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जिए सिंध और मातृभाषा प्रचार समिति का उपक्रम


ऑनलाइन प्रतियोगिता को मिला प्रतिसाद


नागपुर। 'जिए सिंध' और मातृ भाषा प्रचार समिति द्वारा हाल ही में सिंधी भाषा की 'खाली स्थान भरियो' प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। सफल हुए विजेताओं को पुरस्कृत किया गया. अयोध्या, फैजाबाद, उल्हासनगर व अन्य शहरों को प्रतिभागियो को मनीआर्डर से नकद पुरस्कार भेजे गये। ऑनलाईन संत हरदासराम धर्मशाला में हुए कार्यक्रम में सर्वप्रथम भगवान झूलेलाल की फोटो पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित किया गया. 

सरस्वती वंदना बी. जी. श्राफ गर्ल्स हाय स्कूल की गायक  शिक्षिका अरूणा टहिल्यानी ने प्रस्तुत की.  टहिल्यानी ने  प्रसिद्ध सिंधी कवि वासदेव निर्मल की विख्यात रचना 'सिंधी अबाणी बोली' श्रोताओ में भक्ति भाव की रचना का संचार किया. कु मानसी टहिल्यानी ने प्रसिद्ध सिंधी गीत 'सिक्अ में ओ सिक्अ में' गाकर श्रोताओ का मन मोह लिया. 

कार्यक्रम की अध्यक्षता सिंधी सोशल फोरम के महासचिव मोहन मंजानी ने की।अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने सलाह दी कि बच्चे की पांच साल की उम्र तक उससे मातृभाषा मे ही बोलचाल करनी चाहिए ताकि सिंधी भाषा का बचाव और संवर्धन हो सके। अध्यक्ष ने कई सिंधी हस्तियों के उदाहरण दिए जो आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक थे।

कार्यक्रम का संचालन हासानँद सतपाल ने किया . कार्यक्रम में भावेश सचदेव, जाह्नवी सचदेव,हर्ष सचदेव, नयन राकेश मोटवानी, पराग कटारिया सहित कई बच्चों ने ऑनलाइन भाग लेकर प्रस्तुति दी. आभार भावेश सचदेव ने व्यक्त किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में जिए सिंध के राजेश स्वामनानी तथा हासानँद सतपाल ने अथक प्रयास किए।
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