बस्तर के अमर शहीद गुंडा धूर के नेतानार गांव की मिट्टी भी शामिल हुई दिल्ली के शहीद किसान स्मारक में
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भावुक हुए सभी किसान नेता,जब बस्तर के नेतानार से आई "शहीदी मिट्टी" को कुछ यूं सिर आंखों पर लगाया राकेश टिकैत ने
डॉ राजाराम के द्वारा किए गए इस किसान आंदोलन के सूत्रपात तथा उनके दुर्घटना ग्रस्त होने के बावजूद लगातार संघर्ष को राकेश टिकैत, डॉ सुनीलम, एवं धर्मेंद्र मलिक ने मंच से किया याद
दिल्ली गाजीपुर बार्डर पर शहीद किसान स्मारक पहुंची बस्तर के भूमकाल आंदोलन के शहीद गुंडाधुर के ग्राम नेतानार की मिट्टी
बस्तर की शहीदी मिट्टी लेकर छत्तीसगढ़ से डॉ राजाराम त्रिपाठी राष्ट्रीय संयोजक: अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) पहुंचे गाजीपुर बॉर्डर पर
किसान मजदूर महां संघ के संयोजक पारसनाथ साहू और लक्ष्मी लाल पटेल ने "शहीदी मिट्टी" के साथ डॉ राजाराम त्रिपाठी को छत्तीसगढ़ रायपुर से परसों भावभीनी विदाई देकर किया था रवाना
बस्तर की शहीदी मिट्टी को दिल्ली गाजीपुर बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा को सौंपने के लिए छत्तीसगढ़ से डॉ राजाराम त्रिपाठी आज शहीदी मिट्टी लेकरदिल्ली के लिए गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के धरना स्थल पहुंचे।
मंच पर उपस्थित प्रख्यात समाजसेवी मेधा पाटेकर उन्हें मंच पर आमंत्रित किया। डॉ राजाराम के द्वारा किए गए इस किसान आंदोलन के सूत्रपात तथा उनके दुर्घटना ग्रस्त होने के बावजूद लगातार संघर्ष को राकेश टिकैत, डॉ सुनीलम, एवं धर्मेंद्र मलिक ने संयुक्त किसान मोर्चा के मंच से याद करते हुए प्रसंशा की।
डॉ राजाराम त्रिपाठी ने जब बस्तर की शहीदी मिट्टी को राकेश टिकैत जी के हाथों में सौंपते हुए बस्तर के भूमकाल आंदोलन के शहीदों के बारे में बताते हुए हाल में ही हुए बस्तर में सुरक्षा बलों के चौबीस जांबाज जवानों की शहादत की दुखद घटना के बारे में बताया, तो राकेश टिकैत ने बड़े सम्मान से "शहीदी मिट्टी" को कुछ यूं सिर आंखों पर लगाया कि डॉक्टर त्रिपाठी सहित मंच की सभी नेता कुछ पलों के लिए भावुक हो गए।
उल्लेखनीय है कि, रायपुर में छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महां संघ के संयोजक पारसनाथ साहू तथा लक्ष्मी लाल पटेल वरिष्ठ सदस्य भारतीय किसान संघ ने छत्तीसगढ़ की ओर से मिट्टी को सौंपते हुए ससम्मान विदाई दी थी।
हालिया पारित किसान, कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी और कॉरपोरेट्स परस्त तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने, तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी देने आदि मांगों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर पच्चीस नवंबर से जारी किसान आंदोलन को अब चार महीना से ज्यादा हो चुका है और इस दौरान तीन सौ बाइस के करीब किसान अब तक अपनी प्राणों की कुर्बानी दी चुके हैं। दिल्ली की सिंघु, टीकरी, गाजीपुर, शाहजहांपुर, पलवल आदि सीमाओं पर आंदोलन रत किसानों के द्वारा अपने शहीद किसानों का स्मारक बनाने के लिए देश भर में मिट्टी सत्याग्रह के माध्यम से मिट्टी एकत्रित की गई है।
उसी तारतम्य में यह मिट्टी कल। शहीद किसान स्मारक बनाने के लिए छत्तीसगढ़ में एकत्रित की जा रही मिट्टी में बस्तर के महान आदिवासी सपूत, भूमकाल आंदोलन के महान नेता शहीद गुंडाधुर के ग्राम नेतानार की मिट्टी भी शामिल हुई।
यह मिट्टी अखिल भारतीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी तथा "छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज" के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा बस्तर संभाग प्रभारी राजाराम तोड़ेम तथा "छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज" के बस्तर के कार्यकारी अध्यक्ष दशरथ कश्यप , बस्तर के महान आदिवासी क्रांतिकारी, भूमकाल आंदोलन के अगुआ शहीद गुंडा धूर के प्रपौत्र जयदेव धूर,कुलधर कश्यप, सुशील कुमार तथा अन्य किसान नेताओं ने स्थानीय समाज प्रमुखों की सर्व सम्मति से पवित्र स्थल की मिट्टी उठाई ।
इस शहीदी मिट्टी का एक भाग सिंघु बॉर्डर पर छत्तीसगढ़ के किसान नेता तेजराम विद्रोही तथा मूलचंद साहू व साथियों ने शहीद किसान स्मारक हेतु कल अर्पित किया।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्यों तेजराम विद्रोही, जागेश्वर जुगनू चंद्राकर, डॉ संकेत ठाकुर, पारसनाथ साहू, जनकलाल ठाकुर, शत्रुघन साहू तथा अन्य बहुसंख्य किसान नेताओं के संयुक्त नेतृत्व में समूचे छत्तीसगढ़ में किसान धरना तथा धरना प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं।
- डॉ राजाराम त्रिपाठी
राष्ट्रीय संयोजक
अखिल भारतीय किसान महासंघ आईफा