भारत में कोरोना की नई लहर, टीका उत्सव पर फोकस - दुनिया को टीकों की आपूर्ति कम कर सकता है भारत - ग्लोबल एलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्यूनाइजेशन प्रमुख ने भी यही चिंता जताई
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टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी से विस्तार और टीका उत्सव में नागरिकों का पूरा सहयोग अत्यंत जरूरी - एड किशन भावनानी
गोंदिया - भारत में दो कोविड वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन का निर्माण कर भारत ने रणनीतिक रूप से तेजी से टीकाकरण कर और वैश्विक स्तर पर टीको की आपूर्ति कर विश्व प्रसिद्ध हो गया है। बड़े और विकसित देश भी भारत की तारीफ कर रहे हैं और गुरुवार दिनांक 8 अप्रैल 2021 को भारत के माननीय प्रधानमंत्री महोदय ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में 11 से 14 अप्रैल तक महात्मा ज्योतिबा फुले और डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर जयंती पर टीका उत्सव मनाने और माइक्रो कंटोनमेंट ज़ोन पर फोकस करने, टेस्टिंग ट्रेसिंग की बात कही है।
अभी कुछ समय से भारत में पीड़ितों की संख्या में तेजी से विस्तार हुआ है। संक्रमण बहुत स्पीड से अनेक राज्यों में बढ़ रहा है और कुछ संगठनों द्वारा तथा दिनांक 7 अप्रैल 2021 को एक राजनीतिक पार्टी द्वारा वैक्सीन की आपूर्ति विदेशों में बंद करने के लिए आंदोलन भी किया जो हमने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अनेक चैनलों पर देखा। कुछ वर्ग की मांग है कि वैक्सीन भारत में 18 वर्ष से ऊपर वालों को भी लगाना शुरू किया जाए,परंतु ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार रणनीतिक रूप से कार्य कर रही है।
स्टेप बाय स्टेप टीकाकरण में आगे बढ़ रही है। पहले कोरोना वॉरियर्स फिर 60 वर्ष से ऊपर और 45 वर्ष के ऊपर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को और अब 45 वर्ष से ऊपर सामान्य व्यक्तियों को टीकाकरण हो रहा है। मेरा निजी विचार है कि यह रणनीति बहुत सटीक और उचित भी है। परंतु इसमें हर स्तर के नागरिकों का भी पूर्ण सहयोग मिले और जल्द से जल्द टीकाकरण करवाएं ताकि सरकार अगला चरण 45 वर्ष से कम उम्र वालों के लिए शीघ्र चालू कर सके।
... बात अगर हम भारत के टीकों की आपूर्ति वैश्विक स्तर पर करने की करें, तो इलेक्ट्रॉनिक मीडियाके अनुसार यह कार्य भारत डब्ल्यूएचओ की ग्लोबल एलायंस फॉर वैक्सिंग एंड इम्यूनाइजेशन (जीएवीआई) के अनुसार ही कर रहा है जिसका मुख्य कार्य ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गरीब देशों में किसी महामारी के लिए टीकाकरण उपलब्ध करवाना है। बता दें कि यह जीएवीआई वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक - निजी वैश्विक स्वास्थ्य साझेदारी है याने गावी अलायंस है, जो विकासशील और गरीब देशों के लिए टीके प्रदान करने का कार्य करती है गावी के अध्यक्ष ने भी अभी हाल ही में यह आशंका जाहिर की है कि क्योंकि, भारत में अभी संक्रमण तेजी से फैल रहा है
अतः स्वभाविक ही है अब भारत पहले अपने नागरिकों को टीकाकरण करेगा याने वैश्विक स्तरपर आपूर्ति की अभी कम कर सकता है ...बता दें कि यह गावी की स्थापना सन 2000 वर्ष में हुई थी। हमें याद होगा कि पिछले साल 2020 मे जब कोविड भारत सहित वैश्विक रूप से उफान पर था, तो भारत के केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री माननीय हर्षवर्धन को इस अंतरराष्ट्रीय संगठन ग्लोबल फॉर वैक्सीन एंड इम्यूनाइजेशन याने गावी के बोर्ड के सदस्य के रूपमें नामित किया गया था और जिस तरह से भारत ने इतने बड़े विशाल देश में पनपती महामारी के निवारण में रणनीतिक, दिशानिर्देश संचालित किए उसकी तारीफ वैश्विक स्तर पर हुई।
.. बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री का कार्यकाल गावी में 2 वर्ष के लिए होगा याने 1 जनवरी 2021 से 31 दिसंबर 2023 तक।भारतीय स्वास्थ्य मंत्री इसमें दक्षिण पूर्वी क्षेत्र के क्षेत्रीय कार्यक्षेत्र (सीरो) पश्चिमी प्रशांत क्षेत्रीय कार्यालय (डब्ल्यूपीआरओ)का प्रतिनिधित्व करेंगे। गावी की मीटिंग वर्ष में दो बार होती है। गावी, यह दुनिया भर में लोगों की जिंदगी बचाने, गरीबी घटाने और गरीब देशों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीन उपलब्ध कराता है। अभी तक करोड़ों लोगों को टीकाकरण में मदद और करोड़ों लोगों की जान बचा चुका है और भारत को इसका सदस्य नियुक्त किया गया है यह एक गौरव की बात है।
एक समाचार बुलेटिन के अनुसार भारत ने वैक्सीन की एक खेप बांग्लादेश 2 अप्रैल को गई थी और इसके पूर्व 29 मार्च को भी फिलीपींस और यमन को भी खेप गई थी। भारत आज गावी का सदस्य है, वैश्विक स्तर पर भारत की काफी तारीफ हो रही है। वैश्विक स्तर पर भारत आज वैक्सीन की आपूर्ति कर रहाहै यह गौरव की बात है। भारतीय तकनीकी रणनीति, निर्णय क्षमता का लोहा आज विश्व मान रहा है। हालांकि भारत में हर नागरिक को टीकाकरण होगा परंतु इससे ऐसा प्रतीत होता है कि शासन की यह कार्य चरणबद्ध तरीके से करने की योजना है ताकि सफलता से सभी को टीकाकरण हो।
यदि एक साथ सभी को टीकाकरण किया गया तो इतने सारे टीकों की एक साथ उपलब्धता स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, अनुशासन नियंत्रण इत्यादि प्रक्रियाओं में बाधा उत्पन्न होगी शायद यही शासन की रणनीति रही होगी ऐसा मेरा अनुमान है। हालांकि अभी शासन ने टीकाकरण की कार्रवाई में तेजी से विस्तार किया है अनेक आयोजन चलाए जा रहे हैं ताकि अधिक से अधिक टीकाकरण केंद्र खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है प्रधानमंत्री खुद भी टीकाकरण को शीघ्र लगाने की अपील की है और जिसमें तेजी से टीकाकरण का विस्तार किया जा रहा है उम्मीद है बहुत ही जल्द अनेक लोगों को टीकाकरण होगा और इस महामारी का प्रभाव कम करने में सफलता हासिल होगी।
- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया (महाराष्ट्र)