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तकनीकी गड़बड़ी की भेंट चढ़ी परीक्षा



पेपर की नई तारीखों का जल्द ही ऐलान किया जाएगा

नागपुर। राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की शीतकालीन - २०२० परीक्षा का पहला दिन था। तीन सत्र में करीब २५ हजार विद्यार्थी पेपर देने वाले थे। पहला ही दिन विवि और विद्यार्थियों के लिए बुरा रहा। परीक्षा तकनीकी गड़बड़ी की भेंट चढ़ गई। सुबह ८ बजे दिए गए समय पर जब विद्यार्थियों ने लॉग - इन का प्रयास किया तो सफलता नहीं मिली। 

कई बार प्रयास करने पर नई - नई तकनीकी गड़बड़ी होती रही। इससे विद्यार्थी तनाव में आ गए। उनके खूब प्रयास करने पर भी पेपर शुरू नहीं हो सका। आखिर में परीक्षा खत्म का संदेश दिखने लगा। यह सभी सत्रों के परीक्षार्थियों के साथ हुआ। इसके कारण विद्यार्थियों में हड़कंप मच गया। यह स्थिति ठीक ६ माह पूर्व हुई ग्रीष्मकालीन परीक्षा जैसी ही थी, जिसकी शुरुआत में इसी प्रकार की समस्याएं देखने को मिली थीं। 

गुरुवार को जब अधिकांश विद्यार्थियों की ऐसी ही समस्या देखने को मिली, तो विश्वविद्यालय ने गुरुवार  के सभी पेपर रद्द कर दिए। इस बारे में अधिकृत घोषणा भी जारी कर दी गई। बी.कॉम, बीबीए, बीएससी, होम इकोनॉमिक्स, बीए, बीएएलएलबी, बीएससी और बीई जैसे पाठ्यक्रमों के पेपर रखे गए थे। विवि के अनुसार, गुरुवार के पेपर की नई तारीखों का जल्द ही ऐलान किया जाएगा। 

मामले में विवि कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी ने सफाई दी कि सर्वर की गड़बड़ी  और डेटा मिसमैच के कारण यह समस्या हुई और विद्यार्थी लॉग इन नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली में तकनीकी गड़बड़ियां आती ही हैं। कोई भी प्रणाली १०० प्रतिशत सटीक नहीं होती। पिछली बार का यही अनुभव था कि परीक्षा के शुरुआती दिनों में इस प्रकार की समस्याएं आती हैं, लेकिन बाद में सारे पेपर व्यवस्थित ढंग से होते हैं। 

दूसरी बार भी ऑनलाइन परीक्षा के लिए प्रणाली ठीक न कर पाने के प्रश्न पर उन्होंने जवाब दिया कि इस बार विवि ने परीक्षा जरा जल्दी आयोजित की, ताकि जून-जुलाई तक विद्यार्थियों को डिग्री मिल जाएं और उनका साल बर्बाद न हो। इस कारण टेस्टिंग को पूरा समय नहीं मिल सका। विद्यार्थियों का नुकसान नहीं होगा। सभी विद्यार्थी पेपर दे पाएंगे।  

विश्वविद्यालय दिन भर अपना सर्वर ठीक करने का प्रयास करता रहा। विवि अधिकारियों का दावा है कि शाम तक उनका सारा सर्वर ठीक कर दिया गया। इस कारण से कुछ पाठ्यक्रमों की परीक्षा शुरू हुई। करीब ५ हजार विद्यार्थियों ने लॉग इन करके परीक्षा भी दी। विवि इनके पेपर स्वीकार करेगा। इन्हें दोबारा परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी। डॉ. चौधरी का दावा है कि अब परीक्षा का सर्वर ठीक हो गया है। पेपर देने में कोई परेशानी नहीं होगी।

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