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अचो त दिण वार मल्हायूं एकांकी संग्रह पुस्तक का हुआ विमोचन


नाट्य लेखक किशोर लालवानी द्वारा लिखित

नागपुर। प्रसिद्व लेखक किशोर लालवाणी द्वारा सिंधी भाषा के प्रचार एवं प्रसार हेतु लिखित सात एकांकियों का संग्रह ‘अचो त दिण वार मल्हायूं’ पुस्तक के रूप में प्रकाशन हुआ है. जिसका विमोचन चेट्रीचंड्र के अवसर पर सिंधुड़ी सहेली मंच, नागपुर की ओर से राजकुमार केवलरामानी कालेज, जरीपटका में नाग विदर्भ सेंट्रल सिंधी पंचायत के पूर्व अध्यक्ष विजयकुमार केवलरामानी के हस्ते हुआ. 

इस अवसर पर सिंधुड़ी सहेली मंच की संस्थापक अध्यक्ष ईश्वरी डेंबला, अध्यक्षा कंचन जग्यासी, महासचिव मंजू कुंगवानी, जाइंट सेक्रेट्री रिचा केवलरामानी, पुस्तक के लेखक सिंधी भाषा सलाहकार समिति, साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के सदस्य किशोर लालवाणी, वरिष्ठ रंगकर्मी राकेश मोटवानी, विजय वीधानी तथा परसराम चेलानी की प्रमुख उपस्थिती रही. 

विमोचन समारोह के अवसर पर विजयकुमार केवलरामानी ने अपने उदबोधन में कहा कि किशोर लालवाणी द्वारा लिखित यह नाटक सिंधुड़ी सहेली मंच दो बार कर चुकी है। नाटक में सिंधी समाज के त्यौहारों का महत्व दर्शाया गया है। अब यही नाटक पुस्तक रूप में प्रकाशित हुआ है जिसकी मैं नागपुर के सभी कलाकारों को बधाई देता हूं। 

सिंधुड़ी सहेली मंच की अध्यक्षा कंचन जग्यासी कहा कि किशोर लालवानी समाज के ज्वलंत विषयों पर नाटक लिखते हैं। हम उन्हें अक्सर महिलाओं के लिए नाटक लिखने के लिए कहते आ रहे थे। दो वर्ष पूवे उन्होंने यह नृत्य नाटिका लिखकर दी जिसे 35 कलाकारों ने मंच पर पेश किया। इस एकांकी में सिंधी समाज के सभी त्यौहारों के बारे में नृत्य एवं संवादों के माध्यम से जानकारी दी गई है।  

सिंधुड़ी सहेली मंच की महासचिव मंजू कुंगवानी कहा यह नाटक सिंधी सभ्यता, संस्कृति एवं भाषा के उत्थान का संदेश देता हुआ नाटक है। नाटक अपनी भाषा को आम जनता तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम है। हमारी युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति तथ अपनी परंपराओं से परचित हो तथा इसे पीढ़ी दर पीढ़ी आगे पहुचा सके यही इस नाटक का उद्देूश्य है।

वरिष्ठ रंगकर्मी विजय वीधानी ने बताया इस पुस्तक में कुल सात एकांकियां हैं। सभी एकांकियां हास्य व्यंग्य से परिपूर्ण होने के साथ साथ समाज को संदेश भी देते हैं। पुस्तक मे थैलिसिमिया रोग से ग्रस्त मरीज़ो के परिवार की मनोदशा दर्शाती एकांकी भी है तो सिंधी भाषा लिखने पढ़ने से वंचित युवकों की पीड़ा से रूबरू करवाती एकांकी भी है। 

इन सामाजिक नाटकों को पुस्तक के माध्यम से विभिन्न नाट्य संस्थानों तक पहुंचाने का प्रयास किशोर लालवानी द्वारा किया जा रहा है ताकि विभिन्न शहरों में इस नाटक का मंचन हो सके। यह एक सराहनीय कदम है। पुस्तक के लेखक किशोर लालवानी ने कहा कि इस नाटक का निर्देशन सिंधी रंग मंच के जाने माने निर्माता निर्देशक तुलसी सेतिया ने किया है. उन्होंने अमरावती में भी इस नाटक को दो बार मंचित किया है। 

इस पुस्तक की प्रस्तावना इंदौर के प्रसिद्ध लेखक अमर गोपलानी, इंदौर की ही युवा लेखिका एवं निर्देशिका विनीता मोटलानी तथा नागपुर की कंचन जग्यासी तथा मंजू कुंगवानी ने लिखी है।कार्यक्रम का सफल संचालन राकेश मोटवाणी ने किया. आभार प्रदर्शन परसराम चेलानी ने किया। विमोचन समारोह में रिचा केवलरामाणी, मोनिका मेठवाणी, निशा केवलरामानी, रश्मि लालवानी, डा. भाग्यश्री खेमचंदानी, भुवी जशनानी, रेखा संतवानी तथा राजकुमारी जशनानी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
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