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सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिये वेबिनार


ध्वनि उपचार से होते हैं डायनेमिक परिवर्तन : डॉ. रीत रूपानी

नागपुर। वर्तमान  समय में मानव जाति में फैले हुए मौत के डर को  भगाने के लिए और स्वस्थ जीवन जीने के लिए  मनुष्य के तन और मन का स्थिर होना अत्यंत आवश्यक हो गया है। ऐसे में स्वयं को बचाने और सकारात्मकता का संचार करने के लिए आर्य विद्या सभा द्वारा संचालित दयानंद आर्य कन्या विद्यालय एवं कनिष्ठ महाविद्यालय की प्राचार्या तेजिंदर वेणुगोपाल के विशेष मार्गदर्शन में रिलैक्स ऑनलाइन सेशन प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट हीलिंग थेरेपिस्ट डाॅ.रीत रूपानी  के साथ फेसबुक लाइव लिया गया. 

तेजिंदर वेणुगोपाल ने सेशन का प्रारंभ करते हुए कहा कि हमारे विद्यालय की परंपरा हमेशा से यज्ञ, योग, प्राणायाम, ध्यान और साधना रही है। उन्होंने संपूर्ण मानव जाति को एक सुंदर कविता के माध्यम से संदेश दिया कि हमें अपना  जीवन कैसे जीना चाहिए.

"कल जो बीत गया सो बीत गया, 
क्यों करते हो कल की चिंता , 
आओ और अभी जियो,
क्या पता अगला पल हो न हो।
 क्या लाए थे ,क्या ले  जाओगे,
जीवन का नया अनुभव लेते चलो". 

डॉ रीत रूपानी द्वारा मानव मन मस्तिष्क को एक विशेष सकारात्मकता से जीने की  अनुभूति देने के लिए साउंड हीलिंग थेरेपी को प्रत्यक्ष रूप से सिखाया गया. उनका कहना था कि यह थेरेपी हमारे पूर्वजों द्वारा  वर्षों पहले कई बीमारियों को दूर करने के लिए अपनाई गई है. उन्होंने बताया कि मन, शरीर और आत्मा को बैलेंस में रखने के लिए अपनी दिनचर्या की शुरुआत उठते ही ईश्वर का धन्यवाद करके और नियमित योग द्वारा करना चाहिए। 

उन्होंने विभिन्न प्रकार की ध्वनियों से  हीलिंग मेडिटेशन करना सिखाया और बताया कि मानव ध्वनियों से ही बना हुआ स्वयं एक डॉक्टर है जो उन ध्वनियों के माध्यम से खुद को ठीक कर सकता है। उचित निर्णय शक्ति, सब प्रकार के डर और कई तरह की बीमारियों को इन ध्वनियों से  ठीक किया जा सकता है। ध्वनि उपचार के माध्यम से जीवन में कई डायनामिक परिवर्तन किए जा सकते हैं. इस प्रत्यक्ष रूप से लिए गए मेडिटेशन का फेसबुक लाइव में प्राचार्या तेजिंदर वेणुगोपाल के साथ भावना बेलानी, ज्योति वाधवानी, मोनिका सिंघेल, प्राजक्ता भोसले, हर्षा मान्वाटकर, अनीता आर्य, सोनल चावला, सविता उकुंडे, सिमरन ज्ञानचंदानी तथा अनेकानेक लोगों ने लाभ उठाया। 

कार्यक्रम का संचालन सोनल चावला ने किया. आभार प्रदर्शन  हर्षा मानवटकर ने किया. तकनीकी सहयोग महक आडवाणी, सोनाली लांजेवार तथा मोहनीश वाधवानी ने किया. आर्य विद्या के अध्यक्ष अशोक कृपलानी, इंचार्ज  वेद प्रकाश आर्य, राजेश लालवानी तथा समस्त पदाधिकारी गणों ने इस कार्यक्रम की सराहना की और इसे संपूर्ण मानव जाति  के लिए कल्याणकारी कार्यक्रम बताया.
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