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पूर्व मुख्यमंत्री की देशभर में हो रही सराहना

लोगों के सामने किया आदर्श स्थापित

नागपुर/मुंबई। महाविकास आघाड़ी सरकार के लगभग डेढ़ दर्जन मंत्रियों की कोरोना जांच रिपोर्ट पाजिटिव आ चुकी है तथा कोई भी मंत्री सरकारी अस्पताल में शामिल नहीं हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री तथा विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़णवीस लोगों के सामने एक आदर्श स्थापित किया है, इस वजह से राज्य ही नहीं बल्कि देशभर में सराहना हो रही है। 

कोरोना पाजिटिव होने के बाद चाहते तो बड़े से बड़े निजी अस्पताल में दाखिल हो सकते थे लेकिन उन्होंने सरकारी अस्पताल में भर्ती होकर सरकारी अस्पतालों पर भरोसा निश्चित रूप से बढ़ा दिया है। हाल ही राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी कोरोना पाजिविट पाए गए और वे भी ब्रीच कैंडी में भर्ती हुए लेकिन देवेंद्र फड़णवीस एकमात्र ऐसे नेता साबित हुए हैं जो सरकारी अस्पताल सेंट जॉर्जेस में शामिल होकर सरकारी अस्पताल और सरकारी डॉक्टरों पर भरोसा जता चुके हैं। 

अपने राज्य के सरकारी अस्पतालों पर देवेंद्र द्वारा दिखाया गया यह विश्वास अन्य सभी के लिए आदर्श साबित हो रहा है। महाराष्ट्र राज्य के मंत्रीगण अजित पवार, अशोक चव्हाण, सुनील केदार, जितेंद्र आव्हाड, धनंजय मुंढे, नितिन राउत सहित कई कोरोना पाजिटिव पाए गए लेकिन किसी ने भी सरकारी अस्पताल में भर्ती होने का साहस नहीं दिखाया। 

कुछ मंत्री तो अपने गांव के सरकारी और निजी अस्पताल छोड़कर एंबुलेंस से मुंबई जाकर निजी अस्पताल में भर्ती हुए। किसी भी नेता के पास पैसों की कोई कमी नहीं है लेकिन उन्हें मंत्री होने के नाते राज्य के सरकारी अस्पतालों में भर्ती होकर अन्य के सामने सर्वश्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए था लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया। 

केवल देवेंद्र फड़णवीस ने ही ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सरकारी अस्पताल में भर्ती होने का फैसला किया जो उनके प्रति लाखों लोगों में सहानुभूति पैदा कर गया है। राज्य ही नहीं बल्कि देशभर के करोड़ों लोग देवेंद्र के इस कदम की सराहना करते हए उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।
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