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महिलाएं हर दिन सम्मान की पात्र है : रेखा चतुर्वेदी




ब्राह्मण सेना ने मनाया महिला दिवस 


नागपुर। ब्राह्मण सेना द्वारा 8 मार्च को कमाल चौक स्थित ब्राह्मण सेना की उपाध्यक्ष श्रीमती सिमा तिवारी के निवास स्थान पर महिला दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम मे समाज की वरिष्ठ महिला श्रीमती रेखा चतुर्वेदी को विशेष सम्मान किया व रेखा चतुर्वेदी ने संबोधन मे कहा महिलाएं एक दिवसीय सम्मान की नही हर दिन सम्मान की पात्र है व उन्होंने एक बात के लिए सभी लोगों को वचन बद्ध किया कि आज के दौर मे जहा जमाना बदल रहा है उसी बदलते दौर मे शादी ब्याह आदी संस्कृतिक कार्यक्रम करने का तरीका भी उन्होंने उपस्थिति सभी लोगों से कहा भोजन उतना ही लो थाली में व्यर्थ ना जाए नाली मे इसी के साथ श्रीमती शिला दुबे जी का भी सम्मान किया शिला दुबे समाज मे साक्षात सरस्वती का रुप है उनके कार्यो की चर्चा आज पुरे समाज में है शिला जी के द्वारा समाज के प्रत्येक वर्ग को रामायण की स्तुति सिखाई जा रही है उनका एसा मानना है कि पढने की व सिखने की कोई उम्र नहीं होती उनकी क्लास मे 5 साल की उम्र के बच्चों से लेकर 65 साल के बुजुर्ग तक रामायण का महत्व समझे व जानने आते हैं। कार्यक्रम मे ब्राह्मण सेना की महिला अध्यक्ष श्रीमती जयमाला तिवारी ने कहा इसे पहली बार अमेरिका के न्यूयार्क शहर में 28 फरवरी, 1909 को मनाया गया था। इसका आयोजन अमेरिका के सोशलिस्ट पार्टी ने किया था। वहीं, रूस में 1917 में महिलाओं ने हक और सम्मान के लिए हड़ताल आयोजित की थी। इसके बाद से दुनियाभर में महिला दिवस मनाया जाने लगा। ब्राह्मण सेना की विदर्भ अध्यक्ष श्रीमती ज्योती अवस्थी ने बताया की  इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सम्मान और अधिकार के प्रति लोगों को जागरूक करना है। इस वर्ष का थीम वूमेन इन लीडरशिप । हर साल 8 मार्च को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सम्मान और अधिकार के प्रति लोगों को जागरूक करना है। इस वर्ष का थीम वूमेन इन लीडरशिप अचिविंग एन इक्वल फ्यूचर इन ए कोविड-19 वर्ल्ड यानी महिला नेतृत्व: कोरोना काल में बराबर भविष्य प्राप्त करना है। ब्राह्मण सेना की सचिव मनीषा पाठक ने कहा बात सन 1990 की है। जब अमेरिका में पहली बार एक समाजवादी राजनीतिक पार्टी ने एक कार्यक्रम आयोजित कर महिला दिवस मनाया जाने के प्रस्ताव को पारित किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिलाना था। इसके एक साल बाद 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे दर्जा प्राप्त हुआ। वहीं,  1911 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विश्व के कई देशों में आयोजित किया गया। जबकि, सन 1917 में रूस में महिलाओं ने रोटी-कपड़ा के लिए हड़ताल किया था। इस हड़ताल की वजह से तत्कालीन सरकार ने महिलाओं को वोट देने के साथ-साथ रोटी कपड़ा भी देने का अधिकार दिया था। उस समय से हर साल महिला दिवस मनाया जाने जाने लगा। 
व ब्राह्मण सेना की युवा कार्य अध्यक्ष कु. रानु तिवारी ने कहा समाज में महिलाओं को कमजोर माना जाता है। जबकि, महिलाएं पुरुषों से कम नहीं है और कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। आज महिलाओं के सहयोग के चलते समस्त विश्व का चौमुखी विकास हो रहा है। महिलाओं के हौसलों को बुलंद करने और समाज में फैले असमानता को दूर करने के लिए ही हर वर्ष महिला दिवस मनाया जाता है। व आयोजन रानु त्रिवेदी, सुषमा मिश्रा, सिमा तिवारी द्वारा किया गया विषेश रुप से भिलगाव अध्यक्ष श्रीमती दिपा पचौरी उपस्थिति रही साथ राधिका तिवारी, मीना श्रीनिवासन, सार्थकी दिपक तिवारी, ब्युटी गौरव मिश्रा, शशी मिश्रा, संस्कृति मिश्रा, मुनिनंदर सैनी, अमरदीप कौर शसैनी उर्मिला तिवारी, मेघा दिक्षित, नितु नायक, संध्या विकास ढिमोले, भारती तिवारी व विशेष रुप दयाशंकर तिवारी मौन उपस्थिति हुए, उन्होंने महिलाओं पर कुछ सुंदर कविता भी प्रस्तुत की। ब्राह्मण सेना के अध्यक्ष मनीष त्रिवेदी उपस्थिति थे व कोषाध्यक्ष अरविंद अवस्थी, कार्य अध्यक्ष  प्रतीक त्रिवेदी, उपाध्यक्ष प्रवीण पांडे, अनिल तिवारी आदि लोग उपस्थित हुए।
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