नारी का सम्मान ईश्वर की सृष्टि का सम्मान है : बाजपेई
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नागपुर/पुणे। नारी के बिना सृष्टि संभव नहीं है इसलिए नारी का सम्मान करना ईश्वर की सृष्टिका सम्मान करना है यह बात राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा नवरात्रि पर्व पर राष्ट्रीय मातृशक्ति सम्मान प्रदान किए जाने संदर्भ आयोजित आभासी कार्यक्रम में हिंदी परिवार इंदौर के अध्यक्ष हरेराम बाजपेई ने बतौर मुख्य अतिथि कही।
उन्होंने कहा की मां को प्राप्त करने के लिए ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ना पड़ता है वह मात्र रूप में शरीर में व्याप्त होती है। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में मुंबई की सुवर्णा जाधव ने कहा कि मराठी में मां को आई कहते हैं जिसका अर्थ ईश्वर होता है उन्होंने नारी शक्ति पर अपने विचार व्यक्त किए।
पुणे से डॉक्टर शहाबुद्दीन शेख ने कहा कि भारतीय नारी का सकारात्मक सोच ही उसकी शक्ति होती है भारत की संस्कृति में नारी को हमेशा पूज्य माना गया है। उज्जैन से डॉक्टर शैलेंद्र शर्मा ने कहा कि विश्व में भारत ही ऐसा देश है जहां नारी की पूजा होती है वह लोकधात्री होती है। कोलकाता से डॉ सुनीता मंडल ने कहा जहां ईश्वर नहीं पहुंच पाता वहां मां की शक्ति पहुंच जाती है।
संस्था के महासचिव प्रभु चौधरी ने मात् शक्ति सम्मान संदर्भ विस्तार से बताया और कहा कि इस वर्ष 2021 के राष्ट्रीय मातृशक्ति सम्मान अजमेर की डॉक्टर चेतना उपाध्याय लखनऊ की श्रीमती आर्या वर्ती सरोजा। बसंमत महाराष्ट्र की डॉक्टर रजिया शेख गाजियाबाद की डॉक्टर रश्मि चौबे तथा जयपुर की डॉक्टर शिवा लोहारिया को इस आभासी कार्यक्रम में प्रदान किया जा रहा है सम्मान पत्रों का वाचन अलग - अलग साहित्यकारों ने किया।
इस अवसर पर संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी के शर्मा। नांदेड़ से डॉक्टर प्रतिमा येरेकर प्रयाग से डॉ गोकुलेस्वर कुमार द्विवेदी के अलावा डॉ शैल चंदरा श्रीमती दिव्या पांडे, श्री सतीश शर्मा, रोहणी डावरे, मंजू वाला श्रीवास्तव, लता जोशी, पूर्णिमा कौशिक रायपुर, ममता झा, अनुसुइया अग्रवाल आदि ने भी सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन डॉ मुक्ता कौशिक रायपुर ने किया। आभार गरिमा गर्ग ने व्यक्त किया।