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विदर्भ के ३ जिले में होगा चारा विकास प्रकल्प

नागपुर। विदर्भ के कुछ जिलों में वन जमीन तृणभूमि के लिए सुरक्षित है। अनेक गांवों में उसे गायरान के तौर पर जाना जाता है। विदर्भ के ५ जिलों में इस तरह की ४२ हजार हेक्टेयर वन जमीन तृणभूमि के लिए सुरक्षित है। इसका कब्जा वन विभाग के पास में है। 

विदर्भ में पशु चारा की कमी को पाटने के लिए तीन जिलों में प्रयोग के आधार पर चारा विकास प्रकल्प अमल में लाया जायेगा। इसके लिए वन विभाग की पहल पर काप्मा के जरिये निधि मिलेगी। इसके अलावा राष्ट्रीय पशु मिशन की निधि का उपयोग भी इस प्रकल्प के लिए किया जायेगा।  

यह प्रकल्प वर्धा, भंडारा और यवतमाल जिले में  लागू किया जाएगा। तीन जिलों में तृणभूमि गायरान के तौर पर सुरक्षित ढाई हजार हेक्टेयर जमीन पर स्थानीय प्रजाति की पोषक घास और चारा की फसल लगाने की यह योजना है। 

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