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कुलपति प्रो. दुबे ने भारतीय ज्ञान मंच के आयोजन को सराहा


मुहावरे - कहावतें प्रतियोगिता में धर्मेंद्र तेजस्विनी पियूष ने मारी बाजी


नागपुर। भारतीय ज्ञान मंच द्वारा ऑनलाइन हिंदी मुहावरों एवं कहावतों की प्रतियोगिता का आयोजन गुरूवार 29 अप्रैल 2021 को किया गया. ज़ूम पर आयोजित इस प्रतियोगिता में भिन्न भिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों ने रोचक आयोजन में भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया. 


कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामशंकर दुबे थे. कुलपति दुबे भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय सम्मान तथा यंग साइंटिस्ट अवार्ड से विभूषित हैं. अपने उद्बोधन में उन्होंने भारतीय ज्ञान मंच के इस अभिन्न प्रयास की सराहना करते हुए, प्रतिभागियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि इस अनूठी प्रतियोगिता से विद्यार्थी राष्ट्रभाषा हिंदी का कौशल्य विकास करेंगे. मुहावरे ऐसे वाक्यांश होते हैं जो अर्थ को चमत्कृत कर देते हैं, और कहावतें जनमानस में उक्तियों के रूप में बसी हुई हैं जो साहित्य को लोक से जोडती हैं. 

उन्होंने सगर्व कहा कि भारत उभरती हुई आर्थिक शक्ति है, अगर किसी को भी भारत से व्यवहार करना है तो उसे हिंदी सीखनी होगी. उन्होंने विश्वास प्रकट किया कि ऐसी प्रतिस्पर्धाओं से हमारे विद्यार्थी भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिक परंपरा व मूल्यों को समृद्ध करेंगे. उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी तथा आशवस्त किया कि भविष्य में अनेकों ऐसी स्पर्धाएं अयोजित होंगी. 

डॉ. वंदना खुशालानी ने कुलपति का परिचय तथा उनका आभार प्रकट करते हुए कहा कि आप जैसे विद्वान जो राष्ट्रप्रेमी हैं, वे राष्ट्रभाषा प्रेमी भी हैं. आज निश्चित रूप से हिंदी का विशाल फलक है जो अंतर्राष्ट्रीय है. देश में भी हिंदी संसद से सड़क तक और हाट बाजारों से कॉर्पोरेट सेक्टर में व्यवहत है. मुहावरे कहावतें हिंदी की नैसर्गिक पहचान हैं जो अपनी मिट्टी से उसे जोड़ते हैं. प्रतियोगिता के निर्माता, निर्देशक तथा प्रस्तुतकर्ता, डॉ. भारत खुशालानी थे, जिन्होंने प्रतियोगिता को उत्साहवर्धक तथा ज्ञानपूर्ण बनाए रखने का कार्य किया. 

नासा तथा बोइंग के इंजिनियरों को प्रशिक्षित कर चुके डॉ. भारत ने अपने, मंगल तथा बृहस्पति ग्रह के बीच स्थित क्षुद्रग्रह पर भेजे गए अंतरिक्षयान के वैज्ञानिक विश्लेषण की जानकारी दी. कार्यक्रम का संयोजन तथा सहसंचालन डॉ. भावना कलसुले ने किया. उन्होंने न केवल विद्यार्थियों को इसमें भाग लेने के लिए प्रेरित किया बल्कि छात्र-छात्राओं का उत्साह व रुचि बनाए रखी. 

3 घंटे तक चली इस रोमांचक प्रतियोगिता में प्रतिभागियों के बीच कांटे की टक्कर हुई, यहाँ तक कि अंतिम राउंड में दूसरे, तीसरे तथा चौथे स्थान पर आने वालों के समान अंक थे. प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार धर्मेन्द्र राय ने प्राप्त किया. दूसरे स्थान पर तेजस्विनी पवार रहीं  तथा तीसरा स्थान पीयूष मिरचुले ने हासिल किया. ज्योति लालवानी को सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुआ.
प्रतियोगिता 957795396935092594
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