मानसिक स्वास्थ्य को सकारात्मक सोच जरूरी
पिछले कुछ महीनों से करोना महामारी मे बार बार हमारे 'ईम्युनिटी सिस्टम' अर्थात हमारे शरीर की 'रोग प्रतिरोधक क्षमता' की चर्चा की जाती है।
हम सब अपनी ईम्युनिटी को बढाने व सुधारने की हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इस महामारी ने हमको यह समझा दिया कि 'जान है तो जहान' है अर्थात हमारे शरीर का स्वास्थ्य, तंदुरुस्ती सबसे ज्यादा जरूरी है।
शारिरिक स्वास्थ्य के लिए मानसिक स्वास्थ्य सबसे ज्यादा जरूरी होता है। आपके पास कितना भी पैसा, पाँवर, पद ओहदा हो आप उससे अपना स्वास्थ्य व मानसिक खुशी नहीं खरीद सकते।
मानसिक स्वास्थ्य व मानसिक शांति हमारे सकारात्मक सोच, विचार व संतुलित - सकारात्मक व्यवहार से ही आ सकती हैं।
आप अपनी रोग प्रतिकात्मक शक्तियों को बढाने के लिए कितना भी पौष्टिक, संतुलित आहार, दवाईयां इत्यादि ले लेवें लेकिन जब तक आपका मन शांत नहीं होगा आपके सारे प्रयत्न सिमीत फल देंगे।
मनको शांत, स्वस्थ, संतुलित रखने के लिए आप हमेशा सकारात्मक सोच विचार रखें।
जीवन में आगे बढने के लिए प्रतिस्पर्धा, ईर्ष्या कुछ हद तक जरूरी होती है। हमने सकारात्मक सोच रखकर बिना ईर्ष्या - जलन अपनी तुलना दुसरे से करते हुये सफल व्यक्ति से उसकी सफलता व गुणों को समझकर अपनाने की कोशिश करना चाहिए।
हमने अपने आँख, कान खुले रखते हुये हमारे आसपास की हर अच्छाइयों को खुले दिल से ग्रहण करते रहना चाहिए। हम प्रायः हमारी तुलना दुसरों से करते हुये अथवा जो हमें प्राप्त नहीं हुआ उसके लिए दुसरों से अपेक्षा, दुसरो से शिकायत करते हुए अपने को अशांत व मानसिक तनाव मे डालते रहते हैं।
हर इंसान अपने खुद के परिश्रम, नसीब से उपलब्धि प्राप्त करता है।
हमें यह समझना जरूरी होता है कि हमारे बैंक के खाते मे पैसा जमा रहने पर ही हमारा चेक पास हो सकता है, किसी दुसरे के खाते के पैसों से हमारा चेक पास नहीं हो सकता।
जिस तरह दिन के बाद रात व रात के बाद दिन आता है उसी तरह समय हमेशा बदलता रहता है व हमें परिस्थितियों से बिना घबरायें अपनी तरफ से हमेशा सकारात्मक सोच के साथ प्रयत्न करते रहना चाहिए।
हमने हमारे दैनिक दिनचर्या में अच्छे लोगों व अच्छी बातों की समय समय पर तारीफ करने की आदत रखना चाहिए। दुसरों के अच्छे कार्यों की तारीफ करते रहने से हम धीरे धीरे अंहकार मुक्त होकर सकारात्मकता की ओर बढते चले जाते है और हमारे व्यक्तित्व में निखार आता जाता है।
अपने मानसिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति व रोग प्रतिकारक शक्ति बढाने के लिए हमे इन बातों का ध्यान रखना चाहिए : हमारे साथ जो भी अच्छा/बुरा हो रहा हो उसके लिए हम कभी दुसरों को जिम्मेदार नहीं माने तथा हमारे साथ हुये अच्छे/बुरे के लियें अपने अपने खुद के कर्म, भाग्य, प्रारब्ध की देन समझकर कभी किसी से शिकायत नहीं करे।
हमें दुसरों से अपेक्षा रखने कि बजाय खुद से सकारात्मक प्रयास व प्रयत्न करते रहना चाहिए।
हर परिस्थिति में सामने वाले के स्थान पर खुद रखते हुए पुरी स्थितियों का आकलन करके कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेना चाहिए।
हमें अपनी तुलना किसी दुसरे से किये बिना अपनी तरफ श्रेष्ठ करने का प्रयास करते रहना चाहिए। हमारे साथ किसी ने अच्छा किया तो उसे दिल से तारीफ करते हुए धन्यवाद करना चाहिए।
हमेंदूसरों की उपलब्धियों, खुशी मे भागीदार बनकर दिल से खुश होकर उनकी तारीफ करने की आदत डालना चाहिए।
- शरद गोपीदासजी बागडी, नागपुर (महाराष्ट्र)
अंतरराष्ट्रीय - राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त लेखक एवं समाज सेवी
राष्ट्रीय समाज सेवा रत्न २०२० पुरस्कार
माहेश्वरी आँफ द डिकेड २०२०-२१
राष्ट्रीय गौरव संम्मान २०१९,भोपाल
भारत श्री २०१९,दिल्ली
संपूर्ण क्रांति पुरस्कार २०१८,दिल्ली
Time's Business Education award 2018
जीवन गौरव संम्मान २०१७,
माहेश्वरी आँफ द ईयर २०१६,उज्जैन
समाज भुषण पुरस्कार २०१५,दिल्ली
Wealth Creator of Decade 2014, Mumbai