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स्कूल परिसर से बिकने नहीं देंगे कॉपी किताबे : अग्रवाल


इस वर्ष भी शहर के पालको को ५० करोड़ का चुना लगाने में जुटी स्कूले

नागपुर। विदर्भ पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप अग्रवाल ने शहर की सभी स्कूलों को चेतावनी दी है की इस वर्ष वे कॉपी किताबे बेचने का गोरखधंधा तुरंत बंद करे नहीं तो शहर के पालक और विदर्भ पेरेंट्स एसोसिएशन की टीम उसे स्कूल आकर बंद करा देंगे। श्री अग्रवाल ने कहा की शहर की सभी स्कूलों में NCERT का पाठ्यक्रम तुरंत लागु करे। इस वर्ष भी शहर के पालको को ५० करोड़ का चुना लगाने में जुटी है शहर की स्कूले और शिक्षा विभाग कॉपी किताबो का धंदा कर तक़रीबन ५० करोड़ रुपये कमीशन डकार जाती है स्कूले और पालको के जेब से निकलता है यह पैसा। 

श्री अग्रवाल ने कहा की कई वर्षो से कॉपी किताबे बेचने का गोरखधंदा स्कूले कर रही है और करोडो  रुपये कमीशन में खाकर पालको को चुना लगा रही है पिछले वर्ष VPA की टीम ने पालको के साथ मिलकर इस गोरखधंधे का पर्दाफाश किया था उसके बाद शहर की सभी स्कूलों में अफरा तफरी मच गई थी। शिक्षा विभाग के स्पष्ट आदेश है की कोई भी स्कूल किसी भी प्रकार की कॉपी, किताबे, कपडे, जुते, स्टेशनरी आदि बेच नहीं सकती और चुनिंदा दुकानों से लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकती। इसके बावजूद सभी स्कूल इस प्रकार का काम कर रही है और शिक्षा विभाग आँखे मूंद कर बैठा है। 

श्री अग्रवाल ने कहा इस वर्ष शहर की प्रसिद्ध स्कूले इस गोरखधंधे को नए रूप से आयाम दे रहे है इस वर्ष यह स्कूलों ने नई तरकीब अपनाते हुए कोरिअर द्वारा बेच रहे है और अपने पत्र में पालको के निवेदन का उल्लेख करते हुए यह बेचने की बात कर रहे है। जो पूरी तरह गैरकानूनी है। श्री अग्रवाल ने कहा की यह सारा धंदा मोटा कमीशन का है कमीशन के चक्कर में चुनिंदा प्रकाशकों को किताबे बनाने का काम दिया जाता है और उसकी बुक लिस्ट खुले बाजार में नहीं दी जाती जिसके कारण वह किताबे केवल स्कूल या स्कूल द्वारा निर्धारित चुनिंदा दुकान पर ही मिलती है। और इस चक्र में सभी को मोटा कमीशन मिलता है अगर सिर्फ नागपुर का अनुमान लगाया जाये तो तक़रीबन ५० करोड़ रुपये कमीशन स्कूले खा लेती है और यह रक्कम सीधे पालको के जेब से जाती है। 

जब सरकार ने तय कर दिया है की सभी स्कूले NCERT का पाठ्यक्रम लागु करेंगे तो इसके विपरीत दूसरी किताबें क्यों वापरी जाती है? श्री अग्रवाल ने कहा की उप्पर से लेकर  निचे तक  का पूरा  तंत्र इस कमीशन के खेल में लगा है और सभी स्तरों पर कमीशन भेजा जाता है। श्री अग्रवाल ने कहा की जब आगामी शैक्षणिक सत्र २०२१ - २०२२ शुरू ही नहीं हुआ और अभी तक स्कूलों ने पालक टीचर एसोसिएशन का गठन ही नहीं किया तो किस आधार पर पालको का नाम लिया जा रहा है। 

पिछले १५ महीनो से नो  स्कूल नो फीस की मोहिम पुरे प्रदेश में चल रही है और स्कूलों का गोरखधंदा उजागर हो गया है। कोरोना के कारण सभी पालक आर्थिक संकट से गुजर रहे है इसके विपरीत इस प्रकार की लूट इंसानियत को शर्मसार करती है। श्री अग्रवाल ने शिक्षण विभाग के अधिकारियो को चेतावनी दी है की वे तुरंत इस प्रकार की घटनाओ पर रोक लगाए और अपने राष्ट्रीय कर्तव्य का निर्वाह करे और तुरंत शहर की सभी स्कूलों को NCERT का पाठ्यक्रम लागु करने के लिए बाध्य करे। 

श्री अग्रवाल ने सभी स्कूलों को चेतावनी दी है की अब पालक अपने अधिकार जान चुके है और इस प्रकार का गैरकानूनी काम उन्हें करने नहीं देंगे अगर इसके विपरीत वे करते है तो मजबूरन हमें आकर उन्हें रोकना होगा जिसकी सारी जबाबदारी स्कूल संचालक की रहेगी।

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