नई पीढ़ी को जीवन मूल्य से अवगत कराना बुद्धिजीवियों का दायित्व : शशि दीप
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नागपुर/मुंबई। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लेखिका, सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती शशि दीप, मुंबई ने एक अनूठी और विचारपूर्ण पहल की, जिसमें बच्चों ने बड़ी रुचि दिखाई और उत्साह से भाग लिया।
दरअसल, चेतन व्यक्तित्व शशि दीप, कट्टर देशभक्त होने के नाते, हमेशा इस अवसर की तलाश में रहतीं हैं, जब वे बच्चों से रूबरू हो सकें और उनके व्यक्तित्व विकास में कुछ योगदान दे सकें। चूँकि इन विद्यार्थियों के नाज़ुक कंधों पर इस देश के भविष्य की नींव टिकी हुई है, इसलिए उनके अंदर समय - समय पर जीवन मूल्यों का, अच्छे संस्कारों का बोध कराना बुद्धिजीवी वर्ग का दायित्व है, ताकि वे उम्र के साथ तनाव, अवसाद, बाह्य आकर्षण और अनुशासनहीनता के शिकार न हों।
इसी ध्येय के साथ प्रबुद्ध आत्मा, गौतम बुद्ध के, बुद्धि से ऊपर की ऊंचाई छूने की प्रेरणा, को आधार मानते हुए बच्चों को बुद्ध की विभिन्न मुद्राओं को अपनी-अपनी कला के माध्यम से प्रदर्शित करने को प्रेरित किया गया। जिसमें प्रतिभावान माना देसाई, सृजन्या वर्मा, रीशा पाटिल, अव्या दत्त, सिमरन देसाई, स्तुति जैन, कुकु पाटले, अनुष्का जोल्र्हे, दीक्षा सोनवानी, विवाना डिसूजा, शुभि बंजारे, दिव्या पाठक, वान्या भारती, ध्वज गोयल, रूमानी कोथावले, यश खूंटे, मासूमा बंजारे, आराध्या भारती, दक्ष, रिद्धिमा तथा ज़ारा ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। सृजन्या, यश और विवाना ने दो - दो पेंटिंगस बनायी। ये सभी बच्चे मुंबई के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से आनॅलाइन माध्यम से इस अवसर पर लाभान्वित हो सके।
इन अद्भुत चित्रकारी की समीक्षा जाने - माने मास्टर आर्टिस्ट किशोर रॉय, कोलकाता ने अपनी प्रतिभा व उदार हृदय से की। लेखिका, पेंटर नीता अग्रवाल, वंदना गोयल, सुमिता कटारिया, अर्चना सटोसकर, रफ़त अमीन, मेधा मोदी, पुष्पा चतुर्वेदी, जयोत्सना राना, सीमा सक्सेना जैसे कुशल चित्रकारों, विचारकों ने तथा फेसबुक पटल पर अनेक बुद्धिजीवियों ने सभी कलात्मक अभिव्यक्तियों के लिए बच्चों का ख़ूब उत्साहवर्धन किया। शशि दीप की इस सोंच को बेहद सराहा गया। आशा है, देश हित में निःस्वार्थ भाव से निष्पादित ऐसे सभी प्रयास निश्चित रूप से सार्थक सिद्ध होंगे।