लोकसेवा महाविद्यालय में एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न
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औरंगाबाद। लोकसेवा कला एंव विज्ञान महाविद्यालय औरंगाबाद में 'हिंदी के भाषाई कौशल" इस विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न हुई। इस कार्य शाला के अध्यक्ष तथा उद्घाटक महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. लियाकत शेख थे। उन्होने हिंदी के भाषाई कौशल पर विस्तार पूर्वक अपनी बात रखी और भाषाई कौशल के महत्त्व को समझाया। उन्होने कहाँ कि श्रवण, भाषण, पठन, लेखन यह कौशल बहुत ही महत्त्वपूर्ण है, हमें इन्हें अच्छे तरह से विकसित करने की आवश्यकता है।
इस एकदिवसीय कार्यशाला में प्रमुख मार्गदर्शक के रूप में सर सय्यद महाविद्यालय औरंगाबाद के हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. शेख़ लतीफ़ उपस्थित थे। डॉ. शेख़ लतीफ़ ने मार्गदर्शन करते हुए कहा 'अच्छा वक्ता बनने के लिए अच्छा श्रोता होना जरूरी है', श्रवण यह सबसे महत्वपूर्ण भाषाई कौशल है। जिसका श्रवण कौशल अच्छा होता है। उसके सभी कौशल अच्छे होते है। इसके साथ - साथ उन्होने भाषाई कौशल के विविध रूपों पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को ज्ञानवर्धक मार्गदर्शन किया।
इस कार्य शाला में प्रमुख अतिथि के रूप में जे. एस. पी. एम. महिला महाविद्यालय औरंगाबाद के हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ.अनीस बेग उपस्थित थे। उन्होने कहा कि हिंदी के भाषाई कौशल हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण है। बचपन से लेकर अंत तक इन कौशलों का प्रयोग हम करते है। किसी भी भाषा को सीखने के लिए हमें इन कौशलों को सीखना अत्यावश्यक है। हम आत्मविश्वास पूर्वक इन कौशल को निरंतर विकसित कर सकते है।
प्रारंभ में इस कार्यशाला के संयोजक डॉ. दस्तगीर देशमुख ने प्रास्ताविक प्रस्तुत कर कार्यशाला के महत्त्व और उद्देश्य को स्पष्ट किया उन्होने हिंदी के भाषाई कौशल पर सारगर्भित प्रास्ताविक किया। इस शुभ अवसर पर लोकसेवा महाविद्यालय के छात्रों द्वारा बनाएँ गये भीती पत्र का विमोचन मान्यवरों के करकमलों द्वारा किया गया।
इस कार्य शाला का संचालन डॉ. दस्तगीर देशमुख ने किया तो आभार डॉ.आसमा सय्यद ने व्यक्त किया कार्यशाला में छात्र - छात्राएँ, कर्मचारी तथा अध्यापक गण बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यशाला को सफल बनाने में पूर्व प्राचार्य डॉ. शाहाबुद्दीन शेख़ सर ने मार्गदर्शन किया।