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कोरोना 2021 की नई लहर से जंग - इस बार होली 2021 फिर हुई बेरंग - होली मनी मेरा घर मेरी होली संग





नागरिकों का सरकारी दिशानिर्देशों का पालन और स्वतः संज्ञान से सावधानी जरूरी - एड किशन भावनानी



गोंदिया - वैश्विक स्तर पर फिर अभी 2021 की शुरुआत में ही कोरोना की दूसरी लहर देखी जा रही है, जिसमें अनेक देश चपेट में आए हैं और अपने यहां तीव्र गतिसे लॉकडाउन की ओर बढ़ रहे हैं, जबकि कुछ देशों ने लॉकडाउन लगा भी दिया है।.. बात अगर हम भारत की करें तो यहां भी पहले 3 फिर 5  फ़िर 8 और अभी और अधिक प्रदेश कोरोना की चपेट में आते जा रहे हैं और पीड़ितों की संख्या बहुत ही तेजी से बढ़ रही है।

..बात अगर हम इसवर्ष की होली 2021 की करें तो कई राज्यों ने होली पर अनेक प्रतिबंध और दिशानिर्देश जारी किए जाने, अप्रत्यक्ष रूप से होली सार्वजनिक स्थलों पर मनाने पर पाबंदी थी और अनेक धार्मिकस्थलों, सार्वजनिक स्थलों, आस्थाओं के स्थलों, या पारंपरिक होली मनाने वाले स्थलों पर साफ-साफ सरकारों के दिशानिर्देश का पालन करने की ताकीद की गई थी याने अगर हम देखें तो होली कानूनी दायरे में रहकर एक हुड़दंग, गले मिलने रंगों की बौछार करने झूमने नाचने मौज मस्ती करने,का दिन होता है। 

कई राज्यों के क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के द्वारा नजर भी रखी गई, परंतु अगर होली पर कुछ बंदिशें लगाई जाए तो यह त्यौहार कुछ फीका पड़ जाता है जो के इस बार भी 2021 में होली की मौज फीकी ही रही। अनेक राज्यों ने अपने अपने स्तर पर दिशानिर्देश जारी किए थे और महाराष्ट्र में भी होली 28 मार्च 2021 के दिन से ही शाम 8 बजे से सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू तथा दिल्ली, बिहार, राजस्थान, पंजाब गुजरात सहित अनेक प्रदेशों ने भी अपनी अपनी गाइडलाइंस जारी की थी जिसका पालन अधिकतर प्रदेशों में हुआ और होली बेरंग हुई। 

हालांकि यह एक अच्छा कदम भी हुआ क्योंकि अगर हम बेफिक्र होकर होली मनाते तो इसपर विपरीत परिणाम आते और एकदम कोरोना विस्फोटक स्थिति भी ऑन पड़ सकती थी। अतः लोगों ने कोराना का प्रभाव न पड़े और घर पर कोरोना न घुसे इसके लिए बहुत संयमता से, सावधानी रखी, जैसे लोगों ने अपने दोस्तयारों को घर में बुलाने में संयम बरता, रंग गुलाल सावधानी से लगाए, मास्क मुह पर बांधरखा, सामाजिक संस्थाओं द्वारा अपने कार्यक्रम रद्द किए गए थे, 

धार्मिक स्थलों पर होली कार्यक्रम मनाने नहीं दिखे,और धार्मिक स्थान होली पर अधिकतर बंद नजर आए और इस बार रंगों का इस्तेमाल कम नजर आया, बाजारों में होली के स्टाल कम नजर आए,स्वभाविक रूप से ग्राहकों की भी होली सामानों पर रूचि नहीं के बराबर दिखी और अपेक्षाकृत होली सामानों का व्यापार कम हुआ, इस्तेमाल कम हुआ लोगों ने होली का को अवॉइड किया। ऐसा बहुत शहरों, गलियों, मोहल्लों में दिखा। बस घरपर परिवार वालों के साथ ही होली मनाई गई बुजुर्गों या बच्चे होली में ना के बराबर नजर आए। 

परंतु फिर भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा सोमवार दिनांक 29 मार्च 2021 को शाम को शहरों में होली का प्रोग्राम, मौज-मस्ती इत्यादि दिखाया गया यह देख कर ऐसा महसूस हुआ कि कोरोना भारतवर्ष में है ही नहीं हम सभी नागरिकों का यह कर्तव्य है कि स्वतःसंज्ञान लेकर ही कोरोना महामारी की विभिशक्ताको समझें और लापरवाही बिल्कुल ही ना बरतें और सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन कर टीकाकरण स्वतः होकर लगाएं और महामारी को भगाने में सहयोग करें। 

हालांकि एक समय था,क्या बच्चा,क्या जवान, क्या बुजुर्ग, होली के रंग में मस्ती मस्त होकर चार-पांच दिन पहले से ही होली का माहौल हो जाता था दूर-दूर तक खुशियों की बौछार होती रहती थी, चिंता की लकीरें दूर-दूर तक नहीं होती थी, परंतु अब कोरोना महामारी ने 2020 और 2021 में ऐसी भारी प्रकोप स्थिति फैलाई है कि त्यहोहार सब बेरंग होते जा रहे हैं, जैसे होली तो उल्लास वाला त्यौहार है वह भी फीका और बेरंगी ही रहा क्योंकि, जनता बहुत सचेत रही और धूम मस्ती से अधिक बल पूर्णसावधानी बरतने पर ध्यान दिया गया,

जान है तो जहान है, स्वास्थ्य है तो होली दिवाली और सभी परिवार कभी भी मना सकते हैं, तन स्वास्थ्य है तो हर पल होली दिवाली है, यह सोच नागरिकों में आ गई तो कोरोना महामारी को भारत से अतिशीघ्र जाना होगा। जिसके लिए टीकाकरण का तीव्र सहयोग देकर टीकाकरण लगाना होगा और सरकारोंको टीकाकरण और कोरोना महामारी के दिशा निर्देशों का पालन करने में सहयोग देना होगा।

- लेखक - कर विशेषज्ञ 
एड किशन सनमुखदास भावनानी 
गोंदिया (महाराष्ट्र)
लेख 5684367851520625783
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