Loading...

मध्य प्रदेश से प्रगतिशील किसानों का दल प्रशिक्षण हेतु पहुंचा बस्तर कोंडागांव के मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर





एक एकड़ में पेड़ों पर 25 लाख रुपए की काली मिर्च की खड़ी फसल का देखकर आकलन कर हुए हैरान


70 फीट की ऊंचाई तक काली मिर्च से लगे हुए हैं ऑस्ट्रेलियन टीम के पेड़

सीएसआईआर के सहयोग से विकसित स्टीविया की बिना कड़वाहट वाली नई प्रजाति की शक्कर से 30 गुना मीठी पत्तियों को चखकर किसान हुए हैरान,  मुक्तकंठ से सराहा



'आत्मा' परियोजना के अन्तर्गत मध्य प्रदेश के सीधी जिला  के कलेक्टर डॉ रवीन्द्र चौधरी जी की विशेष पहल पर जिले के चयनित 15 प्रगतिशील किसानों का दल, समन्वय पंकज बागरी जी के नेतृत्व में परसों छत्तीसगढ़ पहुंचा। इस भ्रमण के प्रथम चरण में उन्होंने कल 2 मार्च को प्रदेश की राजधानी रायपुर रिंग रोड एक स्थित अग्रसेन नगर में स्थित 'मां दंतेश्वरी हर्बल समूह' के  परिसर "हर्बल इस्टेट" पहुंचा। 

समूह के द्वारा अंतरराष्ट्रीय मापदंडों पर जैविक पद्धति से बस्तर के अपने खेतों में उगाई गई  जड़ी बूटियों तथा उनसे तैयार उत्पादों को देखा समझा।  अपनी गुणवत्ता के लिए देश-विदेश में धूम मचाने वाले, 'विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)' द्वारा  प्रमाणित तथा अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के अनुरूप, सर्टिफाइड ऑर्गेनिक हर्बल प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता तथा समूह की बहुस्तरीय सतत गुणवत्ता नियंत्रण की नीति तथा इस सबकी संपूर्ण प्रक्रिया के बारे में, 'मां दंतेश्वरी हर्बल समूह' की  गुणवत्ता नियंत्रण प्रमुख अपूर्व त्रिपाठी ने विस्तार से जानकारी प्रदान की। 

उत्पादों के बारे में अन्य जानकारियां हर्बल समूह के कार्यालय प्रमुख मनोज साहू तथा जन संपर्क प्रमुख राजेन्द्र पटेल, कमलेश साहू के द्वारा प्रदान की गई। करके दूसरे दिन 3 मार्च को किसानों का यह दल बस्तर कोंडागांव 'स्थित मा दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर पहुंचा। यहां पर उनके द्वारा फार्म भ्रमण तथा  प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया गया। फार्म पर मा दंतेश्वरी हर्बल समूह के निदेशक अनुराग त्रिपाठी के द्वारा ऑस्ट्रेलियन टीक, काली मिर्च, जैविक हल्दी, ड्रैगन फ्रूट, स्टीविया , सफेद मूसली, अनाटो, इंसुलिन प्लांट आदि की तैयार फसलों को दिखाते हुए, इनकी खेती की पद्धति के बारे में विस्तार से बताया गया। साथ ही खेतों पर खड़े होकर इन खड़ी फसलों के समुचित आंकलन द्वारा इनके व्यावहारिक अर्थशास्त्र के सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। 

70 फीट की ऊंचाई तक काली मिर्च के गुच्छों से लदे हुए  आस्ट्रेलियन टीक के पेड़ों को देखकर किसान आश्चर्यचकित भी हुई,और आनंदित भी। किसानों के दल ने मौके पर खड़े होकर जब काली मिर्च की खड़ी फसल से होने वाली प्रति एकड़ आमदनी का आकलन किया तो प्रतिएकड़ से बिना किसी खर्चे के ‌20-25 लाख रुपए की हो रही आमदनी को देखकर बेहद खुश हुए तथा अपने क्षेत्र में भी इस तरह के वृक्षारोपण करने की इच्छा व्यक्त की।
 
इस समूह द्वारा भारत सरकार की सीट्स शोध संस्था सीएसआईआर की आईएचबीटी पालमपुर के सहयोग से विकसित की गई  (कड़वाहट रहित) स्टीविया की नई प्रजाति एमडी st16 की शक्कर से 30 गुना मीठी पत्तियों को  चखकर  सभी किसानो ने बहुत तारीफ की।

मां दंतेश्वरी महिला हर्बल समूह के अध्यक्ष दसमती नेताम के द्वारा जैविक खाद बनाने तथा जैविक कीटनाशक बनाने की विधि का प्रदर्शन तथा प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम के अंत में मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म के डीएनके स्थित कार्यालय में संस्था के संस्थापक  डॉ राजाराम त्रिपाठी ने सभी किसान भाइयों से व्यक्तिगत रूप से भेंट किया और  उनके बहुचर्चित "उच्च लाभदायक बहुस्तरीय खेती"  के कोंडागांव मॉडल तथा जैविक औषधीय पौधों की खेती और इनकी मार्केटिंग के बारे में, किसानों की जिज्ञासाओं तथा प्रश्नों का विस्तार से उत्तर दिया। 

कार्यक्रम के अंत में बस्तर की स्वर कोकिला के नाम से प्रसिद्ध शिप्रा त्रिपाठी ने एक मधुर गीत सुनाया और दल को इस सफल भ्रमण कार्यक्रम तथा  उज्जवल भविष्य हेतु  शुभकामनाएं दीं। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में दसमती नेताम, कृष्ण कुमार पटेरिया, श्री शंकर नाग, कृष्णा नेताम आदि का विशेष योगदान रहा।

- अपूर्वा त्रिपाठी
मां दंतेश्वरी हर्बल समूह,
छत्तीसगढ़
समाचार 6168445619605577051
मुख्यपृष्ठ item

ADS

Popular Posts

Random Posts

3/random/post-list

Flickr Photo

3/Sports/post-list