वैश्विक भाईचारे को देंगे बढ़ावा : डाॅ बलराम
विश्व समन्वय साहित्य परिवार का गठन
नागपुर/मुंबई। विगत 26 वर्षों से साहित्यिक संस्था समन्वय साहित्य परिवार छतीसगढ विभिन्न 15 नगरों में कार्यरत है। जिसका वार्षिकोत्सव भारतीय नव वर्ष चैत्र प्रतिपदा को बिलासपुर में मनाया जाता है। इसे वैश्विक रूप प्रदान करने के लिए ऑनलाइन संस्था 'विश्व समन्वय साहित्य परिवार' वर्ल्ड हारमोनी आर्गेनाइजेशन फॉर लिटरेचर (WHOL) का गठन किया गया।
इसका उद्देश्य साहित्य, कला, संस्कृति, अध्यात्म एवं विज्ञान के माध्यम से मित्रता एवं भाईचारे का प्रचार - प्रसार करना है। विश्व बंधुत्व ही इसका लक्ष्य है। इसमें जाति, धर्म, संप्रदाय का भेदभाव नहीं रहेगा। ऑनलाइन संस्था होने के कारण नागरिकता और भौगोलिक सरहदों का बंधन भी नहीं रहेगा। भाषायी भेदभाव भी नहीं रहेगा।
किंतु हिंदी या अंग्रेजी के अतिरिक्त अन्य भाषाओं में लेखन होने की दशा में उसका हिंदी अथवा अंग्रेजी में मौलिक अनुवाद प्रस्तुत किया जाना आवश्यक होगा। ये उद्गार समन्वय साहित्य परिवार छत्तीसगढ़ के संस्थापक डॉ. बलराम के हैं जो वे होली की पूर्व संध्या पर आयोजित ऑनलाइन विचार/काव्य गोष्ठी में वयक्त कर रहे थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पन्ना म. प्र. की जानी - मानी अधिवक्ता श्रीमती मंजू लता जैन ने की। वहीं बिलासपुर की पूर्व शिक्षिका/कवयित्री श्रीमती रेणु बाजपेयी जी मुख्य अतिथि तथा दमोह म. प्र. की प्राध्यापिका श्रीमती सविता जैन विशिष्ठ अतिथि रहीं। कार्यक्रम का संयोजन माँ सरस्वती की असीम कृपा से लेखिका/ समाजसेवी मुंबई की श्रीमती शशि दीप ने तथा बिलासपुर की कवयित्री श्रीमती सरोज ठाकुर ने की।
होली विशेष इस विचार/काव्य गोष्ठी की शुरुआत माँ सरस्वती की स्थापना, अतिथियों के करकमलों से दीप प्रज्वलन के पश्चात शशि दीप के भक्तिभाव से भरे स्वर में, माँ सरस्वती श्लोक जाप की पवित्र ध्वनि से शुरू हुई। उसके बाद डॉ बलराम ने जब अपने उद्बोधन में विश्व समन्वय साहित्य परिवार (WHOL) के स्थापना की घोषणा की तो उपस्थित कवियों ने इसे अनुकरणीय अनुष्ठान बताते हुए करतल ध्वनि से स्वागत किया।
मुख्य अतिथि रेणु बाजपेयी की साहित्यिक यात्रा का संस्मरण सुनकर, श्रोताओं का तन - मन द्रवित हो गया। अध्यक्ष मंजूलता जैन ने डॉ बलराम से उनके सानिध्य को जीवन की बहुमूल्य संपत्ति बताया।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए, संचालिका सरोज ठाकुर ने अपने नपे - तुले कोकिल कंठी स्वर में कवियों को बांधे रखा। सभी कवियों ने अपने उत्कृष्ट रचना एवं शानदार प्रस्तुति से ऑनलाइन मंच को जीवंत कर दिया।
इस कार्यक्रम में डॉ बलराम के अतिरिक्त डॉ देवधर महंत जांजगीर जिला चाम्पा, राघवेंद्र दूबे, रेणु बाजपेयी, पूर्णिमा तिवारी, सरोज ठाकुर राजेश सोनार, डी. आर. जाधव, सत्येंद्र तिवारी बिलासपुर, गया प्रसाद साहू, कोटा, राजेश जैन राही रायपुर, कल्पना कौशिक सरगांव मुंगेली, रेखराम साहू बिटकुला, मनीष पांडे हैदराबाद, शशि दीप, अंजलि निगम मुंबई, प्रभृति की सार्थक सहभागिता रही।
विश्व समन्वय साहित्य परिवार की ऑनलाइन प्रभारी शशि दीप के कुशल संयोजन एवं सरोज ठाकुर के सफल संचालन को खूब सराहा गया।