खिलाडियों मे निराशा व डिप्रेशन बढ़ने का खतरा !
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नागपुर। महाराष्ट्र मे फिर से एक बार कोरोना महामारी धोका बड़ गया है। और राज्य मे नागपुर यह पहले क्रमांक पे है। इस गंभीर पराथिति मे स्वास्थ पर विपरीत परिणाम हो रहे है। रोगप्रतिकार शक्ति बढ़ने वाले खेल के मैदान भी लॉक कर दिया गए है। महाराष्ट्र मे वीकेंड लॉकडॉन मे खेल मैदान बंद करने का निर्णय दिया है। एक बार फिर से मैदान लॉक करने पर गुणवंत खिलाडियों मे निराशा व डिप्रेशन बढ़ने का खतरा होने की चिंता सता रही है।
महाराष्ट्र खिलाडियों मे अपनी योग्यता कम होने चिंता वही प्रशिक्षकों को अपने जीवन निर्वाह की चिंता सता रही है। खेल मैदान पूर्ण रूप से बंद होने से प्रशिक्षक व कोच पूर्ण रूप से खाली हो गए है। ३० अप्रेल तक मैदान बंद से बॉक्सिंग ,कराते, अथेलेटिक्स, जीमास्टि, चेस, क्रिकेट, फुटबॉल, शूटिंग, ऐसे खेलो के कोच पर आज आर्थिक संकट आ गया है। कई कोचेस ऐसे है जो कोचिंग करके अपना परिवार चलते हे।
मैदान पर व्यायम व कसरत से मानसिक, शरीरिक, स्वास्थ बना रहता है। मैदान बंद होने से खिलाडियों मे इसका विपरीत परिणाम होने खतरा है। हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, झारखंड मे राज्य व राष्ट्रीय स्पर्धा का आयोजन किया गया इसमे महाराष्ट्र के खिलाडियों ने सहभाग नही ले सके। इसका कारण के महाराष्ट्र मे राज्य स्पर्धा के आयोजन पर रोक इसका नुक्सान खिलाडियों को झेलना पड़ा।
एक तरफ सरकार इम्मुन्टिनी पॉवर बढ़ने की बात करती है और दूसरी और सभी मैदान व खेल बंद कर दिये। कैसे हो सकता है ये राज्य सरकार ने थोड़ा सोचना चाहिए। आप प्रशिक्षक व कोच की क्या हालत है इस पर भी सोच जरूरी है सरकार वापरियो और उद्योग धंदे का विचार करती है परंतु प्राईवेट कोच, प्रशिक्षक का विचार कौन करेगा। उन्हे भी परिवार चलाना है। सरकार से निवेदन है की योग्य निर्णय लेकर साहियोग करे।