अगर कोरोना को हराना है तो टीका जरूर लगाना है - टीकाकरण अभियान में सबका सहयोग जरूरी
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कोविड-19 टीके के प्रति भरोसा रखें और टीका लगाने सामुदायिक प्रसार, एकजुटता तथा स्वास्थ्य विभाग को सहयोग जरूरी - एड किशन भावनानी
गोंदिया - भारत में 16 जनवरी 2021 से कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है और देश मे कोरोना टीकाकरण अभियान चल रहा है जो देश ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम है।विगत 16 जनवरी को भारत ने कोविड-19 के खिलाफ लगभग 30 करोड़ अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखकर दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया था।
यह अभियान देश में तैयार कोवाक्सिन और कोविशील्ड टीकों के जरिये चलाया गया औरजिसे महामारी द्वारा ग्यारह महीनों की घेराबंदी के संभावित अंत की शुरुआत बताया जा रहा है। पिछले एक साल में महामारी ने मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति और वैश्विक व राष्ट्रीय स्तर पर तैयारियों के लिए चुनौती पेश की है। भारत जैसे निम्न से मध्य आय वाले देशों ने यह मानते हुए, कि उनके स्वास्थ्य तंत्र पर बढ़ता दबाव सहने की क्षमता कम है, कोविड-19 के खिलाफ व्यापक निगरानी तथा जोखिम से निपटने के लिए लोगों को जागरूक करने का अभियान शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया। कोरोना महामारी के बाद बुधवार दिनांक 10 मार्च 2020 को माननीय प्रधानमंत्री महोदय ने 1 साल बाद संसदीय दल की बैठक में सांसदों टीकाकरण संबंधी जागरूकता अभियान चलाने की सलाह दी है।
अब जबकि कोविड वैक्सीनेशन का दूसरा चरण एक मार्च से शुरू हुआ है, इसमें 60 साल से ज़्यादा उम्र वाले और किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जा रहीं हैं। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चालू है, जिसे अब आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया है। मंगलवार दिनांक 9 मार्च 2020 को बेंगलुरु में 103 साल की महिला ने कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ली, इसी के साथ ही जे कमेश्वरी वैक्सीन लेनी वाली भारत की सबसे बुजुर्ग महिला बन गई हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के दिए आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रव्यापी कोविड-19 टीकाकरण में अब तक 2.40 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है। मंगलवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने ये आंकड़े साझा किए। केंद्र सरकार राज्यों में कोविड -19 टीकाकरण अभियान को तेज करने पर जोर दे रही है क्योंकि सरकार ने टीकाकरण के दूसरे चरण की शुरुआत 1 मार्च 2021 से की थी। सरकार का लक्ष्य जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का है।
कोरोना टीकाकरण चरणबद्ध तरीक़े से किया जा रहा है।पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों यानी डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स और स्वास्थ्य से जुड़े लोगों को वैक्सीन दी गई, परंतु भारत में कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए कुछ लोगों में एक हिचक देखने को मिल रही है यही कारण है कि भारत सरकार वैक्सीन लगाने के अपने लक्ष्य में कुछ प्रतिशत पीछे चल रही है।
हालांकि टीकाकरण के बाद गंभीर,अत्यंत गंभीर,या मौत की कोई घटना सामने नहीं आई है और स्वास्थ्य मंत्रालय की साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ICMR के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा, यह बहुत साफ है कि दोनों वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित हैं, मैं केवल तीन बात कहना चाहूंगा - पहली - वैक्सीन की वजह से कोविड-19 नहीं होता, दूसरी - वैक्सीन से कोविड-19 की रोकथाम होती है ये बहुत साफ़ है और तीसरी बात - वैक्सीन कोविड-19 से होने वाली मौत की रोकथाम होती है ये बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए वैक्सीन लेने का समय अभी है।फ़िर भी इसमें हम नागरिकों को सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय स्वास्थ्य कर्मियों के साथ लक्ष्य पूर्ति में कंधे से कंधा मिलाकर चलना है प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में हम देख सुन रहे हैं कि कुछ लोगों को अभी भी टीका लगवाने की हिचक है हालांकि केंद्र सरकार द्वारा जोरदार ढंग से इस संबंध में जन जागरण अभियान चला रही है स्वयं माननीय प्रधानमंत्री महोदय भी इस संबंध में अपील कर रहे हैं और मीडिया में बार-बार यह आ रहा है कि कोरोना वैक्सीन को एक कोवैक्सिन और कोवाशिल्ड यह दोनों ही एक काम करती है दोनों को अलग-अलग डोज में अलग-अलग भी ले सकते हैं इसके साइड इफेक्ट्स नहीं है, यह बात मीडिया के माध्यम से सभी जानकार जनता तक पहुंचा रहे हैं।
अब यह जवाबदारी हम सभी भारतीय नागरिकों की है कि अपने आसपास के सभी नागरिकों को जागृत करें और उनके चरण में वैक्सीन लगाने के लिए या खुद लेकर जाएं या उनको पूरा सहयोग करें आज टीकाकरण के प्रति भरोसा रखने की जरूरत है और टीका लगाने के लिए सामुदायिक प्रसार एकमुश्त तथा स्वास्थ्य विभाग को सहयोग करने की जरूरत है अगर कोरोना को हटाना है तो टीका जरूर लगाना है, इस सिद्धांत पर सभी नागरिकों को काम करना है ताकि संपूर्ण भारत में इस वैश्विक कोरोना महामारी को पूरी तरह से खदेड़ सकें और विश्व में एक मिसाल बन कर उभरे कि भारत जिस संकल्प को थाम लेता है उसे पूरा करके रहता है।
आज हम देख रहे हैं कि प्रधानमंत्री से लेकर हरमंत्री और नामी, गिरामी लोगों ने भी टीकाकरण करवाया है अनेक नामी-गिरामी डॉक्टरों ने भी टीकाकरण करवा लिया है अतः नागरिकों के मन से डर निकाल कर टीकाकरण का अनुरोध हर स्तर पर जारी है ताकि सरकार ने जो टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है उसको पूरा कर हर देशवासी को कोराना मुक्त, भयमुक्त, वातावरण में जीने, रहने का सभका संकल्प पूरा हो सके।
लेखक कर विशेषज्ञ
- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया महाराष्ट्र