Loading...

आनंद देते चलें...

- प्रभा मेहता, नागपुर, महाराष्ट्र

तालियां मिलती हैं जीवन में
तो ताने भी कम नहीं मिलते।
प्रशंसक यदि हैं आपके,तो
निंदक भी कम नहीं होते।

प्रशंसा व निंदा के झूलों में झूलकर
कब कोई कहीं पहुंच पाए है ?
इससे मानव तो क्या
देव भी नहीं बच पाए हैं।

आप अच्छे है या बुरे इसका निर्णय
प्रसंशकों की तालियों या
विरोधियैं के तानों से नहीं,
अपनी आत्मा में झांककर करें
अपनी कमजोरियों में सुधार
व खूबियों को बनाए रखें।

अपने को, अपने कार्यों को
आत्मा की आवाज पर
तौलते, आगे बढ़ते चलें।

कुछ अच्छा करने का आनंद
जीवन में लेते चलें, 
आनंद देते चल़ें ।

काव्य 6152483405427873208
मुख्यपृष्ठ item

ADS

Popular Posts

Random Posts

3/random/post-list

Flickr Photo

3/Sports/post-list