सरकार मंडी शुल्क करें कम : प्रताप मोटवानी
https://www.zeromilepress.com/2020/10/blog-post_57.html
नागपुर। पूरे महाराष्ट्र में कृषि उत्पन बाजार समिति द्वारा मंडी शुल्क लगने से उपभोक्ताओं को अनाज महंगा मिलता है और किसान भी मंडी सेस से प्रभावित हो रहे है। दि होलसेल ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट के अनुसार कृषि उत्पन्न बाजार समिति मंडी शुल्क वसूल कर करोड़ो रुपयों की एफ डी जमा कर रही है। जब कि यह शुल्क मार्केट यार्ड में सुविधाओं के नाम लिया जाता है। सुविधाएं तो कोसो दूर मंडी यार्ड में व्यापारी और किसान के साथ आम उपभोक्ता बुरी तरह प्रताड़ित है। आज मध्यप्रदेश प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंग चौहान ने मंडी सेस 1.70 प्रति सैकड़ा घटा कर 50 पैसा कर किसानों और व्यापारियों को दीपावली का तोहफा प्रदान किया है। गत एक हफ्ते से पूरे मध्यप्रदेश में सभी मंडियां अनिश्चित कालीन बंद थी किसानों और व्यापारियो की एकता देख अंततः सरकार को झुकना पड़ा।।मोटवानी ने बताया कि कर्नाटक सरकार ने भी अपने राज्य में मंडी शुल्क 35 पैसा सैकड़ा कर राहत प्रदान की है। मोटवानी ने बताया नागपुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति में इतनी दुर्दशा है कि सड़कों की हालत बुरी तरह खराब है।सिक्युरिटी कम होने से चोरियां हो रही है। व्यापारियो को नए लायसेंस नही दिए जा रहे है रिनिवल में भारी समस्या है दुकानों का ट्रांसफर नही हो रहा है। न्यू ग्रेन मार्किट में गेट खोलने का मुद्दा गत 5/6 सालों से पेंडिंग है। मार्किट के अधिकतर गेट बंद होने से यातायात की भारी समस्या है।बिजली के बिल कृषि उत्पन बाजार मार्किट दे रहा है। दुकानों पर मनपा टेक्स ले रही है पर सुविधा नगण्य है। ऐसी परिस्थितियों में व्यापारी भगवान भरोसे काम कर रहा है। मोटवानी ने बताया कि होलसेल अनाज मार्किट में दुकाने कई साल से बनकर तैयार है पर वाटप नही हो रहा है। दुकाने खराब होकर खंडहर बन रही है। मोटवानी ने बताया कि उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और कृषि मंत्री सहकार मंत्री को ट्वीट कर उपरोक्त समस्यों की जानकारी देकर मंडी शुल्क 35 पैसा सैकड़ा करने की मांग की है। अन्यथा मध्यप्रदेश के समान महाराष्ट्र में हड़ताल की तैयारी की जाएगी प्रताप मोटवानी, सचिव होलसेल ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट अस्सो. MP में मण्डी टैक्स .50 प्रतिशत हुआ। एक खुशी की बात और है कि निराश्रीत शुल्क को भी 20 पैसे हटाया गया, बहुत - बहुत बधाई।