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ब्लड मून : 26 मई को इस वर्ष का पहला चंद्रग्रहण


नागपुर/यवतमाल। इस वर्ष का पहला चंद्रग्रहण 26 मई को लगेगा, यह वर्ष का इकलौता पूर्ण चंद्रग्रहण भी होगा। चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की सतह पर पृथ्वी की छाया पड़ने पर एक सीधी रेखा में संरेखित होते है, पृथ्वी की छाया के कारण चंद्रमा थोड़ा लाल रंग का प्रतीत होता है, इसीलिए इसे 'ब्लड मून' नाम दिया गया है।

इस बार पूर्णिमा भी सुपरमून होगी। पृथ्वी के चारों ओर की ग्रहपथ गोलाकार नहीं है यह कुछ अण्डाकार है जिसका अर्थ है कि यह कुछ समय के लिए पृथ्वी के करीब और कुछ समय के लिए दूर है। यदि पूर्णिमा का चरण उस समय के साथ मेल खाता है जब वह पृथ्वी के सबसे निकट होता है तो चंद्रमा को सुपरमून कहा जाता है। 

चंद्र ग्रहण केवल पूर्णिमा की रात को ही लग सकता है। 26 मई का पूर्ण चंद्रग्रहण 14 मिनट की अवधि के लिए ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पश्चिमी अमेरिका के कुछ हिस्सों, पश्चिमी दक्षिण अमेरिका या दक्षिण-पूर्व एशिया में दिखाई देगा। जबकि आंशिक चंद्र ग्रहण पूर्वी अमेरिका, पूर्वी दक्षिण अमेरिका, भारत, चीन, जापान और इंडोनेशिया जैसी जगहों पर दिखाई देगा। 

चंद्र ग्रहण को नग्न आंखों से देखना पूरी तरह से सुरक्षित है और इससे कोई नुकसान नहीं होता है। 26 मई का ग्रहण दो वर्ष से अधिक समय में पहला पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। आखिरी ब्लड मून 21 जनवरी 2019 को आकाश में दिखाई दिया था।

- नेहा वाघेला
यवतमाल (महाराष्ट्र)
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