अंतरराष्ट्रीय आरिणी साहित्य समूह द्वारा होली विषय पर आयोजित कवि सम्मेलन खूब जमा
https://www.zeromilepress.com/2021/03/blog-post_77.html?m=0
कवि सम्मेलन की संयोजिका अंतरराष्ट्रीय आरिणी साहित्य समूह की अध्यक्ष डॉ मीनू पाण्डेय नयन के द्वारा संयोजित अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन की अध्यक्षता प्रतिभा संपन्न साहित्यकार स्नेहा देव ने की एवं मुख्य अतिथि के रूप में दीपा स्वामीनाथन ने अपनी शानदार कविताओं के साथ खूब रंग जमाया। सर्वप्रथम आशा जाकड़ ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की फिर डाॅ मीनू पाण्डेय नयन ने स्वागत भाषण दिया।
इस आयोजन में प्रबुद्ध रचनाकारों ने अपने शानदार पारंपारिक होली से संबंधित मधुर गीतों से वातावरण को विभिन्न रंगों में रंग दिया जिनमें डाॅ अर्चना श्रीवास्तव, इंदौर, आशा जाकड़, इंदौर, डॉ मीनू पाण्डेय नयन, भोपाल, राजेन्द्र यादव, बड़ा मलहरा, सुषमा व्यास राजनिधि, इंदौर, हंसा श्रीवास्तव, भोपाल ने अपनी शानदार कविताओं से श्रोताओं का मन मोह लिया।
वही यशोधरा भटनागर, देवास, हेमा जैन, इंदौर, जनक कु. सिंह बाघेल,भोपाल, माया बदेका, उज्जैन, रानी नारंग, इंदौर , अमिता रवि दूबे, छत्तीसगढ,मधु वैष्णव मान्या, जोधपुर, राजस्थान , कमल चंद्रा, भोपाल,रंजना शर्मा 'सुमन', इंदौर, सीमा शर्मा, काला पीपल,बबली राठौर, भोपाल, डॉ आशा श्रीवास्तव, जबलपुर, शैफालिका श्रीवास्तव , भोपाल, शोभारानी तिवारी इन्दौर, जिज्ञासा शर्मा, सेशेल्ज, अफ्रीका, ड़ाॅ छाया भंवर मालवीय, हैदराबाद, अर्चना लवेनिया, इंदौर, अंजुल कंसल, इंदौर ने अपनी कविताओं की छाप छोड़ी।
सर्व श्री डाॅ गिरिजेश सक्सेना ने भी अपनी कविता की शानदार प्रस्तुति दी एवं सुंदर हास्य व्यंग्य के दोहे भी सुनाए। मंच की सिद्धहस्त कवियत्री स्नेहा देव ने रंग पर्व से संबंधित कविता सुनाकर वातावरण को और भी रंगमय बना दिया। दीपा स्वामीनाथन ने भी अपने शानदार प्रस्तुति से श्रोताओं का मन मोह लिया! उन्होंने होली के महत्व पर प्रकाश डाला। अंत में आरिणी के महासचिव राजेन्द्र यादव ने सभी का आभार प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम का सरस संचालन सुषमा व्यास राजनिधि, उपाध्यक्ष आरिणी साहित्य समूह ने किया।
इस कवि सम्मेलन में प्रस्तुत गीतों की पंक्तियां:
आया होली का त्यौहार, लेके रंगों की बहार, चली फागुनी बयार तो श्रृंगार होना चाहिए - डाॅ मीनू पांडेय नयन
तन पर मल कर रंग गुलाल, खेलें सब होली नंदलाल - दीपा स्वामीनाथन
तुम संग खेलूं आज। - स्नेहा देव, दुबई
जिसका सबको था बेसब्री से इंतजार आ गया वो रंगों का त्यौहार - जिज्ञासा शर्मा, अफ्रीका
अरे रे रे।आया मौसम ये अलबेला आयी फागुन की ये बेला होली खेलें रसिया । - जनक कु. सिंह बाघेल
प्रीत के रंग भरे, नेह की डोर बांधे, फागुन में आज सखी सपने हैं संग चले - माया बदेका फागुन आयो मन हर्षायो, जागी पिया मिलन की आस। मौसम ने ली मादक अंगड़ाई ,इत उत बिखरी प्रेम सुवास। - डॉ.अर्चना श्रीवास्तव इस होली मैं साथ नहीं तो क्या, गाल गुलाल लगा लेना, मेरे बिना ये होली, प्रिय इस साल मना लेना- डॉ गिरिजेश सक्सेना होली खेलूँ साजन संग, मन में उठ रही उमंग। रंग रंगीला फागुन आया, मैं तो हो गई मगन। - शेफालिका श्रीवास्तव कान्हा मैंने नहीं खेली रे होली, तेरे प्रेम रंग रंग गई छोरी। मन रंग श्याम तू होली, मैंने नहीं खेली रे होरी। - सुषमा व्यास राजनिधि होरी खेलन नंदलाल, आज बरसाने आये। - हंसा श्रीवास्तव
प्रीत का पिला का भंग, लगा लिया मोहे अंग अंग अंग डाला रंग, गोरे गोरे गाल जी-राजेन्द्र यादव "कुँवर" रंग बिरंगी चेहरा लाल फिर क्यों हाल हुआ बेहाल-डॉ आशा श्रीवास्तव आओ द्वेष को मिटा दें होली में, नफ़रत की दीवार गिरा दें होली में- श्रीमती शोभा रानी तिवारी फगुनी बयार कानों में यूँ आकर बोली,इंद्रधनुषी छटा बिखराती आ गई होली।-कमल चंद्रा आज होली खेलें अपने आंगन में, रंगों का त्योहार मनाए फागुन में - आशा जाकड़
राधा चूनर रंग गई धानी, फागुन में कान्हा करे बेमानी - डाॅ अंजुल कंसल 'कनुप्रिया' बिन रंगों की अब कई होली, कैसे खेले कोई अब की - हेमा जैन
अब का फागुन ऐसा हो जाए, पी का जी भर के साथ मिले- अर्चना लवानिया आज खेली मैनें अपने पिया संग होली, हाय ये होली मैं तो पिया की होली- रानी नारंग फगुवा, राग है, गीत है, जीवन संगीत है- यशोधरा भटनागर स्नेहिल गुलाल मिलकर, मृदुल फिजा के संग- मधु बैष्णव मान्या फागुन आया प्यार लपेटे, रंगीन समा प्रेम लपेटे - बबली राठौर लाल गुलाबी नीले पीले, होली के रंग हैं सारे, होली के सब रंगों में मिलकर नेह का एक रंग मिला ले - सीमा शर्मा होली रंगों का त्योहार,प्रेम का रंग बड़ा ही गहरा-रंजना शर्मा' सुमन', इंदौर सभी की कविता वानगी बन देखते ही बनती थी, खूब रंग जमा, पूरे कवि सम्मेलन में।