कोरोना महामारी में अफवाहें भ्रांतियां फैलाने वालों पर सख़्त कार्यवाही जरूरी
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स्वास्थ्य विभाग के अधिकृत जानकारी पर ही विश्वास करें : एड किशन भावनानी गोंदिया
गोंदिया - कोरोना महामारी पर आज विश्वव्यापी मंथन जारी है। कोरोना महामारी के संक्रमण पर भारत की स्थिति काफी चिंताजनक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी वैश्विक संस्थाएं भारत के साथ खड़ी है। आज पूरा विश्व भारत को इस विपरीत स्थिति और संकट से उबारने के लिए एक साथ मदद के हाथ आगे बढ़ाएं हुए हैं। पूर्ण विकसित देशों से लेकर छोटे देशों तक ने भारत को स्वास्थ्य संसाधन उपलब्ध कराने आगे आए हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार विश्व के 40 देशों ने मदद के प्रस्ताव आए हैं जो भारत के लिए इस महामारी के जंग लड़ने में अहम रोल अदा करने के लिए एक सकारात्मक कदम है।
गुरुवार दिनांक 29 अप्रैल 2021 को आर्मी चीफ एमएम नरवाडे ने माननीय प्रधानमंत्री से मुलाकात कर कोरोना पर सेना की तैयारियों की जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि इसकेपूर्व सीडीएस रावत और वायुसेना प्रमुख ने भी पीएम से मुलाकात की थी और पीएम ने दिनांक 30 अप्रैल 2021 को कोरोना के हालात पर चर्चा के लिए कोरोना की दूसरी लहर के बाद पहली बार पूरे मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई जिसमें कैबिनेट स्तर, स्वतंत्र प्रभार, और राज्य मंत्री शामिल हुए और बैठक में बढ़ते कोरोना, ऑक्सीजन सप्लाई, दवाई, वैक्सीनेशन पर महामंथन हुआ।
....बात अगर हम भारत के चंद नकारात्मक सोच वालों की करें तो कोरोना महामारी पर सोशल मीडिया, आपसीवार्ता, मानवीय संदेशों, इत्यादि साधन के द्वारा झूठी खबरें,अफवाहें, भ्रांतियां ,गलत जानकारी, गलत आंकड़े, सामान्य स्थिति को भयावह स्थिति में रूपांतरण कर बताने,और जनमानस को विचलित करने का कार्य कर रहे हैं जो कि एक तरह से देशद्रोह का कार्य है। आज पूरा विश्व भारत के साथ खड़ा है। भारत की प्रतिष्ठा और मानसम्मान को धूमिल करने का कार्य इस महामारी मेंविचलित संकट की घड़ी में भारत के ही कुछ लोग कर रहे हैं ऐसी जानकारी टीवी चैनलों और मीडिया के माध्यम से आ रही है और इस पर ध्यान न देने की अपील भी की जा रही है।
उत्तर प्रदेश के एडीजी ने एक पत्र के माध्यम से कहा कोरोना संक्रमण को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने, भय फैलाने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसा आदेश जारी कर दिया है और कहा है कि उनके संज्ञानः में आया हैकि कोरोना संबंधी भ्रम, अफवाह, फैलाई जा रही है और एक ही प्रकार के कंटेंट को कॉपी पेस्ट करके जनमानस में भय फैलाया जा रहा है और सभी जिलों को इस संबंध में पत्र भेजा है। और सोशल मीडिया पर 24 घंटे निगरानी रखने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि यूपी के मुख्यमंत्री महोदयने कालाबाजारी और इस तरह की हरकतें करने वालों पर एनएसए लगाने का आदेश भी दिया है। उसी प्रकार दिल्ली पुलिस के खिलाफ भी सोशल मीडिया पर विपरीत अफवाह फैलाने की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा दी गई है। दिल्ली पुलिस का कहना है ऐसी अफवाह फैला कर जो लोग कोरोना सम्बन्धी भारत में पैनिक क्रिएट कर रहे हैं उनके खिलाफ एफआई आर दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी। कुछ राज्यों में कोरोना वारियर्स के साथ, मरीज की मृत्यु पर मारपीट इत्यादि की घटनाएं मीडिया के माध्यम से दिखाई जा रही है।
मेरा यह निजी मानना है कि सभी राज्यों के गृहविभाग द्वारा इस गंभीर संकटमें जिला प्रशासन स्तर पर पत्र जारी कर ऐसे लोगों पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश, सोशल मीडिया पर नजर और सूत्रों व गुप्त जानकारों को सतर्क करने इत्यादि तकनीकों का प्रयोग कर महामारी में विपरीत भ्रांतियां फैला कर या भ्रांति फैलाने वाला पोस्ट कर जनमानस को विचलित और भय ग्रस्त करने वालों की पहचान कर उन्हें महामारी प्रतिबंध अधिनियम 1897, आपत्ती व्यवस्थापन अधिनियम 2005, भारतीय दंड संहिता इत्यादि उपलब्ध कानूनों, नियमों के तहत का तात्कालिक सख्त कार्यवाही करने का निर्देश देने की जरूरत है।
.. बात अगर हम वैक्सीनेशन के प्रथम व द्वितीय चरण की करें तो इसमें भी भ्रांतियों,अफवाह को फैलाने के वजह से हम अपने वैक्सीनेशन टारगेट की उपलब्धि प्राप्त नहीं कर सके। अभी भी प्रथम व द्वितीय चरण के करोड़ों लोग हैं जिन्होंने इन अफवाहों और भ्रांतियों के कारण वैक्सीनेशन नहीं किया है। मैंने खुद अपने क्षेत्र में ग्राउंड रिपोर्टिंग कर जानकारी हासिल की तो वैक्सीन लगाने वालों में भ्रांतियां व अफवाहों का प्रभाव देखा और मैंने उन्हें वैक्सीनेशन लगाने के लिए अभीप्रेरित किया।...
बात अगर हम स्वयं की करें तो हमें सिर्फ और सिर्फ शासकीय दिशानिर्देशों जो कि अपने क्षेत्र के जिला आपत्ती व्यवस्थापन प्राधिकरण और स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देश व जानकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी के आदेश व परिपत्रक पर ही विश्वास किया जाना चाहिए। जो अधिकृत हैं और संबंधित अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित होते हैं। जिसकी जानकारी रखना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य भी है। आज के डिजिटल युग में आदेशों की पीडीएफ फाइल तुरंत हमारी मोबाइल पर आ जाती है और गलती पर कितना दंड और कितनी सजा है उसकी व्याख्या दी रहती है।
स्वास्थ्य विभाग के आदेश परिपत्र में मरीजों के स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी दी रहती है तो फिर अफवाह, भ्रांतियों, गलत जानकारी, पर ध्यान ना देकर यह फैलाने वालों का मनोबल तोड़ना और नजदीकी पुलिस थानेमें जानकारी देना चाहिए। वर्तमान संकट कालीन स्थिति में सभी एडमिन को भी चाकचौबंद और सतर्क रहना है। क्योंकि उनके भी सहयोग की आज देश को जरूरत है। इस संकटकालीन स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया से जुड़े भाइयों की तो इस अभूतपूर्व संकट की घड़ी में जनता को सही राह दिखाने की तात्कालिक बड़ी जवाबदारी है।
अतः उपरोक्त पूरे विवरण का अगर हम अध्ययन करें तो आज हमारे देश की प्रतिष्ठा शौर्य को अपने अनुशासन, सहयोग, अफवाहों, भ्रांतियों से दूर होकर देश को ख़ुद संकट मोचक बनकर महामारी से उबारने में शासन-प्रशासन, समाज, घरपरिवार सभ की सुरक्षा करने स्वयं को सामाजिक कोरोना वॉरियर्स बनकर कोरोना महामारी को जंग में हराना होगा।