राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ की हुई सहविचार सभा
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नागपुर। नेशनल इन्स्टिटयूट ऑफ बिझनेस मैनेजमेंट, पावनभूमि, नागपुर में डॉ. बबनराव तायवाडे की अध्यक्षता में अखिल भारतीय ओबिसी महासंघ पुरस्कृत राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ की सहविचार सभा एक आंदोलनात्मक तैयारी करने के उद्देश्य से हुई।
इस सभा में राज्य व केंद्र सरकार का ध्यानाकर्षित करने के लिए आगामी 3 नवंबर को महाराष्ट्र के सभी जिलाधिकारी व तहसीलदारों के मार्फत राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ की ओर से मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को निवेदन भेजा जायेगा।
10 नवंबर को मुंबई में ओबिसी संगठनों के पदाधिकारियों की उपस्थिति में ओबीसी गोलमेज परिषद का आयोजन किया गया है। जबकि 7
दिसंबर को शीतकालीन विधानसभा अधिवेशन के पहले दिन ओबीसी महामोर्चा निकालकर विधान भवन का घेराव करने का निर्णय राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ व संलग्नित जातीय व ओबीसी संगठनों ने लिया है।
उल्लेखनीय है कि गत 8 अक्टूबर को ओबीसी महासंघ व विविध ओबीसी संगठनों ने सांसदों व विधायकों के घर के सामने थालीनाद आंदोलन करते हुए ओबीसी समाज की मांगों का निवेदन सौंपा था। इसके दूसरे दिन 9 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने संगठन के पदाधिकारियों को चर्चा के लिए बुलाया था।
इस बैठक में सभी समस्याओं पर सकारात्मक चर्चा कर 16 अक्टूबर को यह समस्याएं हल करने के लिए 16 अक्टूबर को अन्य पिछड़ा वर्ग मंत्रिमंडल उपसमिति का गठन किया गया था। 20 अक्टूबर को उपसमिति की बैठक हुई थी.
बैठक में नागपुर विभाग के नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, यवतमाल, गडचिरोली, भंडारा, गोंदिया, आदि जिले से बड़ी संख्या में ओबीसी समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे। सहविचार सभा में ओबीसी महासंघ के राज्य पदाधिकारी तथा प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित थे।
जिनमें शाम, बबलू कटरे, प्रा. संजय पन्नासे, गुणेश्वर आरिकर, प्रा. नितीन कुकडे, वंजारी सर, शेलोकर सर, कवीश्वर रोहनकार, कामडी सर, कृपाल भोयर, प्रा. पोफले सर, नाना झोडे, पिल्लारे सर, प्रा. राजू गोसावी, डॉ. मुकेश पुडके, विजय पिदूरकर, गणपत लेडागे, अविनाश पाल, प्रा. डॉ. उदय देशमुख, विनोद उलीपवर, मनोज चव्हाण, लीना कटरे, योगिता लांडगे, वैद्य ताई, नयना झाडे, नंदा देशमुख,सुनीता येरणे, श्वेता मोटघरे हेडाऊ, अनिता ठेंगरे, डॉ. श्याम चरडे, ईश्वर ढोले, राजू हिवंज, संजय हेडाऊ, नामदेव भोयरकर, राजू खडसे, पंकज पांडे, रोशन कुंभलकर, मयुर वाघ, सोनिया वैद्य, विनोद हजारे, ऋषभ राऊत, शुभम वाघमारे, रोहित हरणे, युवराज मौस्कर, बादल बेले, संतोष देरकर सहित विविध जाति संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।