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काया और माया साथ नहीं जायेगी

काया और माया साथ नहीं जायेगी, 
जीवन का भरोसा नहीं कब मौत आ जायेगी, 
काया और माया साथ नहीं जायेगी।  

हे मानव इस काया पर गुमान मत कर, 
यह तो हाथों का मेल समझा कर, 
यह माया सब झूठी है पल भर में मिट जायेगी ।। काया और माया...  

यह जीवन दो दिन का मेला है माया का हवेला है तेरे साथ कोई नहीं आया अकेले ही जाना है, 
यह पलक झपकते ही दुनिया दूर हो जायेगी ।। काया और माया....  

इन रिश्तों का भरोसा मत कर, 
इस दुनिया से कोई आशा मत कर, 
तेरी सांस रुकते ही सब दुनियां दूर हो जायेगी। काया और माया....  

जीवन नैया से तरना है यह सोच रखा कर, 
ईश्वर की भक्ति में नित लगा कर, 
प्रेम लखन कहे भक्ति में शक्ति है तेरी जीवन नैया तर जायेगी। 
यह काया और माया साथ नहीं जायेगी।  

- लखनलाल माहेश्वरी, पूर्व व्याख्याता 
  अजमेर (राजस्थान) 
काव्य 1736276201726415682
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