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मां परिवार की आधारशिला होती है : रति चौबे




परशुराम वाटिका की ऑनलाइन परिचर्चा


नागपुर। आल इंडिया ब्राह्मण संगठन 'परशुराम वाटिका' की ओर से आनलाइन गुगल मीट पर संस्था ने महिला दिवस परिचर्चा के रुप में बहनों के साथ मनाया.इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में 'लंदन' से इन्दु बरोड'आमंत्रित थी एवं अध्यक्ष रति चौबे संयोजिका, संचालिका के रुप में मंच पर रही. होस्ट की भूमिका ममता शर्मा ने अदा की. महिला दिवस पर परिचर्चा का विषय 'युवा पीढ़ी व्यक्तित्व को संवारने में' मां' का  योगदान' था. सभी ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. 

मुख्य अतिथि ने अपने विचार  व्यक्त करते हुए कहा कि प्रथम पाठशाला घर होता है और शिक्षिका 'मां' होती है, युवा पीढ़ी का व्यक्तित्व संवारने में मां ही सर्वोपरी होती है. राष्ट्रीय महिला मंच की प्रदेश उपाध्यक्ष मीना तिवारी का कहना था कि 'मां'शब्द' बच्चे अर्थ नही तो 'व्यर्थ' हैं. मां का आचरण ही युवा पीढ़ी का व्यक्तित्व है . नैनका चौबे ने कहा कि युवा पीढ़ी का चरित्र निर्माण 'मां' पर ही है मां का त्याग, तपस्या ही भविष्य में युवा पीढ़ी का विकास करते हैं. 

ममता शर्मा का कहना था कि मां व संयुक्त परिवार ही युवा पीढ़ी में संस्कार डालते है. रेखा पांडे ने कहा कि आनलाइन का जमाना है स्मार्ट बच्चों के साथ 'स्मार्ट मां' बनकर ही हम युवा पीढ़ी को संवार सकते हैं हमें उनका मित्रवर बनकर रहना होगा. सारिका दुबे, पिंकी शर्मा, कनक शर्मा, पिंक आर्या व उत्कर्ष चौबे ने भी अपने मत रखे. 

अध्यक्ष रति चौबे ने कहा कि 'मां' परिवार की आधारशिला, सृजन - शीला, वो द्ष्टिकर्ता है और युवा पीढ़ी को जो मार्गदर्शन' मां' बाल्यावस्था से ही देती है वहीं शिक्षा भविष्य में उसके युवावस्था में उसका चरित्र निर्माण कर उसे आत्मविश्वासी, बलिष्ठ, वो परिमार्जित व्यक्तिव का उसे बना समाज को सौंपती है जीवनयापन के योग्य बनाती है। 

कार्यक्रम का अंत श्री परशुराम को नमन कर किया गया और उनकी भी माता को वंदन किया कारण आज "मां रेणुका" के अमूल्य योगदान ने ही परशुराम जैसे प्रभावशाली व्यक्तित्व को संवार कर धरती पर पूजनीय बनाया.
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