पर्यावरण संरक्षण में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है
नागपुर/रायपुर। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय वेबीनार का आयोजन नवाचारी शिक्षक रामकुमार वर्मा के संयोजन, शिक्षिका के शारदा, रीता मंडल के सहयोग से संपन्न हुआ ।प्रारंभ में आयोजक शिक्षिका के शारदा ने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अपने महासभा में 1972 को विश्व पर्यावरण पर्यावरण दिवस मनाए जाने तथा 5 जून 1974 से पहले पर्यावरण बनाए जाने की विशेष जानकारी दी।
शिक्षक राम कुमार वर्मा ने वृक्षारोपण की दिशा में जन सहयोग, ग्रामीणों, युवकों को जोड़कर ऑक्सीजन जोन बनाने की की अपील की। मुख्य अतिथि प्रशांत पांडेय, सहायक संचालक राज्य साक्षरता प्राधिकरण रायपुर ने पर्यावरण संरक्षण में शिक्षकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए बचपन से बच्चों को प्राकृतिक स्रोतों का आनंद लेने तथा संरक्षित करने के लिए प्रेरित करने की अपील की।
अतिथि वक्ता एवं पर्यावरणविद डॉ अनीता सावंत ने शिक्षकों को प्रेरित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में पर्यावरण व उसके पंचतत्व के महत्व को जीवन शैली से जोड़ा गया है। अतः बचपन से बच्चों को प्राकृतिक स्रोतों के पुनर्भरण व ऊर्जा के स्रोतों का समुचित उपयोग के लिए शिक्षकों से अपील की। प्रशिक्षण अधिकारी लव कुमार सिंह ने पर्यावरण को चार आर रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकिल एव री थिंकिंग के द्वारा बच्चों में बचपन से पर्यावरण के प्रति चेतना पैदा करने की अपील की तथा प्रकृति को सदैव देने वाला बताया।
शिक्षक विवेकानंद दिल्लीवार ने अपने स्कूलों में किए गए वृक्षारोपण के प्रयासों को बताते हुए बच्चों को निरंतर साथ में जोड़कर प्रयास करने की अपील की विशेष रूप से निरंतर ऑक्सीजन देने वाले पीपल और बरगद जैसे पौधों के अंकुरण में गिलहरी एवं पक्षियों की भूमिका को स्पष्ट की। शिक्षिका रीता मंडल ने सत्र का संचालन करते हुए प्रकृति की खूबियों को स्पष्ट करते हुए पतझड़ के बाद पौधों में हरापन आने को अनोखा बताया। साथी प्रकृति के संरक्षण में लगातार प्रयास करने की अपील की।
शिक्षिका नंदिनी देशमुख ने अपने गांव बोरी की "हमर हरियर गांव समिति" द्वारा 500 पेड़ लगाए जाने व सुरक्षित रखने का उदाहरण रखकर जन समुदाय को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करने की अपील की। शिक्षिका शालिनी दुबे ने अपनी मौलिक कविता के माध्यम से पर्यावरण का संरक्षण, प्राकृतिक स्रोतों एवं विरासत के संरक्षण के लिए बच्चों को प्रेरित व प्रोजेक्ट कार्य कराने की अपील की। शिक्षिका आशा सिंह ने अपने द्वारा आरोपित पौधों और उसमें आश्रय पाने वाले जीव - जंतुओं, चहचहाती पक्षियों की आवाज सुना कर शिक्षकों को प्रेरितकर इस दिशा में काम करने की प्रेरणा दी।
शिक्षिका स्वाति पांडे ने पर्यावरण संरक्षण में विद्यार्थियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और बचपन से संस्कार देने, ऑक्सीजन बढ़ाने में पर्यावरण की भूमिका को बच्चों को समझाने की अपील की। इस दो घंटे के वेबीनार में विजय लक्ष्मी, अनीता, खेमलता गोस्वामी, सोनिया ध्रुव, पुष्पा परमेश्वर, नीलम सोरी, युगल राजपूत, आदित्य, मिलिंद चंद्रा, प्रज्ञा सिंह, दीपिका श्रीवास्तव, आदित्य राजपूत, वंदिता शर्मा, किरण मिश्रा, वर्षा जैन, रमेश पांण्या, सीमा यादव, स्वप्निल किरण मिश्रा, विवेक वर्मा, निधि अग्रवाल, नितेश यादव आदि आखिर तक जुड़े रहे।