नेफ्रालॉजी सोसाइटी का पदारोहण कार्यक्रम संपन्न
नागपुर। हाल ही में महामारी के मद्देनजर आभासी प्रारूप में नेफ्रालॉजी सोसाइटी, सत्र २०२१ - २२ के लिए नियुक्त पदाधिकारियों का पदारोहण कार्यक्रम उल्लास के साथ संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि सुपरस्पेशियालीटी हॉस्पीटल के पूर्व प्राध्यापक डॉ. विरेश एल. गुप्ता की उपस्थिति में शपथग्रहण हुआ। पूर्व अध्यक्ष डॉ. अश्विनी कुमार खांडेकर ने स्वागत पर भाषण किया। संस्था के पूर्व सचिव डॉ. निशांत देशपांडे ने वार्षिक अहवाल पेश किया।
डॉ. सूर्यश्री पांडे ने अध्यक्ष पद का तो डॉ. विशाल रामटेके ने सचिव पद का पदभार स्वीकार किया। अन्य पदधिकारी डॉ जयराज कोरपे, सहसचिव, डॉ. पीयूश किम्मतकर, कोषाध्यक्ष, नवविर्वाचित अध्यक्ष पद पर (२०२२ - २३) डॉ. अमित पसारी की नियुक्ति की गई।
कार्यकारिणी मंडल पर डॉ. आनंद चेल्ल्पन, डॉ. रितेश बनोदे, डॉ. अमर सुलतान, डॉ. सौरभ लांडे, डॉ. अमोल बावने, डॉ. अभिषेक दीक्षित के साथ साथ जिला प्रतिनिधि डॉ. वंदना आदमाने, डॉ. शैलेष गांदाणे, डॉ. नवीन चटटानी, यवतमाल, डॉ. प्रसाद गुर्जर, वर्धा, साईंनाथ पटटेवार रायपुर तथा डॉ. नीरज जैन जबलपुर को शपथ दिलाई गई।
इस प्रसंग पर किडनी प्रत्यारोपण के लिए उपयुक्त “केपीडी ॲप'' तथा संस्था की वैज्ञानिक पत्रिका का विमोचन किया गया। सन २०२१ - २२ के लिए डॉ. मनीष बलवानी मुख्य संपादक मनोनित किये गये है। २१ मार्च २०२१ को निरंतर वैद्यकीय शिक्षण और जनजागृति कार्यक्रम आभासी प्रारूप में लिया गया। डॉ. सूर्यश्री पांडे ने अध्यक्षीय भाषण पेश किया।
तीव्र मूत्रपिंड बीमारी के तेजी से बढ़ते मामले तथा आर्थिक बोझ के पाश्वभूमि पर सार्वजनिक शिक्षण, जांच, जल्दी निदान और प्रगति रोकथाम के लिए सही समय पर उपचार करना यही सबसे खर्चिक पद्धति है, ऐसे विचार रखे। सरगंगाराम हॉस्पीटल, दिल्ली में कार्यरत डॉ. डी. एस. राणा इस वक्त प्रमुख अतिथि थे। क्रिश्चन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर के डॉ. संतोष वरगीज अतिथि व्याख्याता थे।
मूत्रपिंड के विफलता के उपचार में मूत्रपिंडरोग विज्ञान में आई उत्क्रांति और 'पेरिटानियल डायलिसिस की उपयुक्तता पर मार्गदर्शन किया। इस शैक्षणिक सत्र में मध्य भारत के कई मूत्रपिंड विकार तज्ञ उपस्थित थे। तत्पश्चात जनजागृति पर सत्र का आयोजन किया गया।
जिसमे डा. शिवनारायण आचार्य, डॉ धनंजय उकलकर, डॉ. समीर चौबे, डॉ. प्रकाश खेतान, डॉ. सदानंद भुसारी, डा. चारूलता बावनकुले, डॉ. मानाली साहू, डॉ. प्रवास चौधरी, डॉ. अविनाश चौधरी, डॉ. निखील किबे, डॉ. वंदना बारस्कर और विदर्भ के अनेक ज्येष्ठ मूत्रपिंडविकार तज्ञ उपस्थित थे। यह जानकारी डॉ. सूर्यश्री पांडे अध्यक्ष नेफालॉजी सोसाइटी व सचिव डॉ. विशाल रामटेके ने सामायिक की।