कोरोना महामारी में जनसेवा - मानवता परमो : धर्म
पीड़ितों, लाचारों, दुखियारों की निस्वार्थ: मदद करना - साक्षात ईश्वर अल्लाह की सेवा करने के बराबर - एड किशन भावनानी
गोंदिया - आज विश्व भर में कोरोना महामारी अकल्पनीय कहर बरपा रही है। किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि पिछले वर्ष 2020 से कई गुना अधिक कहर 2021 की शुरुआत में ही कोरोना महामारी के रूप में बरपने लगेगा और किसी को संभलने का मौका नहीं मिलेगा।...बात अगर हम भारत की करें तो आज हाईकोर्ट ने भी कहा कोरोना की यह दूसरी लहर नहीं सुनामीं है। देश के माननीय प्रधानमंत्री महोदय को भी कहना पड़ा कि कोरोना की दूसरी वेव तूफ़ान बनकर आई हैं।
इतनी बड़ी आपदा और उसमें भी ऑक्सीजन इंजेक्शन, दवाइयों, बेड, की किल्लत और कालाबाजारी बहुत ही निंदनीय और चिंताजनक विषय है।...बात अगर हम भारत देश की सामाजिक संस्थाओं, एनजीओ, कॉरपोरेट्स, डीआरडीओ की करें तो भारत की मिट्टी में ही यह गुण है कि विपरीत, कठोर, विषम परिस्थितियों में तो ठीक पर सामान्य परिस्थितियों में भी भारतीय नागरिक, सामाजिक संस्थाएं, जनता की मदद के लिए आगे आ जाते हैं और सेवा अभियान चलाने में रात दिन एक कर देते हैं। पिछले वर्ष 2020 का कोरोना महामारी, लॉकडाउन, प्रवासी मजदूरों का पलायन वाला मंजर हमें याद है और कभी नहीं भूलेंगे,
इस वर्ष 2021 की शुरुआत से ही महामारी की द्वितीय रहर ने भीषण हमला किया है। दोनों दौर में हमारे देश के अनेक सामाजिक संस्थाओं ने सेवा में महत्वपूर्ण रोल अदा किया है। हम देख व सुन रहे हैं कि यह सामाजिक संस्थाएं बड़े जोर शोर से लंगर (भोजन) सेवा का आयोजन करते हैं और भोजन से भरे गंज और बर्तन लेकर निकल पड़ते हैं और लाचारों, मजदूरों, भूखों की इस लाचारी में भोजन की व्यवस्था करते हैं जो बहुत ही तारीफ ए काबिल है।
ऐसी ही सेवा एक टीवी चैनल पर की लाइव दिखाई गई और बताया गया कि अलग-अलग क्षेत्रों के गुरुद्वारों द्वारा भोजन सेवा दी जा रही है, जिस जरूरतमंद को जो नजदीक पड़ता है वहां फोन से सूचना देकर निशुल्क घर पहुंच सेवा प्राप्त कर सकता है। ऐसी सेवा किसी एक राज्य में नहीं पूरे देश के राज्यों में की जा रही है और मुख्य रूप से यह सेवा एक विशेष समाज की कमेटी द्वारा चलाया जाता है।
हमारे गोंदिया जिले जैसी छोटी सिटी में भी एक कमेटी द्वारा पिछले साल लॉकडाउन में 7 हज़ार भोजन पार्सल और एक कमेटी द्वारा 4 हज़ार भोजन पार्सल गांवों में बांटे जा रहे थे। यह सभ सेवा का कार्य गोंदिया एसडीओ के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे थे....बात अगर वर्तमान की करें तो कलेक्टर की अनुमति से दो संस्थाओं द्वारा 50 और 75 बेड की दो कोविड अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है अलग-अलग कमेटियों द्वारा। आज अनेक राज्यों में ऑक्सीजन और बेड की कमी उत्पन्न हुई है।
आज दिनांक 24 अप्रैल 2021 को टीवी चैनल पर दिखाया गया कि गाजियाबाद में भी यह सामाजिक कमेटी स्वास्थ्य संबंधी सेवा जोर शोर से की जा रही है ऑक्सीजन सहित बेड की व्यवस्था की जा रही है।कई सामाजिक संस्थाओं ने कलेक्टर से मिलकर अनुमति प्राप्त कर कोविड सेंटर भी निस्वार्थ चलाए जा रहे हैं जिसमें मरीजो को आइसोलेशन व इलाज़ डॉक्टरों की देखरेख में दीया जा रहा है, कहीं टीम इलेवन, कहीं टीम कोरोनावरियर्स कहीं वाहेगुरु इत्यादि रूप से भी कमेटियां बनाकर इस संकट की घड़ी में जरूरतमंदों, बीमारों की हर तरह से मदद की जा रही है जो काबिले तारीफ है
...बात अगर हम डीआरडीओ की करें तो इसका पूरा नाम रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन है यह संगठन रक्षा मंत्रालय के अधीन है। पिछले वर्ष और इस वर्ष कोविड की सेवा में इस संगठन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। दिल्ली में हवाई अड्डे के पास स्थापित 500 बेड की सुविधाओं सहित हॉस्पिटल शुरू हुई पिछले वर्ष एक हजार बेड की सुविधा वाले एस अस्पताल को फरवरी में ही बंद किया गया था। सभी को उच्च डब्ल्यूएचओ मानको सहित ऑक्सीजन सुविधा के साथ बिना कोई शुल्क लिए बेड उपलब्ध किए गए हैं।
उसी तरह संगठन ने अहमदाबाद में आज दिनांक 24 अप्रैल 2021 को 25 डॉक्टरों और 75 पैरामेडिकल कर्मचारियों के साथ यह 9 सव बेडका कोविड अस्पताल इनके द्वारा शुरू किया गया है। इसके पूर्व भी डीआरडीओ द्वारा मास्क और सैनिटाइजर की बहुत व्यवस्था कर लोगों में बांटा था। अब बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था कर रहा है। रक्षा मंत्री भी इन्हें दिशानिर्देश देर रहे हैं और घोषणा की कि डीआरडीओ द्वारा 500 बेड वाले दो कोविड अस्पताल भी बनाए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि अन्य एक डेरे द्वारा भी दिल्ली में बड़ी मात्रा में अपने डेरे में बेडों की व्यवस्था कर दिल्ली सरकार को सहयोग किया है
... बात अगर हम कॉरपोरेट्स की करें तो एक बहुत बड़े घराने ने ऑक्सीजन की बड़ी मात्रा में उपलब्ध कराने की बात कही है और एक दूसरे घर आने में भी डीआरडीओ के साथ मिलकर केंद्रीय अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की जवाबदारी उठाई है। इस तरह अपने अपने स्तर पर कारपोरेट क्षेत्र भी इस विपत्ति के समय में आगे आ रहा है
... बात अगर सरकारों की करें तो अप्रैल 24 अप्रैल 2021 को केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीन, ऑक्सीजन तथा इनसे संबंधित उपकरणों पर अगले 3 माह के लिए कस्टम ड्यूटी फ्री कर दी है और कोविड सेस को भी फ्री कर दिया है और यह भी घोषणा की कि अगले 2 माह तक 80 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज राशन कार्ड द्वारा फ्री में दिया जाएगा। उधर एक और वैक्सीन अहमदाबाद कैडिला हेल्थ केयर कंपनी की जायकावे -डी वैक्सीन को भी मंजूरी दी गई है ऐसी जानकारी एक टीवी चैनल द्वारा दी गई और बताया गया कि इंजेक्शन बनाने के 25 और यूनिट्स को मंजूरी दी गई है।
इस प्रकार सरकारों द्वारा भी अपने स्तर पर छूट के रूप में सेवाएं की जा रही है। अतः इस संकट भरी और विपरीत परिस्थितियों में सभी मानव धर्म निभाएं यही मानवता की सबसे बड़ी जीत है। उपरोक्त सभी समाजसेवी संस्थाएं, डीआरडीओ, कॉरपोरेट्स अपने अपने स्तर पर कोरोना संक्रमित मरीजों, जरूरतमंदों, अनेक पीड़ित परिवारों को भोजन, सब्जी, फल, राशन, दवाइयां और ऑक्सीजन की उनके घर तक निशुल्क पहुंचाने की सेवा कर रहे हैं, वह काबिले तारीफ है। ऊपर वाला सब देख रहा है मानव सेवा ही सच्ची सेवा है।
संकलनकर्ता - कर विशेषज्ञ एडवोकेट
- किशन सनमुखदास भावनानी,
गोंदिया महाराष्ट्र