंत में अंतरराष्ट्रीय हिन्दी साहित्य प्रवाह की संस्थापक डॉ मीरा सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त कर सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामया: के मंत्र से विश्व कल्याण की भावना सहित कार्यक्रम का समापन किया।
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