दीक्षाभूमि में धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस सादगी से
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नागपुर। दीक्षाभूमि में आयोजित धम्मचक्र प्रवर्तन स्थापना दिवस कार्यक्रम कोविड - १९ के नियमों का पालन करते हुए डा. बाबासाहब आंबेडकर स्मारक समिति की ओर से सादगी के साथ मनाया गया। सुरक्षा की दृष्टि से दीक्षाभूमि परिसर में पुलिस बंदोबस्त रखा गया था।
सनद रहे कि १४ अक्टूबर १९५६ को विजयादशमी के अवसर पर डा. बाबासाहब आंबेडकर ने पवित्र दीक्षाभूमि पर महास्थवीर चंद्रमणि से त्रिशरण व पंचशील ग्रहण कर धम्मदीक्षा प्राप्त की थी। उसकी स्मृति के रूप में दीक्षाभूमि में प्रति वर्ष विजयादशमी के अवसर पर धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
किंतु इस वर्ष कोरोना वायरस संक्रमण के प्रादुर्भाव को देखते हुए राज्य सरकार एवं प्रशासन की ओर से कोराना की रोकथाम के संबंध में जो दिशा निर्देश जारी किए गए है उसका कड़ाई से पालन कर सादगी के साथ धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस मनाया गया।
प. पू. डा. बाबासाहब आंबेडकर स्मारक समिति के अध्यक्ष भदंत आर्य नागार्जुन सुरई ससाई के हाथों दीक्षाभूमि में गौतम बुद्ध व डा. बाबासाहब आंबेडकर की प्रतिमा व आंबेडकर की अस्थि पर पुष्प अर्पण किये गए। इसके बाद सामूहिक बुद्धवंदना की गई। उसका हिंदी भाषा में भी रूपांतरण किया गया।
समता सैनिक दल की ओर से भी मानवंदना दी गई। इस अवसर पर समिति के सचिव डा. सुधीर फुलझेले, सदस्य ना.रा. सुटे, एड. आनंद फुलझेले, विलास गजघाटे, आंबेडकर महाविद्यालय की प्राचार्य डा. बी.ए. मेहरे आदि प्रमुखता से उपस्थित थे।