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दसवीं - बारहवीं की परीक्षा रद्द कर विद्यार्थियों को प्रमोट करे सरकार : अग्रवाल




परीक्षा स्थगित करना समाधान नहीं 

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से निवेदन


नागपुर। विदर्भ पेरेंट्स असोसिएशन के अध्यक्ष संदीप अग्रवाल ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिख कर मांग की है की महाराष्ट्र में कोरोना महामारी को  देखते हुए इस वर्ष दसवीं - बारहवीं की परीक्षा रद्द कर विद्यार्थियों को प्रमोट कर देना चाहिए। आज अचानक शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने दसवीं व बारहवीं की परीक्षा ये अगले आदेश तक स्थगित कर दी है। परतुं इससे काम चलनेवाला नहीं है इस समय विद्यर्थियो की मानसिक हालत कोविड  के कारण ख़राब चल रही है और ऐसे निर्णयों से बच्चो के मन में परीक्षाओ को लेकर असम्नजस और भ्रम की स्थिति निर्माण हो रही है। 

श्री अग्रवाल ने आगे कहा की कोवीड - १९ ने महाराष्ट्र प्रदेश में विकराल रूप धारण कर लिया है और अस्पतालों में न तो दवाईया है और न ही बेड ऐसे में पालक अपने बच्चो का जीवन खतरे में कैसे डाल सकते है। परीक्षा केन्द्रों पर केवल विद्यार्थी ही नहीं, पालक, टीचर, नॉन टीचिंग स्टाफ व विद्यार्थियों के परिवहन उद्योग से जुड़े लोग भी संक्रमित हो सकते है ऐसे में सावधानी की जरुरत है। अगर इतने बड़े पैमाने पर लोग संक्रमित हो गए तो एक बड़ा संकट हो जायेगा। 

महाराष्ट्र सरकार में पुरे वर्ष ऑनलाइन पढाई केवल इस लिए चालू रखवाई ताकि स्कूले पुरे साल की फीस वसूल कर सके। कोई भी स्कूल पालको  को फीस में रियायत देने को तैयार नहीं है जब पूरी पढाई ऑनलाइन हुई तो ऑफ - लाइन परीक्षा क्यों ? महाराष्ट्र में तक़रीबन ३२ लाख विद्यार्थी इस वर्ष परीक्षा देने वाले है जिनमे से १४.५  लाख बारहवीं की तथा १७ लाख दसवीं के लिए परीक्षा देंगे। ऐसे में इतने बड़े पैमाने पर परीक्षा का इंतजाम करना कोविड काल में सरकार के लिए संभव नहीं है। अंतः इस वर्ष परीक्षा रद्द कर बच्चो को प्रमोट करना चाहिए ऐसी  मांग विदर्भ पेरेंट्स असोसिएशन की ओर से की गई है।
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