महामारी में मेडिकल मानव संसाधन बढ़ाने की विशिष्ट रणनीति बनी
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कोविड राष्ट्रीय सेवा सम्मान से सम्मानित होंगे
वैश्विक मेडिकल संसाधनों की भरपूर उपलब्धि - मेडिकल मानव संसाधनों की रणनीति बनी - अब महामारी को नियंत्रण करने में बल मिला - एड किशन भावनानी
गोंदिया - वैश्विक रूप से कोरोना का कोहराम त्राहिमाम त्राहिमाम बना हुआ है। अनेक देश इस कोरोना महामारी से जंग लड़ रहे हैं जिसमें वैश्विक रूप से देश एक दूसरे को मदद कर रहे हैं। जिस देश में प्रकोप कम है वह अन्य पीड़ित देशों की मदद करने आगे आ रहे हैं। डब्ल्यूएचओ भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और समय-समय पर जरूरी दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं और दवाइयां मेडिकल संसाधनों इत्यादि की तात्कालिक आपूर्ति अत्यंत जरूरतमंद देशों को भेजी जा रही है।
...बात अगर हम भारत की वर्तमान स्थिति की करें तो भारत विश्व में आज महामारी से सबसे अधिक पीड़ित है और राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत में स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अत्यंत तात्कालिक एवंम अभूतपूर्व कदम उठाए जा रहे हैं। पीएम लगातार बड़े बड़े अधिकारियों, विशेषज्ञों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों, डॉक्टरों, वैक्सीन निर्माताओं, ऑक्सीजन निर्माताओं इत्यादि अनेक संबंधित लोगों से लगातार वर्चुअल बैठक कर हालात की समीक्षाकर उसपर रणनीति, योजनांए बनाकर कार्यवाही और क्रियान्वयन किया जा रहा है।
सोमवार दिनांक 3 मई 2021 को प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा बताया गया कि कोरोना के बढ़ते संकट के कारण माननीय प्रधानमंत्री महोदय द्वारा रविवार दिनांक 2 मई 2021 को बड़े-बड़े स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ एक बैठक की थी और उसमें लिए गए फैसलों को आज पीएमओ द्वारा बताया गया और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार दिनांक 3 मई 2021 को स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल द्वारा इसकी प्रेस वार्ता में बताया गया कि एमबीबीएस फाइनल ईयर के छात्रों को एक जिम्मेदारी देने का फैसला लिया गया है।
फाइनल ईयर के छात्रों को माइल्ड कोविड -19 मामलों के टेली कंसल्टेशन और मानिटरिंग के काम में लगाया जाएगा। छात्र अपने फैकल्टी की देखरेख में काम करेंगे। दूसरा बीएससी (नर्सिंग) तथा जीएनएम क्वालिफाइड नर्सों को सीनियर डॉक्टर्स और नर्सेस की देखरेख में फुल टाइम नर्सिंग ड्यूटीमें लगाया जाएगा। तीसरा मेडिकल क्षेत्र से संबंधित नीट और पीजी की परीक्षाएं 4 माह के लिए स्थगित कर दी गई है और इन मेडिकल संबंधी परीक्षाओं को अब 31 अगस्त से पहले नहीं कराया जा सकता। उल्लेखनीय है कि यह परीक्षाएं पहले 18 अप्रैल को आयोजित होने वाली थी फिर इस बीच स्वास्थ्य मंत्री ने परीक्षाएं स्थगित करने का निर्णय लिया।
हालांकि इसको कंडक्ट करने वाले नेशनल बोर्ड आफ एग्जामिनेशन ने 14 अप्रैल 2021 को नीट और पीजी के प्रवेश पत्र भी जारी कर दिए थे और 15 अप्रैल को परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थी। अब चूंकि 31 अगस्त तक यह परीक्षाएं नहीं हो सकती अतः छात्रों को तैयारी करने के लिए 1 माह पूर्व अगली तारीख की सूचना दी जाएगी। सबसे बड़ी बात वार्ता में संयुक्त सचिव स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 में अपनी सेवाओं कर्तव्यों के सव दिन पूरा करने वाले उन चिकित्सीय कर्मियों को नियमित सरकारी नौकरियों की भर्तियों में प्राथमिकता दीजाएगी।
मेडिकल इंटर्न को भी उनकी फैकल्टी की देखरेख में कोविड -19 प्रबंधन कार्यों के लिए तैयार किया जाएगा और जिन उपरोक्त स्टूडेंट्स की इस रणनीति के तहत ड्यूटी में लगाया जाएगा उनको सबसे पहले उचित प्रोटोकॉल के तहत वैक्सीनेशन किया जाएगा तथा कोविड -19 में सेवा में लगे अन्य हेल्थ वर्कर्स की तरह उन्हें भी केंद्र सरकार की हेल्थ बीमा स्कीम में कवरेज दिया जाएगा। सबसे बड़ी बात इस विशिष्ट रणनीति योजना में यह है कि कोविड-19 ड्यूटी में लगे चिकित्सक कर्मियों को जिनकी सेवा के सव दिन पूर्ण हो चुके हैं या हैं तो उन्हें प्रधानमंत्री प्रतिष्ठित कोविड राष्ट्रीय सेवा सम्मान से सम्मानित किया जाएगा और यह उनकी सेवा के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी और प्रोत्साहन भी होगा।
संसाधनों को बचाने सोमवार को एम्स के डायरेक्टर ने भी कहा कोरोना के हलके लक्षण वालों को या बिना वजह सिटी स्कैन नहीं करना चाहिए इससे दूसरी बीमारियों का या कैंसर तकका भी खतरा हो सकता है। उधर यूपी के मुख्यमंत्री महोदय ने भी कहा कि यूपी मेडिकल और पैरामेडिकल छात्रों को कोविड-19 ड्यूटी में लगाया जाएगा और उनके लिए उन्हें एक स्पेशल पैकेज भी दिया जाएगा और अलाइड छात्रों की भी सेवाएं ली जाएगी। पिछले वर्ष से हम देख रहे हैं कि कोविड-19 शुरू ही है और मेडिकल संसाधनों में भी तीव्रता से वृद्धि की जा रही है और वर्तमान समय में विदेशों से भी भारी मात्रा में मेडिकल संसाधनों की उपलब्धि हो रही है।
परंतु उस अनुपात में चिकित्सीय कर्मचारियों की उपलब्धता नहीं हो रही है कि उसका जितना उपयोग हो जिसके कारण मेडिकल मानव संसाधनों को बढ़ाना अत्यंत तात्कालिक जरूरी हो गया था जिसके कारण माननीय पीएम ने विशेषज्ञों के साथ वर्चुअल बैठक कर समीक्षा की और इस रणनीति योजना को मंजूरी दी। हमें याद होगा कि कुछ हफ्ते पूर्व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री महोदय ने भी जनता के नाम संदेश में कहाथा कि एक मेडिकल संसाधनों को कहीं से भी उपलब्ध कर देंगे पर हमारे पास मेडिकल मानव संसाधन कहां से आएंगे।
अभी सोमवार को एक टीवी चैनल पर दिखाया गया कि 6 वेंटिलेटर बहुत दिनों से बंद पड़े हैं, इनको संचालित करने वाला कोई विशेषज्ञ नहीं मिला है। अतः महामारी में मेडिकल मानव संसाधन बढ़ाने की रणनीति कारगर सिद्ध होगी और मेडिकल कर्मियों को प्रोत्साहन देने के लिए कोविड राष्ट्रीय सेवा सम्मान से उनको सम्मानित किया जाएगा जो प्रेरणा स्त्रोत साबित होगा।