टीकाकरण के लिए जोरदार अभियान - वैक्सीन लगवाओ ज्यादा ब्याज पाओ, मकान टैक्स में राहत पाओ - स्पूतनिक वी वैक्सीन को आपातकालीन अनुमति
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टीकाकरण प्रोत्साहन के लिए जनता को टैक्स और ब्याज संबंधी राहत सराहनीय, परंतु महामारी के मारे आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए योजनाएं फीकी - एड किशन भावनानी
गोंदिया - वैश्विक रूप से महामारी द्वारा दूसरी बार जोरदार और नए सिम्टम्स, नए आयामों के रूप में जनता पर तीव्र गति से अटैक करने के कारण एक बार फिर पूरा विश्व हर क्षेत्र में दुर्दशा की ओर बढ़ रहा है जो काफी चिंताजनक स्थिति है।... बात अगर हम भारत की करें तो भारत में भी पिछले कुछ दिनोंसे महामारी का संक्रमण बहुत ही तेजी के साथ पूरे भारत में फैल रहा है।
हालांकि कई राज्यों ने तीव्रता से सावधानी और राहत के कदम उठाते हुए कई शहरों में नाइट कर्फ्यू, कई शहरों में लॉकडाउन, कई शहरों में फुल लॉकडाउन और महाराष्ट्र जहां सबसे अधिक स्थिति खराब व सबसे अधिक केस हैं, वहां मुख्यमंत्री महोदय ने सर्वदलीय सभा, टास्क फोर्स की सभा इत्यादिसभी संबंधित अधिकारियों से बैठक कर मंथन किया और दिनांक 13 अप्रैल 2021 रात्रि 9 बजे ब्रेक द चैन आदेश की घोषणा की, जो एक तरह से संपूर्ण राज्य में लॉकडाउन और कर्फ़्यू का ही रूप है। केवल जरूरी सेवाओं में छूट रहेगी संपूर्ण राज्य में धारा 144, रात्रि कर्फ्यू तथा ब्रेक द चैन रूपी लॉकडाउन 14 अप्रैल 2021 रात्रि 8 बजे से 1 मई 2021 सुबह 7 बजे तक रहेगा।
17 पेज के इस आदेश में सभी नियम तथा 29 प्रकार के एसेंशियल कैटेगरी सेवाओं की सूची दी गई है जिन्हें इस लॉकडाउन से छूट रहेगी।.. इस बीच भारत में कोविशिल्ड और कोवैक्सीन के बाद कोरोना महामारी से निपटने के लिए तीसरी वैक्सीन स्पूतनिक वी नामक वैक्सीन को भारत सरकार ने मंगलवार दिनांक 13 अप्रैल 2021 को आपातकालीन परिस्थिति में मंजूरी दे दी। स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार दिनांक 13 अप्रैल 2021 को कहा कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल इंडिया (डीसीजीआई)ने विषय विशेषज्ञ समिति (एसईआई) की सिफारिशों के आधारवपर वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।
मंत्रालय ने कहा कि वैक्सीन को 21 दिनों के अंतराल पर 0.5 मिली की दो खुराक के साथ इंट्रामस्क्यूलर रूप में दिया जाना चाहिए और इससे इस वैक्सीन को माइनस 18 डिग्री सेल्सियस पर संग्रह किया जाना चाहिए। कहा गया है कि डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज लिमिटेड (डीआरएल) देश में उपयोग के लिए वैक्सीन का आयात करेगा। क्योंकि डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज ने सितंबर 2020 में स्पूतनिक वी वैक्सीन के नैदानिक परीक्षणों का संचालन करने और भारत में वैक्सीन वितरित करने के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के साथ भागीदारी में अहम भूमिका निभाई थी और आरडीआईएफ द्वारा रूस में किए गए परीक्षणों के अलावा डॉ रेड्डीज ने भारत के दो तीन के नैदानिक चरणों में विशेष भूमिका अदा की थी।
यह जानकारी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा दी गई है। 16 जनवरी से शुरू टीकाकरण अभियान में 11 से 14 अप्रैल 2021 तक टीका उत्सव और अब तीसरी वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद टीकाकरण अभियान में जोरदार ढंग से तेजी आने की संभावना है। इस अभियान में प्रधानमंत्री महोदय ने भी जोरदार अपील की है कि टीकाकरण में सबका सहयोग जरूरी है।.. दूसरी और टीकाकरण अभियान में दिल्ली के एक क्षेत्र के नगरनिगम ने घोषणा की है कि जो पूरे परिवार के साथ टीकाकरण करवाएंगे उन्हें मकान टैक्स में 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी यह बात टेलीविजन के एक चैनल पर महापौर महोदय ने भी अपने कार्यक्षेत्र में घूमघूम कर जनता से इसका लाभ उठाने की अपील भी की थी।
इस तरह की राहतें और टीकाकरण का प्रोत्साहन करना काबिले तारीफ है।..दूसरी ओर टीकाकरण के लिए लोगों में जागरण लाने के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा एक स्कीम लाई गई है, उनके अनुसार जो लोग वैक्सिंन लगवा चुके हैं उनको फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) कराने पर वर्तमान मौजूदा रेट से .25 प्रतिशत अधिक ब्याज लाभ दिया जाएगा और टीकाकरण करवाने वाले वरिष्ठ नागरिकों को और अधिक लाभ याने उन्हें .50 प्रतिशत अधिक ब्याज एफडी पर दिया जाएगा। बैंक की सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार इस योजना की परिपक्वता अवधि 1111 दिन है। इस योजना को इम्यून इंडिया डिपाजिट योजना का नाम दिया गया है।
मोबाइल पर इसके मैसेज भी कई लोगों को आए होंगे। इसमें अनेक नागरिकों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और राहत प्राप्त करनेके लिए अधिक से अधिक लोग टीकाकरण के लिए आगे आएंगे और उन्हें .25 प्रतिशत औरव.50 प्रतिशत का अतिरिक्त आर्थिक लाभ राहत के रूप में भी मिलेगा और इससे टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाने में बल मिलेगा। हालांकि एक कड़वीं ही सच्चाई यह भी हैकि इस भयंकर महामारी से लाखों लोग पीड़ित हैं, अनेक नगरों में लॉकडाउन, नाइट कर्फ़्यू, शासकीय दिशा निर्देशों और भी अनेक बंदिशों के कारण जैसे अब महाराष्ट्र में लगाया गयाहै आर्थिक मोर्चाबंदी हो गई है।
लोगों की दुकानें बंद है, असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी मजदूर बेरोजगार हो रहे हैं, कमाई का जरिया बंद हो गया है, तो ऐसी परिस्थितियों में आम जनता के पास पैसा नहीं है, तो किस तरह वह मकान टैक्स पटायेंगे, और बैंक के एफडी में पैसा जमा करवाएंगे।कई लोग ऐसे भी हैं, जिनकी अभी पूरी सेविंग भी समाप्त हो गई है और डेली डिपाजिट अकाउंट मैचुअर होने के पूर्व ही घाटा खाकर बंद करवा रहे हैं। अनेकों उनके लिए तो रोजीरोटी की भी समस्या आ रही है। ऊपर से बिजली, पानी, जीएसटी, आयकर, मकान टैक्स, सेवा कर, इत्यादि अनेक तरह का टैक्स अभी निर्धारित समय के अंदर भरना है अन्यथा जुर्माने की बारी आएगी।
हालांकि जोआर्थिक रूपसे मजबूत हैं उनके लिए यह योजना फायदेमंद हो सकती है। परंतु आर्थिक रूप से पिछड़े और ऊपर से कोरोना महामारी के प्रभावों से आर्थिक मार झेल रहे वर्ग के लिए यह योजनाएं फीकी ही रहेगी। फिर भी अगर हम टीकाकरण के जनजागरण और जनता को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहन के रूप में इन राहतों और स्कीमों को देखें,तो यह एक अच्छी पहल हैकि लोगों का टीकाकरण के प्रतिअनुकूल ध्यानाकर्षण होगाऔर टीकाकरण के लिए प्रेरित होंगे।